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9 सालों में ओडिशा में गरीबी से मुक्त हुए एक करोड़, लिस्‍ट में अब भी साढ़े तीन लाख से अधिक; नीति आयोग की रिपोर्ट में खुलासा

देश में बीते नौ सालों में लगभग 25 करोड़ लोग गरीबी से मुक्‍त हुए हैं। वहीं अगर ओडिशा की बात करें तो इसी समयावधि में राज्‍य में एक करोड़ लोग गरीबी से मुक्‍त हुए हैं। अब भी साढ़े तीन लाख से अधिक लोग राज्य में गरीब हैं। नीति आयोग की रिपोर्ट से यह बात पता चली है। 2013-14 से 2022-23 के बीत यह सफलता मिली है।

By Jagran News Edited By: Arijita Sen Updated: Wed, 17 Jan 2024 12:57 PM (IST)
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9 वर्ष में ओडिशा में गरीबी से मुक्त हुए हैं एक करोड़ लोग: नीति आयोग रिपोर्ट।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। देश में गरीबी से 25 करोड़ लोग मुक्त हुए हैं। नीति आयोग की रिपोर्ट से यह बात पता चली है। 2013-14 से 2022-23 के बीत यह सफलता मिली है। वहीं 9 वर्ष में ओडिशा में एक करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं। बीजद ने कहा है कि मुख्यमंत्री के विभिन्न विकासमूलक कार्यक्रम एवं जनकल्याणकारी योजना तथा व्यापक नियुक्ति के कारण उल्लेखनीय सफलता मिली है।

गरीबी रेखा से बाहर हुए करोड़ों भारतीय

देश में गरीबी दर में कमी आयी है। पिछले 9 वर्ष में देश में लगभग 25 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं। नीति आयोग की रिपोर्ट से यह आंकड़ा सामने आया है।

2013-14 से 2022-23 के बीच यह सफलता मिली है। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान में सर्वाधिक 2013-14 में देश में गरीबी दर 29.17 प्रतिशत थी जबकि 2022-23 में यह 11.28 प्रतिशत तक आ गई है।

लोगों ने किया पीएम मोदी का शुक्रिया अदा

गरीबी दर कम होने पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि नीति आयोग की रिपोर्ट बता रही है कि मोदी सरकार की जनहित योजना के लिए 9 वर्ष में 11 प्रतिशत से अधिक गरीबी कम हुई है।

इसके लिए देश के गरीब, आदिवासी, दलित, वंचित लोगों की तरफ से प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया है। 2013-14 में देश में 30 प्रतिशत लोग गरीब थे। आज 11.28 प्रतिशत गरीब हैं। 9 वर्ष में देश में 18 प्रतिशत अर्थात 24 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं।

ओडिशा में भी गरीबी से मिल रही लोगों को मुक्ति

वहीं 9 वर्ष में ओडिशा में 1 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकलें हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ओडिशा में 2005-06 में 63.84 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे थे। 2015-16 तक यह दर 29 प्रतिशत हुई। इसके बाद 2019-21 तक यह 15.68 प्रतिशत हुई। पिछले 9 वर्ष राज्य में 1.02 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से मुक्ति मिली है।

सीएम पटनायक की योजनाएं ला रहीं रंग

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की विभिन्न विकासमुखी कार्यक्रम एवं जनकल्याणकारी योजना तथा व्यापक नियुक्ति के कारण गरीबी दर में कमी आने की बात बीजद की तरफ से कही गई है। बीजद ने कहा है कि राज्य में मिली यह सफलता पूरे देश के लिए उदाहरण है।

हालांकि, कांग्रेस ने समालोचना करते हुए कहा है कि यह रिपोर्ट बता रही है कि अब भी साढ़े तीन लाख से अधिक लोग राज्य में गरीब हैं। केवल कागज कलम में गरीबी कम हुई है, हकीकत कुछ और है। स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, जीवन धारण के स्तर आदि में विकास को लेकर गरीबी का निर्धारण किया जाता है। इसमें पौष्टिकता, शिशु एवं किशोर मृत्यु दर, मातृ स्वास्थ्य, विद्यालय, विद्यालय में उपस्थिति, रसोई गैस, परिमल, पेयजल, बिजली, आवास बैंक खाते आदि शामिल है।

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