कटक नगर निगम की पहली मेयर निवेदिता प्रधान ने दुनिया को कहा अलविदा, सियासी गलियारों में शोक की लहर
कटक नगर निगम की पहली मेयर व भाजपा की वरिष्ठ नेत्री निवेदिता प्रधान का गुरुवार निधन हो गया है। उन्होंने गुरुवार अपराह्न अपनी अंतिम सांस लीं। वह पिछले डेढ़ साल से बीमार चल रही थीं। कटक के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था और यहीं उन्होंने अपना दम तोड़ा। उनके निधन पर कई दिग्गजों ने शोक जताया है।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Fri, 11 Aug 2023 01:13 PM (IST)
संवाद सहयोगी, कटक। कटक नगर निगम की पहली मेयर व भाजपा की वरिष्ठ नेत्री निवेदिता प्रधान का गुरुवार निधन हो गया है। उनके निधन पर कई दिग्गजों ने शोक जताया है। वह 60 साल की थीं। लोगों के बीच कुनी अपा के तौर पर जाने जाने वालीं निवेदिता पिछले डेढ़ सालों से बीमारी से पीड़ित होकर नियमित तौर पर इलाज करवा रही थी।
निवेदिता ने गुरुवार को ली अंतिम सांस
कुछ दिन पहले हालत गंभीर होने के चलते उन्हे कटक के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, जहां पर गुरुवार अपराह्न इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को मातामठ, मणिसाहु चौक, बक्सी बाजार, दरगाह बाजार, चौधुरी बाजार, सीएमसी कार्यालय, झोला साही, सेमिनरी चौक, संगम सिनेमा टॉकीज से होकर उनके आवास तक ले जाया गया।
अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में जुटे लोग
यहां उनके भाई-बहन, जीजा एवं रिश्तेदार मौजूद थे। उनके निधन के बारे में खबर पाकर कटक मेयर सुभाष सिंह, बारबाटी कटक के विधायक मोहम्मद मुकीम, पूर्व विधायक व बीजद जिला अध्यक्ष देवाशीष सामंतराय, बीजद नेता रंजन विश्वाल, पूर्व मेयर सौमेंद्र घोष,पूर्व मेयर मीनाक्षी बेहेरा,पूर्व मेयर अनीता बेहेरा, बीजद नेता मोहम्मद शकील,पूर्व विधायक प्रभात रंजन विश्वाल, नगर भाजपा अध्यक्ष लालटेंदु बडू, दिलीप मलिक, सिकंदर अली प्रमुख ने उनका अंतिम दर्शन करने के साथ-साथ उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।छात्र जीवन से ही थीं समाज सेवा के प्रति समर्पित
गुरुवार की शाम को कटक के खान नगर शमशान में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके छोटे भाई सत्य रंजन प्रधान ने उन्हें मुखाग्नि दी। केंद्रपाड़ा में पैदा होने वाली निवेदिता छात्र जीवन से ही समाज सेवा की प्रति समर्पित थीं।केंद्रपाड़ा कॉलेज में पढ़ते समय भाजपा के नेता समीर दे की सलाह पर वह भाजपा में शामिल हुई थीं। भाजपा की महिला मोर्चा राज्य सचिव जैसे पद पर रहते हुए उन्होंने संगठन को मजबूत करने का काम किया।
राजनीति में लंबा रहा सफर
वर्ष 1998 में वह हरिपुर इलाके से पहली बार काउंसलर के तौर पर चुनाव लड़ते हुए हार गई थीं, लेकिन बाद में वह दूसरी बार चुनाव लड़ी। वर्ष 2000 में वह विधायक के तौर पर कटक सदर चुनाव क्षेत्र से चुनी गईं।फिर वर्ष 2003 में कटक म्युनिसिपैलिटी को कॉरपोरेशन घोषणा किए जाने के पश्चात वह विधायक के तौर पर कार्य करते हुए वह हरिपुर इलाके से पार्षद के तौर पर विजय बनीं और कटक नगर निगम की पहली मेयर बनी थींं।
राजनीति के साथ-साथ वह वकालत भी कर रही थीं। उनके निधन के चलते पूर्व मंत्री समीर दे, रेल श्रमिक नेता उत्कल भूषण राउतराय एवं कई विशिष्ट लोगों ने शोक जताया है।
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