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Puri Jagannath Rath Yatra के दूसरे दिन बारीपदा और नीलगिरी में निकाली जाती है यात्रा, महिलाएं खींचती है देवी सुभद्रा का रथ

Puri Jagannath Rath Yatra Updates पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा पूरे विश्व में मशहूर है। ऐसा माना जाता है कि प्रथम दिन भगवान जगन्नाथ पुरी में विराजमान रहते हैं तथा दूसरे दिन वह बारीपदा जो कि दूसरा श्री क्षेत्र माना जाता है वहां चले जाते हैं। मान्‍यता है कि प्रभु तीसरे दिन वे तीसरे श्रीक्षेत्र नीलगिर‍ि में रहते हैं। वहीं बार‍ीपदा में रथयात्रा उत्‍सव अनोखे रूप में मनाया जाता है।

By Jagran News Edited By: Prateek Jain Updated: Sun, 07 Jul 2024 11:02 AM (IST)
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बारीपदा में उत्सव को अनूठे रूप से मनाया जाता है।
लावा पांडे, बालेश्वर। भगवान जगन्नाथ की आध्यात्मिक रथ यात्रा उत्सव पुरी में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है । लेकिन मयूरभंज जिला के बारीपदा में यह उत्सव अनूठा है जहां केवल महिलाएं ही देवी सुभद्रा के रथ को खींचती है, जो वास्तव में नारी शक्ति का एक उदाहरण है।

पुरी को पहला श्री क्षेत्र माना जाता है तथा बारीपदा को दूसरा श्री क्षेत्र माना जाता है, जबकि बालेश्वर जिला के अंतर्गत आने वाले नीलगिरी नामक स्थान को तीसरा श्री क्षेत्र माना जाता है। इन तीनों स्थानों पर महाप्रभु जगन्नाथ, भगवान बलराम और देवी सुभद्रा के भव्य मंदिर आज भी विराजमान है।

संघमित्रा 20 साल से खींचती आ रहीं सुभद्रा देवी का रथ 

बारीपदा की एक महिला संघमित्रा दास ने बताया कि वह विगत 20 वर्षों से देवी सुभद्रा का रथ बारीपदा में खींच रही है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह एक अहम कदम है।

ऐसा माना जाता है कि प्रथम दिन भगवान जगन्नाथ पुरी में विराजमान रहते हैं तथा दूसरे दिन वह बारीपदा जो कि दूसरा श्री क्षेत्र माना जाता है वहां चले जाते हैं। ऐसा कई भक्तों का कहना है। आज पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा पूरे विश्व में मशहूर है।

मौसी के घर जाते हैं भगवान 

वहीं, बारीपदा में देवी सुभद्रा का रथ जोकि केवल महिलाओं के द्वारा खींचा जाता है पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। नीलगिरी नामक स्थान पर जगन्नाथ जी का रथ मंदिर परिसर से लेकर मौसी मां के घर तक जाता है।

भक्त यहां भी बालेश्वर के विभिन्न स्थानों से पहुंचकर पूरे भक्ति भाव से रथ को खींचते हैं। पुरी में भगवान बलराम, भगवान जगन्नाथ और देवी सुभद्रा के रथ को पुरुष और महिलाएं मिलकर खींचते हैं और ओडिशा के प्राय सभी स्थानों पर तीनों भगवान के रथों को पुरुष और महिला मिलकर खींचते हैं, लेकिन केवल बारीपदा जोकि‍ मयूरभंज जिला में मौजूद है वहां पर देवी सुभद्रा के रथ को केवल महिलाओं के द्वारा ही खींचा जाता है।

छोटे-बड़े रथों से भर जाती है सड़क

रथ यात्रा के दिन केवल पुरी, बारीपदा या नीलगिरी ही नहीं पूरे ओडिशा के पूरे ग्रामीण इन इलाकों से लेकर शहरी इलाकों में छोटे-बड़े रथ से पूरी सड़क भरी रहता है। यह नजारा काफी अद्भुत दिखता है।

छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों तक अपने-अपने घरों, मोहल्ले, इलाकों में मौजूद मंदिरों से छोटा रथ या बड़ा रथ अवश्य लेकर सड़कों पर निकलते हैं और भगवान के मौसी मां का घर तक जाते हैं। यह नजारा काफी मनमोहक होता है और भक्ति भाव से भरा होता है।

ओडिशा का महापर्व कहा जाने वाला महाप्रभु श्री जगन्नाथ का रथ यात्रा ओडिशा के लोगों के साथ-साथ पूरे भारतवर्ष तथा विश्व के लोगो के बीच प्रसिद्ध है। विश्व के कई देशों से लोग पूरी, बारीपदा और नीलगिरी नामक स्थान पर आज भी पहुंचकर महाप्रभु के इन तीनों क्षेत्रों में रथ यात्रा के मौके पर अवश्य शामिल होते हैं।

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