Jagannath Rath Yatra: दूसरे दिन भी खींचे गए महाप्रभु जगन्नाथ के रथ, लाखों भक्तों की उमड़ी भीड़; ऐसा रहा नजारा
सोमवार को विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा का दूसरा दिन था और इस दिन भी भक्तों ने तीनों रथों को खींचा। तीनों रथों को गुंडिचा मंदिर पहुंचाया गया। इस दौरान पुरी जगन्नाथ धाम में लाखों भक्तों का तांता लगा रहा। वहीं सुरक्षा के लिहाज से भी पुलिस की चप्पे-चप्पे पर तैनाती रही और हर गतिविधियों पर सीसीटीवी के जरिए से नजर रखी गई।
जागरण टीम, पुरी। विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा के लिए पुरी जगन्नाथ धाम लोकारण्य हो गया है।रथ यात्रा के दूसरेदिन भी पुरी जगन्नाथ धाम में लाखों भक्तों का समागम हुआ। बड़े ही उत्साह के साथ भक्तों ने तीनों रथों को खींचकर गुंडिचा मंदिर पहुंचाए।
सबसे पहले प्रभु बलभद्र जी का तालध्वज रथा, इसके बाद देवी सुभद्रा जी का दर्प दलन रथ एवं अंत में प्रभु जगन्नाथ जी का नंदीघोष रथ घर्रघर्रनाद करते हुए गुंडिचा मंदिर के सामने पहुंचा। इस दौरान जय जगन्नाथ नयन पथ गामी भव तुमे के उद्घोष से पूरा बड़दांड एवं श्रीक्षेत्र धाम गूंजयमान रहा।
चप्पे-चप्पे पर पुलिस रही तैनात
वहीं सुरक्षा व्यवस्था के तहत चप्पे-चप्पे पर पुलिस की टुकड़ी तैनात रही। सीसीटीवी से भी रथ यात्रा के दौरान तमाम गतविधियों पर नजरी रखी गई। जानकारी के मुताबिक रथ यात्रा के दूसरेदिन आज चतुर्धा मूर्ति की तमाम नीति रथ के ऊपर ही की गई।
रथ के ऊपर दैनिक रीति नीति संपन्न होने के बाद सबसे पहले बलभद्र जी के रथ को खींचा गया। इसके पीछे सुभद्रा जी के रथ एवं फिर अंत में जगन्नाथ जी के रथ को खींचा गया। तीन रथ को खींचने के लिए आज दूसरेदिन भी लाखों भक्तों का हुजूम श्रीक्षेत्र धाम रहा।
बड़दांड में लगा भक्तों का तांता
घंट-घंटा एवं हरिबोल की ध्वनि से पूरा बड़दांड प्रकंपित हो गया। बड़दांड मानो आज जनसमुंद्र में तब्दील हो गया था। रथ की रस्सी पकड़ने के लिए भक्तों में उत्साह एवं जोश देखने लायक था। रथायात्रा में शामिल भक्त रथ पर विराजमान महाप्रभु का दर्शन करने के साथ रथ की डोरी स्पर्श कर खुद को धन्य मान रहे थे।
कई भक्त तो ऐसे थे जो रविवार से ही पुरी में डेरा डाले हुए थे, तो वहीं सोमवार सुबह सुबह भी भक्त ट्रेन एवं बसों के जरिए पुरी पहुंचे और महाप्रभु की इस अनुपम यात्रा के साक्षी बने।
रविवार से रथ खींचने की प्रक्रिया हुई थी शुरू
गौरतलब है कि रविवार शाम को रथ पर तमाम रीति नीति सम्पन्न होने के बाद रथ खींचने की प्रक्रिया शुरू हुई। सबसे पहले बलभद्र जी के तालध्वज रथ को खींचा गया, जो कि मरिचिकोट चौक पर रूक गया था।
इसके बाद देवी सुभद्रा जी के रथ दर्प दलन रथ को खींचने की प्रक्रिया शुरू हुई थी, देवी सुभद्रा जी का रथ राजनअर के सामने रुक गया था।
सबसे अंत में प्रभु जगन्नाथ जी का नंदीघोष रथ को खींचने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, हालांकि प्रभु जगन्नाथ जी का नंदीघोष रथ मात्र दो कदम ही आगे बढ़ सका थाष ऐसे में सोमवार को पुन: भक्तों के समागम के बीच तीनों रथों को खींचने की प्रक्रिया शुरू हुई। तीनों ही रथ बिना किसी अघटन के गुंडिचा मंदिर पहुंच गया है।
सुरक्षा के रहे व्यापक इंतजाम
वहीं विश्व प्रसिद्ध पुरी रथ यात्रा को शांतिपूर्ण ढंग सम्पन्न कराने के लिए दूसरेदिन भी सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।सुरक्षा घेरे एवं सीसीटीवी की निगरानी में पूरा श्रीक्षेत्र धाम को रखा गया था। 180 प्लाटुन पुलिस बल तैनात किया गया था।भीड़ को नियंत्रण करने के लिए बड़दांड को 6 जोन में विभक्त किया गया था।
इस वर्ष रथ यात्रा में ट्राफिक नियंत्रण के लिए आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस की मदद ली गई थी।इसके साथ ही अत्याधुनिक तकनीकी कौशल एवं सीसीटीवी कैमरा की मदद ली गई।तीनों ठाकुरों के कर्डन दायित्व में 3 कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स, 2 कंपनी सीआरपीएफ एवं 8 एसओजी टीम तैनात की गई।
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