25 वर्ष बाद ओडिशा में बने दो डिप्टी CM, प्रभाति और कनकवर्द्धन से पहले तीन दिग्गज नेता बन चुके हैं उपमुख्यमंत्री
ओडिशा पर 25 साल तक शासन करने वाले नवीन पटनायक के मुख्यमंत्रित्व काल में ओडिशा में कोई उपमुख्यमंत्री नहीं था लेकिन इससे पहले ओडिशा में तीन उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। नंदिनी सत्पथी 1972 में उत्कल कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री बनीं उस समय बासुदेवपुर से तत्कालीन विधायक नीलमणि राउतराय 14 जून 1972 से एक मार्च 1973 तक 260 दिनों के लिए उपमुख्यमंत्री रहे।
शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। राज्य में पहली बार बनने वाली भाजपा सरकार में दो उपमुख्यमंत्री होंगे। नीमपड़ा से विधायक प्रभाती परिडा और पाटनागढ़ के विधायक कनकवर्धन सिंहदेव राज्य के उपमुख्यमंत्री होंगे। भाजपा द्वारा दो मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद 25 साल बाद राज्य में उपमुख्यमंत्री प्रणाली फिर से शुरू हो गई है।
ओडिशा पर 25 साल तक शासन करने वाले नवीन पटनायक के मुख्यमंत्रित्व काल में ओडिशा में कोई उपमुख्यमंत्री नहीं था, लेकिन इससे पहले ओडिशा में तीन उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। नंदिनी सत्पथी 1972 में उत्कल कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री बनीं, उस समय बासुदेवपुर से तत्कालीन विधायक नीलमणि राउतराय 14 जून 1972 से एक मार्च 1973 तक 260 दिनों के लिए उपमुख्यमंत्री रहे।
हेमानंद बिस्वाल
इसके बाद जानकी बल्लभ पटनायक के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने पर लाइकेरा विधायक हेमानंद बिस्वाल दूसरे उपमुख्यमंत्री बने और तीर्तोल विधायक बसंत बिस्वाल तीसरे उपमुख्यमंत्री बने।हेमानंद 15 मार्च 1995 से नौ मई 1998 तक तीन साल और 55 दिन के लिए उपमुख्यमंत्री रहे।बसंत 15 मार्च 1995 से 17 फरवरी 1999 तक उपमुख्यमंत्री रहे।
इसके बाद गिरिधर गमांग और हेमानंद बिस्वाल कांग्रेस के मुख्यमंत्री तो बने, लेकिन उनकी सरकार में कोई उपमुख्यमंत्री नहीं रहा।अब कांग्रेस सरकार की तरह भाजपा सरकार में एक साथ दो उपमुख्यमंत्री हैं।
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