रत्न भंडार खोलने पर आया नया अपडेट! 16 सदस्यीय कमेटी की बैठक आज, लिया जा सकता है बड़ा फैसला
Ratna Bhandar ओडिशा में भगवान जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार खोलने की चर्चाएं तेज है। मोहन सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश विश्वनाथ रथ की अध्यक्षता में 16 सदस्यीय नई समिति गठित की है। कानून मंत्री पृथ्वीराज ने बताया कि शनिवार को नई कमेटी की पहली बैठक होगी। इस बैठक में लिए गए फैसलों के अनुसार आगे का काम शुरू होगा।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने भगवान जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को खोलने की चर्चाओं के बीच दो मार्च 2024 को गठित पुरानी समिति भंग कर दी है।
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद रत्न भंडार जांच के साथ आभूषणों की गिनती के लिए नवीन पटनायक सरकार द्वारा गठित समिति को भंग कर मोहन चरण माझी सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश विश्वनाथ रथ की अध्यक्षता में 16 सदस्यीय नई समिति का गठन किया है। अचानक सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय ने सभी को चौंका दिया है।
बताते चलें कि पुरानी समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरिजीत पसायत रत्न भंडार खोलने को लेकर शनिवार को होने वाली बैठक में भाग लेने के लिए ओडिशा में हैं। वह बैठक में भाग लेने वाले थे। हालांकि, इससे पहले ही सरकार ने उक्त समिति भंग कर दी है।
शनिवार को होगी समिति की पहली बैठक- कानून मंत्री
कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि समिति का गठन राज्य सरकार द्वारा यह तय करने के लिए किया गया है कि श्रीमंदिर रत्न भंडार कब खोला जाएगा, किस प्रक्रिया के तहत रत्नों की गिनती की जाएगी, इसके तौर-तरीके क्या होंगे, रत्न भंडार के अंदर कौन जाएगा। इसे केंद्र में रखकर समिति की पहली बैठक शनिवार को होगी, जिसमें लिए गए निर्णयों के अनुरूप आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।
हरिचंदन ने कहा कि उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि रत्न भंडार को किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में खोला जाए और रत्नों की गिनती की जाए। चूंकि रत्न भंडार को लंबे समय के बाद खोला जाना है। इसलिए, इसे एक सक्षम कमेटी की देखरेख में खोला जाएगा। इसी आधार पर उड़ीसा हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस रथ की अध्यक्षता में 16 सदस्यीय समिति गठित की गई है। हालांकि, मंत्री ने यह नहीं बताया कि पुरानी समिति क्यों भंग की गई।
रत्न भंडार खोलना पहला दायित्व- जस्टिस विश्वनाथ रथ
इधर, नई समिति के अध्यक्ष जस्टिस विश्वनाथ रथ ने कहा कि रत्न भंडार खोलना उनका पहला दायित्व होगा। इसके बाद रत्नों की गिनती एवं मरम्मत के बारे में निर्णय लिया जाएगा। आंतरिक और बाहरी रत्नों एवं आभूषणों को रत्न भंडार से बाहर निकालना और इसे सुरक्षा में रखना एक बड़ा काम है।
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