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Jagannath Temple: ASI और मंदिर प्रशासन का बड़ा फैसला, कार्तिक महीने के बाद होगी मेघनाद दीवार की मरम्मत

जगन्नाथ मंदिर की मेघनाद दीवार में कुछ दिनों पहले रिसाव की खबर सामने आई थी। इस मामले में मंदिर कार्यालय के परिसर में एएसआई और मंदिर प्रशासन की तकनीकी टीम की अहम बैठक हुई है। बैठक में इस बात का फैसला लिया गया है कि कार्तिक महीने के बाद मंदिर की दीवारों की स्थाई मरम्मत का कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही अन्य जरूरी काम भी पूरे किए जाएंगे।

By Sheshnath Rai Edited By: Divya Agnihotri Updated: Sat, 09 Nov 2024 03:42 PM (IST)
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पुरी जगन्नाथ मंदिर की दीवारों में आई दरारें
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। कार्तिक के बाद पुरी जगन्नाथ मंदिर की मेघनाद दीवार की स्थाई मरम्मत की जाएगी। टूटे हुए पत्थरों को निकालकर नए पत्थर लगाए जाएंगे। साथ ही ग्राउटिंग सहित अन्य कार्य भी पूरे किए जाएंगे। मंदिर के मुख्य प्रशासक डॉ. अरविंद पाढ़ी ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि जल निकासी प्रणाली का नवीनीकरण किया जाएगा। साथ ही हम यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे कि दीवार पूरी तरह सुरक्षित रहे।

जगन्नाथ मंदिर की मरम्मत

मेघनाद दीवार की मरम्मत को लेकर मंदिर कार्यालय के परिसर में एएसआई और मंदिर प्रशासन की तकनीकी टीम की अहम बैठक हुई है। बैठक की अध्यक्षता मुख्य प्रशासक डॉ. पाढ़ी ने की और इसमें एएसआई के वरिष्ठ अधिकारियों और मंदिर प्रशासन के इंजीनियरों ने भाग लिया। मेघनाद की दीवार में दरारें आने के कारण और समाधान पर विस्तृत चर्चा हुई।

मेघनाद दीवार में रिसाव पर चर्चा

मुख्य प्रशासक डा. पाढ़ी ने बताया कि बैठक में मेघनाद की दीवार में दरार आने से पानी के रिसाव को रोकने पर प्राथमिक चर्चा हुई। मंदिर परिसर में 4-5 नालियों के माध्यम से मंदिर से पानी की निकासी की जा रही है। इन सभी नालों को दुरुस्त किया जाएगा। इस नालियों से पानी आता है और मेघनाद की दीवार के माध्यम से रिसाव है।

मंदिर प्रशासन ने निर्माण खंड के माध्यम से इन नालों की पूरी मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। फिलहाल मेघनाद की दीवार से पानी रिसने से रोकने के लिए नालों की अस्थायी मरम्मत की जा रही है। कार्तिक माह के बाद नाली का काम स्थायी और बड़े पैमाने पर किया जाएगा।

इस संबंध में एक निविदा पहले ही जारी की जा चुकी है। एएसआई के अधिकारियों ने जल निकासी और मेघनाद दीवार का स्थायी समाधान खोजने के लिए विस्तृत चर्चा की है। इसके लिए कई प्रस्ताव भी दिए गए हैं। एएसआई दीर्घकालिक मरम्मत और संरक्षण उपायों को अंजाम देगा। नाली का काम मंदिर प्रशासन की ओर से किया जाएगा।

कार्तिक माह के बाद संरक्षण कार्य शुरू होगा। एएसआई ने पहले भी इस जल जमाव के बारे में हमें लिखा था। हमने इसकी मरम्मत के लिए निर्माण अनुभाग की ओर से टेंडर नोटिस जारी किया था, लेकिन इसमें किसी ने हिस्सा नहीं लिया। इसलिए यह दूसरी बार है जब हमने निविदाएं आमंत्रित की हैं।

हम स्थायी आधार पर ड्रेनेज सिस्टम की बहाली पर काम करेंगे। कार्तिक माह के बाद काम शुरू होगा। तकनीकी टीम ने भी शोध किया है। नियमित निरीक्षण कार्य चल रहा है। एएसआई टीम और श्रीमंदिर तकनीकी टीम जो भी सुझाव देगी, हम उसके अनुसार काम करेंगे।

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