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पाकिस्तानी जासूसों को सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाला ओडिशा का युवक गिरफ्तार, मंगलुरु ब्लास्ट से है कनेक्शन

पाकिस्तानी जासूसों और साइबर ठगों को सिम कार्ड बेचने व उन्हें पहले से सक्रिय डिजिटल वॉलेट उपलब्ध कराने के मामले में ओडिशा एसटीएफ ने एक युवक को गिरफ्तार किया है। युवक का नाम प्रीतम है। एसटीएफ के अनुसार प्रीतम दो पीआईओ और आईएसआई एजेंटों से सीधे संपर्क में था।

By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Sun, 11 Jun 2023 11:08 PM (IST)
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ओटीपी साझा कर जासूसों व साइबर ठगों को पहुंचाता था मदद।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर: पाकिस्तानी जासूसों और साइबर ठगों को सिम कार्ड बेचने व उन्हें पहले से सक्रिय डिजिटल वॉलेट उपलब्ध कराने के मामले में ओडिशा एसटीएफ ने एक युवक को गिरफ्तार किया है। युवक का नाम प्रीतम है। एसटीएफ के अनुसार, प्रीतम दो पीआईओ (पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स) और आईएसआई एजेंटों से सीधे संपर्क में था।

टॉस्क फोर्स को यह भी पता चला है कि पिछले साल 19 नवंबर को आतंकवादियों द्वारा कर्नाटक के मंगलुरु में किए गए ऑटो ब्लास्ट में आरोपी द्वारा इस्तेमाल किए गए सिमकार्ड और डेबिट कार्ड प्रीतम ने ही उपलब्ध कराए थे। ओटीपी शेयरिंग मामले में एसटीएफ कुछ दिन पहले भी ओडिशा के चार युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।

एसटीएफ ने दी गिरफ्तारी की जानकारी

एसटीएफ ने रविवार को बयान जारी कर प्रीतम को गिरफ्तार करने की जानकारी दी। प्रीतम और उसके सहयोगी 2017 से पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स (पीआईओ) और आईएसआई एजेंटों और साइबर अपराधियों के साथ अपने नाम तथा अन्य नामों से जारी सिम पर आने वाला ओटीपी साझा कर उन्हें सोशल मीडिया के एकाउंट और डिजिटल लेनदेन के वॉलेट खोलने व उन्हें सक्रिय रखने में मदद करते थे।

अफवाह फैलाने के लिए सोशल मीडिया का किया जाता था प्रयोग

इस तरह के वॉलेट और सोशल मीडिया एकाउंट का उपयोग राष्ट्रविरोधी गतिविधियों और अफवाह फैलाने के लिए किया जाता था। जांच-पड़ताल के दौरान एसटीएफ को पता चला है कि प्रीतम प्री एक्टिव सिम एक हजार रुपये से लेकर 30 हजार रुपये तक में बेचता था।

हजारों प्री एक्टिव सिम बेच चुका है आरोपी

पिछले छह सालों के दौरान वह हजारों प्री एक्टिव सिम असामाजिक और आपराधिक तत्वों तथा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंटों को बेच चुका है। अपने इस अवैध कारोबार को चलाने के लिए प्रीतम ने वाट्सएप ग्रुप बना रखे थे, जिनके जरिये वह पहले से सक्रिय सिम और उस पर आने वाले ओटीपी को रुपये लेकर उपलब्ध कराता था। हाल ही में ओटीपी और डिजिटल वॉलेट बेचने के एवज में उसने 1.5 लाख रुपये भी प्राप्त किए थे। वह कई विदेशी नंबरों पर भी व्हाट्सएप वायस कॉल और चैट करता था।

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