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Odisha Politics : ओडिशा में चुनाव से पहले सियासी हलचल, भाजपा 14 से करेगी भ्रष्टाचार पर वार; कांग्रेस 'तुलसी यात्रा' करेगी

देश में साल 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनावों से पहले ओडिशा में सियासी हलचल तेज होती दिख रही है। यहां दोनों विपक्षी दल भाजपा और कांग्रेस अपनी रणनीति के तहत जनसंपर्क में जुटी गई हैं। भाजपा यहां भ्रष्टाचार को मुद्दा बना रही है। वहीं कांग्रेस जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी अपनी मांग के समर्थन में घर-घर जाकर तुलसी एकत्र करने जा रही है।

By Sheshnath RaiEdited By: Yogesh SahuUpdated: Sat, 11 Nov 2023 10:19 PM (IST)
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Odisha Politics : चुनाव से पहले सियासी हलचल, भाजपा का 14 से भ्रष्टाचार पर वार; कांग्रेस तुलसी यात्रा करेगी

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। आम चुनाव से पहले ओडिशा में दोनों विपक्षी दल भाजपा और कांग्रेस ने अपने-अपने तरीके से लोगों तक पहुंचने की रणनीति तैयार की है।

कांग्रेस ने श्री जगन्नाथ मंदिर के चार द्वार और रत्नभंडार खोलने की मांग को लेकर लोगों का विश्वास जीतने के लिए तुलसी यात्रा शुरू करने का फैसला किया है।

इस बीच, भाजपा ने भी घोषणा की है कि वह 14 नवंबर से राज्य सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ पांच दिवसीय सामूहिक विरोध प्रदर्शन करेगी।

भाजपा यह सामूहिक विरोध रैली हर ब्लॉक मुख्यालय के सामने आयोजित करेगी। कांग्रेस ने जानकारी दी है कि वह गांव-गांव जाकर लोगों से तुलसी इकट्ठा करेगी।

हर साल करोड़ों का भ्रष्टाचार : भाजपा

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने मीडिया से कहा कि ओडिशा में हर साल एक लाख करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हो रहा है। सरकार 50 प्रतिशत पीसी पर चल रही है।

ग्राम सभाओं से लेकर विधानसभाओं और मंत्रियों की बैठकों तक, हर जगह लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। कुछ दिन पहले कैग ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्राम सभाओं के लाभार्थियों की स्वीकृत सूची में बदलाव पर सवाल उठाया था।

प्रदेश के 8 लाख 59 हजार गरीब हितग्राही पक्के मकानों से वंचित रह गए हैं। अब 'आम ओडिशा; नवीन ओडिशा' योजना भी नौकरशाहों द्वारा ऐसे जनप्रतिनिधियों की अनदेखी कर के चलाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि इससे गांवों में अशांति फैल रही है। इन सभी मुद्दों को लेकर भाजपा 14 से 18 नवंबर तक सभी ब्लॉकों के सामने जन आक्रोश ब्लॉक घेराव कार्यक्रम करने जा रही है।

आरोप- एक सचिव के हाथों में सारी शक्तियां

उन्होंने आरोप लगाया कि ओडिशा में मुख्यमंत्री एक सचिव के हाथों में सारी शक्तियां देकर लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं। जनता के पैसे को विभिन्न बहाना बनाकर अंधाधुंध खर्च किया जा रहा है।

वीके पांडियन के सरकारी सेवा से इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री ने जिस तरह से उन्हें फिर से कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया, उससे स्पष्ट हो गया कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की राज्य में कोई भूमिका नहीं है।

पांडियन का इस्तीफा भाजपा की जीत

उन्होंने आरोप लोकतंत्र की हत्या की प्रक्रिया को और मजबूत किया गया है। पांडियन का इस्तीफा भाजपा की जीत है। लेकिन मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र की हत्या कर एक बार फिर अलोकतांत्रिक व्यवस्था का परिचय दिया।

ओडिशा में लोकतंत्र की हत्या के मुख्य दोषी मुख्यमंत्री हैं। वह खुद इस अराजकता के निर्देशक हैं, खुद निर्माता हैं, खुद दर्शक हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा 14 से 18 नवंबर तक प्रदेश भर में होने वाले ब्लॉक घेराव कार्यक्रम के दौरान अलोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के खिलाफ जनता के आक्रोश को जन विरोध का रूप देगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश प्रवक्ता सोनाली साहू भी मौजूद थीं।

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