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ORHDC भ्रष्टाचार मामला: कांग्रेस विधायक मोहम्मद मुकिम को हाई कोर्ट से बड़ा झटका, निचली अदालत के फैसले को रखा बरकरार

Odisha News ओडिशा में कांग्रेस के विधायक मोहम्‍मद मुकिम को बड़ा झटका लगा है। ओडिशा ग्रामीण आवास और विकास निगम (ओआरएचडीसी) भ्रष्टाचार मामले में हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। भुवनेश्वर विशेष विजिलेंस अदालत ने उन्‍हें तीन साल जेल की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट से निराशा हाथ लगने के बाद अब विधायक मोहम्मद मुकिम क्या करते हैं इस पर सबकी नजर है।

By Jagran News Edited By: Arijita Sen Updated: Wed, 10 Apr 2024 02:59 PM (IST)
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कांग्रेस विधायक मोहम्‍मद मुकिम की फाइल फोटो- जागरण।
संवाद सहयोगी, कटक। ओडिशा ग्रामीण आवास और विकास निगम (ओआरएचडीसी) भ्रष्टाचार मामले में बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा कटक-बारबाटी विधायक मोहम्मद मुकिम को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। मोहम्मद मुकिम के आवेदन को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने भुवनेश्वर विशेष विजिलेंस अदालत के फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें उन्हें पहले तीन वर्ष की जेल की सजा सुनाई गई थी।

दो साल पहले कोर्ट ने सुनाई थी सजा

जानकारी के मुताबिक, 29 सितंबर, 2022 को भुवनेश्वर की एक विशेष सतर्कता अदालत ने ओडिशा ग्रामीण आवास विकास निगम (ओचआरडीसी) घोटाला मामले में निगम के पूर्व प्रबंध निदेशक और आईएएस विनोद कुमार, निगम के पूर्व कंपनी सचिव स्वस्तिरंजन महापात्र, मेट्रो बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मोहम्मद मुकिम और निदेशक पीयूष मोहंती को तीन साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी।

मुकिम ने अदालत की राय को दी थी चुनौती

इस राय को चुनौती देकर विधायक मुकिम के द्वारा दायर आवेदन को स्वीकार करते हुए 10 अक्टूबर, 2022 को उच्च न्यायालय ने उन्हें दो मुचलकों के साथ एक लाख रुपये के जमानत बांड पर अंतरिम जमानत दे दी थी और ट्रायल कोर्ट द्वारा जुर्माने की सजा पर अंतरिम रोक जारी कर दी थी।

इसके बाद 19 अक्टूबर, 2022 को हाईकोर्ट ने मुकिम की अंतरिम अर्जी पर सुनवाई करते हुए ट्रायल कोर्ट की सजा पर रोक लगा दी। 22 सितंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश को हटाने की मांग करने वाली राज्य सरकार की याचिका में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था।

आरोप है कि ऋण धोखाधड़ी तब हुई जब विनोद कुमार 4 जनवरी 2000 से 15 मई 2001 के बीच ओआरएचडीसी के प्रबंध निदेशक के रूप में तैनात थे। फैसले को चुनौती देते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने उड़ीसा उच्च न्यायालय का रुख किया था।

अब क्या करेंगे विधायक मोहम्मद मुकिम

हाईकोर्ट से निराशा हाथ लगने के बाद अब विधायक मोहम्मद मुकिम क्या करते हैं, इस पर सबकी नजर है।अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह बारबाटी-कटक विधानसभा क्षेत्र के लिए फिर से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं,जिसे उन्होंने पिछले चुनाव में बीजद से छीन लिया था।

हाल ही में भाजपा छोड़कर बीजद में शामिल हुए वरिष्ठ नेता प्रकाश बेहरा बारबाटी-कटक सीट से बीजद उम्मीदवार हैं। इस विधानसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस ने अभी अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।ऐसे में मुकिम अब क्या करते हैं, इस पर सबकी नजर है।

क्या कहते हैं कानून एवं कानून के जानकार

कानून के कुछ जानकारों के अनुसार जनप्रतिनिधि कानून के तहत जिन लोगों को दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाई गई है, वे छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते।मुकिम के चुनाव लड़ने की उम्मीद तभी जिंदा रहेगी जब वह सुप्रीम कोर्ट से राहत पा सकें और आदेश को चुनौती देने वाली याचिका दायर कर सकें।

इस बीच, बीजद के वरिष्ठ नेता देवाशीष सामंतराय ने कहा है कि यह भ्रष्टाचार से जुड़ा सतर्कता का मामला था और ओआरएचडीसी के कई अधिकारियों को जेल भेजा जा चुका है। मोहम्मद मुकिम और उनके साथी को भी अदालत ने दोषी ठहराया था, लेकिन उन्हें स्टे मिल गया। चुनाव कानून के अनुसार, जिन लोगों को दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाएगी,वे अगले छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते।

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