Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

प्रभु जगन्नाथ के रत्न भंडार में क्या मिला? 4 अलमारी और 3 संदूक कहां रखे गए, पिछली बार 70 दिन चली थी गिनती

पुरी जगन्नाथ मंदिर के बाहरी और आंतरिक रत्न भंडार 46 साल बाद खोला गया है। रत्न भंडार से निकले रत्नों को मंदिर के अंदर बनाए गए अस्थाई स्ट्रॉन्ग रूम में सील कर दिया गया है। पिछली बार साल 1978 में रत्न भंडार से 747 के अलग-अलग रत्नों की गिनती हुई थी। इस बार कितनी तरह के रत्नों व आभूषण की गिनती हुई इसे लेकर भक्तों में जिज्ञासा है।

By Sheshnath Rai Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Fri, 19 Jul 2024 07:12 PM (IST)
Hero Image
रत्न भंडार की जानकारी को लेकर बढ़ी भक्तों में जिज्ञासा

शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। पुरी स्थित 12वीं शताब्दी के जगन्नाथ मंदिर के बाहरी एवं आंतरिक रत्न भंडार को खोल दिया गया है। रत्न भंडार के रत्नों को मंदिर के अंदर बनाए गए अस्थाई स्ट्रांग रूम में सील कर रख दिया गया है।

हालांकि रत्न भंडार से कितने और किस प्रकार के रत्न व आभूषण निकले, 1978 में जो रत्नों की गणना हुई थी उतना हैं या नहीं उस संदर्भ भक्तों के मन जो जिज्ञासा थी वह अब और बढ़ गई है।

कमेटी के अध्यक्ष ने क्या कहा?

इस संदर्भ में रत्न भंडार जांच कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस विश्वनाथ रथ का कहना है कि हमारी आंखों ने रत्न भंडार में जो देखा, वह दिमाग में है, जुबान पर नहीं आएगा।

पुरी जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार में मौजूद खजाने के बारे में जानने की जिज्ञासा ना सिर्फ ओडिशा या देश के लोगों में है वल्कि दुनिया भर में रहने वाले जगन्नाथ भक्त लालायित हैं।

साल 1978 में कितने तरह के गिने गए थे आभूषण

वर्ष 1978 में जब रत्न भंडार खुला था तब 70 दिनों तक आभूषणों की गिनती की गई थी। 1978 की रिपोर्ट के मुताबिक साल 1978 में जगन्नाथ पुरी के रत्न भंडार में 747 तरीके के आभूषण मिले थे।

इसमें 454 तरह के सोने के गहने थे। जिनका वजन 12838 ग्राम था जबकि 239 तरह के चांदी के आभूषण मिले थे जिनका वजन 22153 ग्राम था।

1978 में 70 दिनों की गिनती के बाद खजाने के सामानों की सूची बनाई गई। 13 मई 1978 से 23 जुलाई 1978 तक लगातार यह काम काम चलता रहा।

भंडार से सोना, चांदी, हीरा, मूंगा और अन्य बेशकीमती आभूषण मिले। आंतरिक भंडार में 367 सोने के गहने मिले थे। इनका वजन 4,360 भरी का था। बता दें कि एक भरी या तोला करीब 12 ग्राम का होता है। 

यहीं से 231 चांदी के सामान मिले। इनका वजन 14,828 भरी था। बाहरी भंडार में 87 सोने के गहने मिले थे। इनका वजन 8,470 भरी था। यहीं से 62 चांदी के सामान मिले। इनका वजन 7,321 भरी था। 

2021 में तत्कालीन कानून मंत्री प्रताप जेना ने विधानसभा को बताया कि जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार 1978 में खोला गया था। तब 12,831 भरी सोने और अन्य कीमती धातु और 22,153 भरी चांदी यहां से मिला था।

14 सोने और चांदी की वस्तुओं का वजन नहीं किया जा सका था। इसके साथ ही किसी भी सामान या गहने का मूल्य निर्धारित नहीं किया गया है। अब एक बार फिर 2024 में बाहरी एवं आंतरिक रत्न भंडार को खोला गया है।

46 साल बाद खुले रत्न भंडार में क्या मिला?

आंतरिक रत्न भंडार 46 वर्ष के बाद खुला है। आंतरिक रत्न भंडार कुल सात संदूक एवं आलमारी में महाप्रभु के आभूषण एवं गहने रखे गए थे। इनमें से 4 आलमिरा (3 लकड़ी की एवं एक स्टील की) थी, जबकि 3 संदूक (2 काठ एवं 1 लोहे की) थी।

द्वार प्रशस्त नहीं होने से इन्हें बाहर निकालना संभव नहीं थी, ऐसे में इन्हें खोला गया तो इनके अंदर छोटे-छोटे कंटेनर में आभूषण रखे थे, जिन्हें उसी तरह से प्लास्टिक बाक्स में रखकर भंडार सेवकों की मदद से स्ट्रॉन्ग रूम को स्थानांतरित कर दिया गया है।

आभूषणों को मंदिर के अंदर ही स्ट्रॉन्ग रूम में रखकर सील कर दिया गया है। हालांकि, कमेटी द्वारा आभूषणों के बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं किए जाने से भक्तों के मन में यह जानने की जिज्ञासा और बढ़ गई है कि आखिर आंतरिक रत्न भंडार में 1978 में जो था वह है या नहीं।

ये भी पढे़ं-

Jagannath Puri: महाप्रभु जगन्नाथ के 'रत्न भंडार' के अंदरूनी कक्ष से क्या मिला? सुरंग को लेकर सामने आई ये जानकारी

Jagannath Puri: 46 साल बाद खोला गया महाप्रभु जगन्नाथ का रत्न भंडार, शुभ मुहूर्त में की जाएगी खजाने की शिफ्टिंग