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आर्मी ऑफिसर मंगेतर मामले पर सियासत तेज! राहुल और प्रियंका गांधी ने माझी सरकार पर उठाए गंभीर सवाल

ओडिशा के भुवनेश्वर में एक सैन्य अधिकारी और उनकी मंगेतर के साथ पुलिस क्रूरता का मामला सामने आया है। पुलिसकर्मियों पर पिटाई दुर्व्यवहार और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगे हैं। अब इस मामले पर सियासत भी तेज हो गई है। कांग्रेस और बीजू जनता दल ने घटना की न्यायिक जांच की मांग की है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

By Sheshnath Rai Edited By: Mohit Tripathi Updated: Sat, 21 Sep 2024 05:55 PM (IST)
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आर्मी ऑफिसर मंगेतर मामले पर ओडिशा में सियासत तेज। (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। भुवनेश्वर के भरतपुर थाने में रोडरेज की शिकायत दर्ज कराने पहुंचे भारतीय सेना के एक मेजर और उनकी मंगेतर के साथ पुलिस क्रूरता का मामला सामने आया है। मानवता को शर्मसार करने वाली इस हरकत के खिलाफ राज्य ही नहीं पूरे देश में रोष देखने को मिल रहा है।

घटना को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। दो दिन पहले ओडिशा कांग्रेस ने राजधानी में विरोध-प्रदर्शन किया। वहीं, बीजू जनता दल ने भी शनिवार को राजभवन के सामने विरोध-प्रदर्शन किया।

कानून-व्यवस्था पर उठा सवाल

राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए बीजद और कांग्रेस ने घटना की न्यायिक जांच की मांग की है। कांग्रेस व बीजद का कहना है कि मामले की न्यायिक जांच हो और दोषी पुलिस अधिकारी के खिलाफ मिसाल पेश करने वाली कार्रवाई की जाए।

क्राइम ब्रांच को जांच के आदेश

वहीं, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शुक्रवार को कहा है कि सरकार पहले ही अपराध शाखा से जांच का निर्देश दे चुकी है। संबंधित पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए उचित कदम उठा रही है।

घटना से मानवीयता शर्मसार

ओडिशा में घटित शर्मसार कर देने वाली इस घटना पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने लिखा,

ओडिशा में घटित घटना ने देश की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पुलिस से मदद मांगने गए एक सेना अधिकारी को बेरहमी से पीटा गया और उनकी मंगेतर को कस्टडी में उत्पीड़ित किया गया। यह घृणित घटना पूरी मानवता को शर्मसार करने वाली है।

भाजपा सरकार में महिलाओं के खिलाफ अपराध पूरी तरह से बेकाबू और निरंकुश हो चुका है। जब सरकारी तंत्र के ही भीतर अन्याय पनपता और शरण पाता है तो, आम नागरिक सहायता की आस किससे लगाए?

इस घटना के सभी दोषी सख्त से सख्त कानूनी सजा के पात्र हैं। उनके खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई कर आज भारत की जनता, खास कर महिलाओं के समक्ष न्याय और सुरक्षा की मिसाल पेश करने की दरकार है।

घटना से पूरा देश स्तब्ध

घटना पर प्रियंका गांधी ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने लिखा,

ओडिशा में पुलिस से मदद मांगने गए सेना के ऑफिसर की मंगेतर के साथ पुलिस ने जिस तरह बर्बरता और यौन हिंसा की, उससे पूरा देश स्तब्ध है।

अयोध्या में गैंगरेप पीड़ित दलित लड़की के साथ पुलिस ने अन्यायपूर्ण बर्ताव किया और न्याय दिलाने की जगह उस पर ही दबाव बनाया, क्योंकि खबरों के अनुसार आरोपी भाजपा से जुड़े हैं।

देश भर में भाजपा की सरकारें पुलिस को रक्षक से भक्षक बना देने की नीति पर काम कर रही हैं। भाजपा सरकारों में महिला अपराधों के प्रति पुलिस का आपराधिक रवैया दरअसल सत्ताधारियों का संरक्षण पाकर फलता-फूलता है।

ऐसे हालात में देश की महिलाएं सुरक्षा और न्याय के लिए क्या करें, कहां जाएं?

क्या है मामला

बता दें कि भुवनेश्वर के भरतपुर थाने की पुलिस पर एक सैन्य अधिकारी (मेजर) और उनकी महिला मित्र ने पिटाई, दुर्वयवहार और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। 

शुक्रवार को ही सेना अधिकारी और पीड़ित महिला की ओर से इस मामले में पांच पुलिसकर्मियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

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