Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Odisha: पुरी जगन्नाथ मंदिर का दरवाजा खोलने में हुई देरी, कारण बताओ नोटिस जारी कर मांगा गया जवाब

पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने मंदिर के द्वार खोलने में देरी होने पर प्रतिहारी सेवक शिवशंकर महापात्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस नोटिस को मंदिर प्रशासन ने नीति उल्लंघन के कारण जारी किया है। मंदिर प्रशासन ने जवाब में दरवाजा खोलने में देरी के पीछे का कारण पूछा है। बता दें कि शुक्रवार को मंदिर के द्वार 35 मिनट की देरी से खुले थे।

By Sheshnath Rai Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Sat, 10 Aug 2024 05:25 PM (IST)
Hero Image
पुरी जगन्नाथ मंदिर के कपाट देरी से खुलने पर बड़े द्वारा के प्रतिहारी सेवक को कारण बताओ नोटिस जारी

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। Puri Jagannath Temple Door पुरी जगन्नाथ मंदिर के द्वार खोलने में देरी होने पर प्रतिहारी सेवक को मंदिर प्रशासन ने नोटिस जारी किया है।

नीति उल्लंघन के कारण यह नोटिस जारी किया गया है। बड़े द्वारा के प्रतिहारी सेवक शिवशंकर महापात्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

अन्य रीति में भी होगी देरी

जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को मंदिर के कपाट खुलने में 35 मिनट की देरी हुई थी। श्रीमंदिर प्रशासन ने जवाब मांगा है कि दरवाजा खोलने नें देरी के पीछे क्या कारण है।

यहां उल्लेखनीय है कि जगन्नाथ मंदिर का द्वार खुलने में यदि देरी होती है तो फिर महाप्रभु की अन्य रीति नीति में भी देरी होती है। परिणाम स्वरूप महाप्रभु के महाप्रसाद निकलने में भी देरी होती है।

क्या बोला मंदिर प्रशासन

वहीं मंदिर प्रशासन के कदम को प्रतिहारी नियोग ने स्वागत कहते हुए बताया कि अन्य नीति में यदि देरी होती है तो फिर इसी तरह की कार्रवाई होने चाहिए।

श्रीमंदिर प्रबंधन कमेटी के सदस्य माधव महापात्र ने कहा है कि श्रीमंदिर का द्वार खुलने में देरी होने से प्रतिहारी सेवक को नोटिस जारी की गईहै। इसका मैं स्वागत करता हूं।

छत्तीसानियोग की बैठक में श्रीमंदिर का दरवाजा खुलने में देरी होने का मुद्दा हमने उठाया था। जो लोग नीति में देरी कर रहे हैं, उनके खिलाफ त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए। हम इसकी मांग कर रहे हैं।

लेजर तकनीक का होगा इस्तेमाल

पुरी रत्न भंडार के अंदर रखे गए गुप्त खजाने को लेकर चल रहे तर्क वितर्क पर एवं जारी रहने वाले रहस्य को दूर करने के लिए रत्न भंडार की संपूर्ण जांच के लिए एक नई स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोशिजियोर (एसओपी) को पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन कमेटी ने अनुमोदित किया है।

इस एसओपी के जरिए लेजर स्कैनिंग या वैज्ञानिक पद्धति से जांच की बात कही गई है। इसमें राज्य सरकार की अनुमति मिलने के बाद अत्याधुनिक लेजर तकनीक का उपयोग कर एएसआई रत्न भंडार की जांच करने की जानकारी दी गई है। 

ये भी पढे़ं-

Jagannath Temple: आंतरिक रत्न भंडार की जांच के लिए होगा लेजर स्कैनिंग का इस्तेमाल, उठेगा कई रहस्यों से पर्दा

Puri Jagannath Temple: रत्न भंडार में जांच के लिए आधुनिक तकनीक का होगा इस्तेमाल, जस्टिस बिश्वनाथ रथ ने दी जानकारी

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर