Naba Kishore Das: छात्र जीवन में रखा था राजनीति में पहला कदम, कांग्रेस से रहा लंबा साथ, गजब थी नेतृत्व क्षमता
स्वास्थ्य मंत्री नव किशोर दास के असामयिक निधन से पूरे राज्य का माहौल गमगीन है। इस मौके पर उनसे जुड़ी छोटी-छोटी बातों को याद कर रहे हैं। उनके अब तक के राजनीतिक सफर के बारे में जान रहे हैं जो कि बेहद दिलचस्प रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Mon, 30 Jan 2023 08:57 AM (IST)
शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। ओडिशा के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री और झारसुगुड़ा के विधायक नव किशोर दास को रविवार दोपहर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान एएसआई गोपाल दास ने गोली मार दी। घटना के तुरंत बाद उन्हें अपोलो अस्पताल ले जाया गया, जहां मेडिकल टीम ने उन्हें बचाने का काफी प्रयास किया, लेकिन आखिरकार उन्होंने दम तोड़ दिया। उनके निधन की खबर से पूरे राज्य में मातम का माहौल है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी इस पर अपना दुख जताया है। आइए जानते हैं कि राजनीति में उनका अब तक का सफर कैसा रहा और कैसे उन्होंने इस क्षेत्र में अपना रास्ता तय किया।
छात्र जीवन में रखा था राजनीति में पहला कदम
छात्र जीवन से ही राजनीति में आए नव किशोर दास जाने-माने संगठनकर्ता थे। उनका नेतृत्व मजबूत था। इस वजह से वह समाज के सभी स्तरों पर स्वीकार्य हो गए। सक्रिय राजनीति में आने के बाद उन्होंने पहले कांग्रेस और फिर बीजेडी से चुनाव लड़ा और तीन बार विधायक चुने गए। हालांकि, उन्होंने कुल चार बार चुनाव लड़ा। पहली बार वह चुनाव हार गए थे, लेकिन पिछले तीन बार उन्होंने जीत हासिल की थी।
कांग्रेस के साथ रहा लंबा साथ
नव दास ने 1980 में छात्र राजनीति से अपना करियर शुरू किया था। बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए। वह संबलपुर के गंगाधर मेहर कॉलेज (अब गंगाधर मेहर विश्वविद्यालय) में पढ़ रहे थे, जब वह छात्र संघ के अध्यक्ष बने। वह 30 साल तक कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद वह झारसुगुड़ा में रहने लगे।2004 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और बीजद नेता स्वर्गीय किशोर मोहंती से हार गए। लेकिन बाद में वह फिर से कांग्रेस से विधायक (2009 और 2014) बने। 2019 के आम चुनावों से पहले नव किशोर दास ने कांग्रेस छोड़ दी थी और बीजद में शामिल हो गए थे। उन्होंने 16 जनवरी, 2019 को कांग्रेस छोड़ दी और 24 जनवरी को बीजद में शामिल हो गए।
कोरोना के समय में संभाला स्वास्थ्य मंत्री का कार्यभार
उसी वर्ष वह बीजद के टिकट पर झारसुगुडा से विधायक चुने गए। इसके साथ ही वह मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री बन गए। उन्होंने ऐसे समय में स्वास्थ्य विभाग का कार्यभार संभाला, जब राज्य महामारी के दौरान गंभीर स्थिति से गुजर रहा था। उनके इस कदर अचानक चले जाने से राज्य ने हमेशा के लिए एक लोकप्रिय राजनेता, आयोजक और एक सक्षम प्रशासक खो दिया।ये भी पढ़ें- नव किशोर दास का झारसुगुड़ा में होगा अंतिम संस्कार, विधानसभा परिसर में विधायकों मंत्रियों ने किये अंतिम दर्शनNaba Kishore Das: चश्मदीद ने बताया- स्वागत के दौरान पुलिसकर्मी ने बेहद नजदीक से मंत्री को गोली मारी
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