कालिया योजना 2024 के चुनाव से पहले फिर राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। सरकार ने कहा है कि कालिया सहायता साल में किसी भी समय दी जा सकती है। सरकार ने योजना में शामिल भूमिहीन किसान परिवारों को बागवानी और संबंधित कृषि कार्य के लिए तीन किस्तों में 12 हजार 500 रुपये की सहायता प्रदान करने का भी निर्णय लिया है।
शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। 2019 के आम चुनाव के दौरान सुर्खियों में रहने वाली कालिया योजना 2024 के चुनाव से पहले एक बार फिर कालिया योजना ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। सरकार ने कहा है कि कालिया सहायता साल में किसी भी समय दी जा सकती है।
इसके साथ ही सरकार ने योजना में शामिल भूमिहीन किसान परिवारों को बागवानी और संबंधित कृषि कार्य के लिए तीन किस्तों में 12 हजार 500 रुपये की सहायता प्रदान करने का भी निर्णय लिया है।
अब इस लाभार्थी को 2 हजार रुपये की अतिरिक्त सहायता मिलेगी। चुनाव से पहले विपक्ष ने सरकार के फैसले को चुनावी चाल बताते हुए इसकी आलोचना की है, जिसका जवाब बीजद ने रखा है।
ओडिशा की राजनीति में कालिया का मुद्दा एक बार फिर लौट आया है। शासक-विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है।2019 आम चुनाव में चर्चा में रहने वाली कालिया योजना 2024 चुनाव में भी चर्चा में है।
कालिया योजना को लेकर राजनीति हलचल तेज
इस योजना को लेकर राज्य की राजनीति में फिर से हलचल मच गई है। खासकर राज्य कैबिनेट में सरकार ने कालिया योजना को लेकर इस बार तीन-तीन बड़े निर्णय लिए हैं।
कैबिनेट का पहला निर्णय है कि निश्चित महीना नहीं बल्कि साल में कभी भी किसानों को कालिया सहायता दी जाएगी।
दूसरे निर्णय में योजना में शामिल भूमिहीन किसान परिवार को उद्यान एवं अनुसांगिक कृषि कार्य करने के लिए तीन किस्त में 12500 की सहायता राज्य सरकार देगी। तीसरे निर्णय में हिताधिकारियों को 2000 रुपए की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। अगले तीन वर्ष तक इस योजना में सरकार 6029 करोड़ 70 लाख रुपया खर्च करेगी। इस वर्ष की पहली किस्त सरकार बहुत जल्द देने की योजना बना रही है।
चुनाव प्रचार के लिए घोषणा- भाजपा
राज्य कैबिनेट में लिए गए इस निर्णय से कृषि क्षेत्र विकसित होने के साथ ही किसानों की आर्थिक समस्या खत्म होने की बात सरकार की तरफ से कही गई है।विपक्ष ने आम चुनाव से पहले किसानों को सहायता प्रदान करने को लेकर सरकार की कड़ी आलोचना की है। इसे सरकार की विफलता बताया है। बीजेपी ने कहा कि यह घोषणा किसानों के फायदे के लिए नहीं, बल्कि चुनाव प्रचार के लिए की गई है।
पिछले चुनाव के दौरान उन्होंने कहा था कि किसानों को 10 हजार रुपये देंगे। उन्होंने वोट लेने के बाद 6 हजार दिए। ये सिर्फ एक घोषणा है।
कांग्रेस ने कहा है कि सरकार किसानों का धान खरीदी नहीं कर रही है उल्टे कटनी छंटनी के नाम पर किसानों को धोखा दिया जा रहा है।
कांग्रेस ने कहा है कि यह उन समस्याओं का समाधान किए बिना चुनावी चाल है। विरोधी की शिकायत के जवाब में बीजद ने कहा है कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हमेशा किसानों के हित लिए सोचा है। कालिया की मदद से सिर्फ किसानों को ही नहीं, बल्कि किसान परिवार, भूमिहीन किसान भी लाभान्वित हो रहे है। राज्य सरकार किसानों की बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध है।
यहां उल्लेखनीय है कि प्रदेश हो या देश, सरकार बनाने में किसानों की अहम भूमिका होती है। चुनावों से पहले, सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों दलों ने किसानों से समर्थन जुटाने के प्रयास किए हैं। 2019 के आम चुनाव से पहले केंद्र सरकार की पीएम किसान योजना और राज्य सरकार की कालिया योजना थी। इस प्रसंग को लेकर तब भी खूब राजनीति हुई थी और इस योजना का फायदा भी बीजद को हुआ था।अब 2024 चुनाव से पहले यही मुद्दा फिर राजनीति में लौट आया है।
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