Jagannath Temple: आंतरिक रत्न भंडार की जांच के लिए होगा लेजर स्कैनिंग का इस्तेमाल, उठेगा कई रहस्यों से पर्दा
Puri Jagannath Temple Ratna Bhandar पुरी जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार के रखे गए अंदर गुप्त खजाने की संपूर्ण जांच के लिए एक नई स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोशिजियोर (एसओपी) बनाई गई है। इस एसओपी को प्रबंधन कमेटी ने अनुमोदित भी कर दिया है। एसओपी में लेजर स्कैनिंग या वैज्ञानिक पद्धति के जरिए से जांच करने की बात उल्लेख किया गया है।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। पुरी रत्न भंडार के अंदर गुप्त खजाने को लेकर चल रहे तर्क वितर्क पर एवं जारी रहने वाले रहस्य को दूर करने के लिए रत्न भंडार के संपूर्ण जांच के लिए एक नई स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोशिजियोर (एसओपी) को पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन कमेटी ने अनुमोदित किया है।
इस एसओपी में लेजर स्कैनिंग या वैज्ञानिक पद्धति से जांच की बात उल्लेख की गई है। राज्य सरकार की अनुमति मिलने के बाद अत्याधुनिक तकनीकी का उपयोग कर एएसआई रत्न भंडार की जांच करेगी। इसमें विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी।
खरीद-बिक्री के लिए विशेष प्रस्ताव पर मुहर लगी
आंतरिक रत्न भंडार घर में रहने वाले संदूक एवं आलमारी नीलाद्री म्यूजियम में स्थानांतरित करने के लिए विशेष मार्गदर्शिका तैयार की जाएगी। उसी तरह पुरी जगन्नाथ मंदिर के अधीन रहने वाली जमीन की खरीद-बिक्री के लिए विशेष प्रस्ताव पर मैनेजिंग कमेटी ने अपनी मुहर लगा दी है।इसके साथ ही श्रीमंदिर कर्मचारी नियोजन अधिकृत सरकारी संस्था द्वारा करने का भी निर्णय लिया गया है। उसी तरह से 10 हजार क्विंटल से अधिक अर्पण चावल को श्रीमंदिर के मुख्य प्रशासक और पुरी जिला कलेक्टर से चर्चा कर उचित कदम उठाने का निर्णय लिया गया है।
बैठक में कौन-कौन रही शामिल
बैठक में अबढ़ा योजना के तहत श्रद्धालुओं के उपयोग के लिए 35 इलेक्ट्रिक बसों के प्रबंधन के लिए एक सरकारी स्वामित्व वाली संस्था को जिम्मेदारी देने का भी निर्णय लिया गया।आयोजित प्रबंधन समिति की बैठक में गजपति महाराज ने बैठक की अध्यक्षता की और मंदिर के मुख्य प्रशासक, पुरी जिला कलेक्टर और एसपी के साथ सभी सदस्य और सेवा प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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