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बढ़ रही दिल की धड़कनें, सोने पर नहीं आ रही नींद...ट्रेन में बैठते ही माथे पर आ रही शिकन; लगातार हादसों से डरे यात्री

देश में एक के बाद एक रेल हादसे हो रहे हैं जिसके चलते लोग अब ट्रेन में सफर करते वक्‍त खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। रेल विभाग की ओर से सुरक्षा में अनदेखी और विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण ट्रेन दुर्घटनाएं हो रही हैं जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। ऐसे में चैन से सफर तय नहीं हो पा रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Wed, 01 Nov 2023 09:58 AM (IST)
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देश में लगातार हो रहे रेल हादसों से यात्री डरे हुए हैं।
राजेश साहु, राउरकेला। ट्रेन का सफर लोग सबसे सुरक्षित सफर मानते हैं, लेकिन इन दिनों ओडिशा समेत देश भर के विभिन्न अंचलों में हो रहे रेल हादसों को देखते हुए अब लोग ट्रेन से सफर करने में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे है।

डर-डरकर लोग कर रहे हैं ट्रेन में सफर

ट्रेन में सबसे अधिक मध्यम वर्ग और गरीब परिवार के लोग जनरल से लेकर स्लीपर बोगी में छोटी से लेकर लंबी दूरी का सफर तय करते है, लेकिन इन यात्रियों की मानें तो रेल विभाग की ओर से सुरक्षा में अनदेखी करने के कारण और विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण ट्रेन दुर्घटनाएं हो रही हैं।

इसका खामियाजा आम यात्रियों को जान गंवाने के साथ जिंदगी भर अपंग होकर देना पड़ रहा है। इस दिशा में सुधार लाने के लिए यात्रियों ने अपने-अपने सुझाव रखे ताकि लोग भयमुक्त होकर ट्रेन में सफर कर सके।

आम आदमी कर रहे हैं खामियाजे का भुगतान

उल्लेखनीय है कि ओडिशा के बालेश्वर के बाहानगा में इस साल 2 जून को कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में सैकड़ों यात्रियों की मौत होने के साथ बड़ी संख्या में यात्री घायल हो गए थे। यह हादसा अब तक का सबसे बड़ा ट्रेन हादसा माना जा रहा है।

इसी तरह, 29 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश के विजयनगरम इलाके में हुए पैसेंजर ट्रेन हादसा में कई यात्रियों की जान जाने के साथ कई घायल हुए। इसके बावजूद रेल विभाग द्वारा सुरक्षा में खामियां की वजह से इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। इन हादसों के कारण कई लोगों का परिवार उजड़ जाता है, तो कई लोग अनाथ हो जाते है।

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एक के बाद एक हो रहे ट्रेन हादसे

इसी तरह, 12 अक्टूबर को नई दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन से कामाख्या जा रही आनंद विहार कामाख्या नाॅर्थ ईस्ट एक्सप्रेस बिहार के बक्सर में भीषण हादसे का शिकार हो गई थी। इस ट्रेन हादसे में भी कई यात्रियों की मौत होने के साथ कई घायल हुए थे।

दुर्घटना होने के बाद रेल विभाग के अधिकारी अपना पल्ला झाड़ते हुए एक-दूसरे पर दोष थोपने पर लगे रहते है। जबकि रेलवे के सुरक्षा विभाग के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से काम करने पर इस तरह की हादसों को टाला जा सकता है और लोग भयमुक्त होकर ट्रेन में सफर कर सकते हैं।

स्थानीय यात्रियों ने बताया कि रेलवे आज अत्याधुनिक तकनीकि के जरिये यात्रियों को ट्रेन में सुरक्षित यात्रा कराने का दावा करता है लेकिन आए दिन हो रही दुर्घटनाएं इस दावे की पोल खोल रही हैं, जो बेहद चिंताजनक है।

यात्रियों ने साझा किए अपने अनुभव

पहले ट्रेन में सफर करना सुरक्षित महसूस होता था। लेकिन इन दिनों ट्रेन हादसा देखने और सुनने के बाद ट्रेन में सफर करने में काफी भय लगता है। लेकिन क्या करें ट्रेन में अधिकांश मध्यवर्गी और गरीब तबके के लोग अधिक सफर करते है। रेल विभाग यात्रियों की जान माल की सुरक्षा को देखते हुए रेल की सुरक्षा पर अधिक ध्यान देना जरूरी है। तभी लोग भयमुक्त होकर खुद को ट्रेन में सफर करना सुरक्षित समझएंगें- विकास भोल, यात्री।

रेल विभाग के सुरक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण इस तरह की रेल दुर्घटना हो रही है। जिसके कारण विभाग में अपनी जिम्मेदारी से काम नहीं करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को तुरंत काम से निकाल बाहर करे। इनकी लापरवाही की वजह से दुर्घटना होने के कारण आम लोगों की जिंदगी चली जाती है। परिवार बिखर जाता है- मुकेश पासवान, यात्री।

इन दिनों ट्रेन दुर्घटना की खबर और जानकारी मिलने पर दिल दहल जाता है। साथ ही भय लगता है। इन दिनों ट्रेन में सफर करने के कारण लगातार हो रही ट्रेन दुर्घटना को देख सुरक्षित अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने के लिए ट्रेन में भगवान से प्रार्थना करते है। लेकिन इस दिशा में रेल विभाग को सुरक्षा के दिशा में भी अधिक काम करने से इस तरह के हादसों को रोका जा सकता है - मनोज कुमार, यात्री।

अभी सफर के दौरान ट्रेन बीच- बीच में काफी झटका लेकर चलती है। इस दौरान ट्रेन में सांसे अटक जाती हैं। लेकिन रेलवे विभाग केवल कमाई पर ध्यान दे रहा है। विभाग केवल एसी और अपर क्लास का विकास करने में जुटा है। जबकि विभाग को जमीनी स्तर पर यात्रियों की सुरक्षा के साथ संसाधन पर ध्यान देना जरूरी है। तभी लोग सुरक्षित ट्रेन में भयमुक्त सफर कर सकेंगें। इस ओर ध्यान देना चाहिए - वरुण कुमार, यात्री।

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