Jagannath Temple Ratna Bhandar: रत्न भंडार की नहीं मिली चाबी, तोड़ा गया ताला; ऐसा दिखा अंदर का नजारा
46 साल बाद रविवार को पुरी जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार (Jagannath Temple Ratna Bhandar Reopen) आखिरकार खोल दिया गया है। बाहरी रत्न भंडार को खोलकर उसमें रखे आभूषणों को मंदिर के अंदर बनाए गए अस्थाई स्ट्रॉन्ग रूम ले जाया गया और इसके बाद अंदर के रत्न भंडार को खोला गया। अंदर के रत्न भंडार की चाबी नहीं मिली तो ताले को तोड़ दिया गया।
शेषनाथ राय, पुरी। Puri Jagannath Temple Ratna Bhandar Lock Broken: पुरी जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को आखिरकार 46 वर्ष बाद रविवार को खोल दिया गया है। पहले बाहरी रत्न भंडार को खोलकर उसमें रखे आभूषणों को मंदिर के अंदर बनाए गए अस्थाई स्ट्रॉन्ग रूम मे गया। इसके बाद अंदर के रत्न भंडार को खोलने की प्रक्रिया शुरू हुई।
हालांकि अंदर का रत्न भंडार चाबी से नहीं खुला तो पहले से लिए गए निर्णय के मुताबिक ताला को तोड़ना पडा। इसके बाद जांच कमेटी अंदर गई और संदूक एवं आलमारी में रखे रत्नों को देखकर वापस लौट आयी है।वापस लौटते समय भीतर रत्न भंडार तीन नया ताला लगाकर सील कर दिया गया है।
कल रथयात्रा की होगी वापसी
सोमवार को महाप्रभु की वापसी रथयात्रा है, ऐसे में अन्य एक दिन निर्धारित कर पुन: भीतर रत्न भंडार को खोला जाएगा और इसमें रहने वाले रत्न एवं आभूषणों को निकालकर बाहर बनाए गए स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाएगा। उक्त जानकारी पुरी जगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने दी है।
मुख्य प्रशासक ने कहा है कि आज भीतर रत्न भंडार खोलने के दौरान शाम हो गई थी, ऐसे में सभी रत्नों को नए स्ट्रॉन्ग रूम में सिफ्ट करना सम्भव नहीं था, जिसकी वजह से सभी की सहमति से भीतर रत्न भंडार को मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में नया ताला लगाकर सीज कर दिया गया है।
इतने बजे का था शुभ मुहुर्त
जानकारी के मुताबिक पूर्व निर्धारित समय के अनुसार रविवार को 1 बजकर 28 मिनट पर महाप्रभु के रत्न भंडार को 46 वर्ष बाद खोला गया। मुख्य प्रशासक पाढ़ी ने कहा कि रत्न भंडार खोलने के लिए बनायी गई विशेष टीम ने पहले बाहरी रत्न भंडार को खोला।
चाबी नहीं मिली तो तोड़ा गया ताला
बाहरी रत्न भंडार खुलने के बाद उसमें मौजूद रत्नों को अस्थाई स्ट्रॉन्ग रूम में स्थानांतरित किया गया है। बाहर रत्न भंडार खोलने के करीबन दो घंटे बाद भीतरी रत्न भंडार का ताला काटकर खोला गया। चाबी से ताला नहीं खुलने के कारण ताले को काटा गया है।
टीम ने कहा है कि भीतर रत्न भंडार में संदूक एवं आलमिरा थी। हालांकि इसमें क्या, वह फिलहाल हम नहीं कह सकते हैं। रत्न भंडार से निकलने के बाद पुरी जगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार की निर्धारित एसओपी के अनुसार हम अपना कार्य किए हैं।
11 सदस्यीय टीम कर रही थी निगरानी
11 सदस्यीय कमेटी रत्न भंडार की निगरानी कर रही थी। एसओपी के अनुसार आज बाहर रत्न भंडार को खोला गया। गजपति महाराज के प्रतिनिधि, श्रीमंदिर प्रशासन एवं अन्य सेवक रत्न भंडार खोलने के समय उपस्थित थे। बाहरी रत्न भंडार के रत्नों को अस्थाई स्ट्रॉन्ग रूम में स्थानांतरित कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि बाहरी रत्न भंडार के रत्नों का स्थानांतर करने के बाद ही भीतर रत्न भंडार के गेट के अंदर प्रवेश किए। ट्रेजरी से जो चाबी आयी थी, उससे भीतर रत्न भंडार में लगे ताले को खोलने का प्रयास किया गया। भीतर रत्न भंडार में तीन ताले लगे थे।
किन्तु कोई भी ताला चाबी से नहीं खुला। एसओपी के अुसार मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में तीनों तालों को तोड़ा गया। भंडार मेकाप सेवक की उपस्थिति में तीनो ताले तोड़े गए। हम सब देख रहे थे। संदूक, आलमारी में अलंकार है।
ऐसा था रत्न भंडार नजारा
समय की कमी होने के कारण भीतर रत्न भंडार के अलंकार को आज स्थानांतरित नहीं किया गया है। इसके लिए और एक दिन की जरूरत है। इसके लिए सरकार से अनुरोध किया जाएगा। सभी रत्न भंडार स्थानांतरित हो जाने के बाद गिनती एवं मरम्मत का कार्य किया जाएगा।
पुरी: महाप्रभु के रत्न भंडार के खुलते ही उसके अंदर से सैकड़ों की संख्या में चमगादड़ को उड़कर बाहर निकलते देखा गया। ये चमगादड़ बाइस सीढ़ी होते हुए बाहर निकल गई है।
भीतर रत्न भंडार में बड़े बड़े गड्ढे बने हुए हैं। चूहों द्वारा इन गड्ढों को बनाया गया है। चूहों ने सुरंग जैसे गड्ढे बना दिए हैं। रत्न भंडार के अंदर किसी प्रकार से सांप का भय नहीं लगा। ऐसे में स्नेक हेल्पलाइन के सदस्य श्रीमंदिर से बाहर निकल आए। स्नेक हेल्पलाइन टीम बाहर इंतजार कर रही थी। हम अंदर नहीं गए थे। बाहर ही इंतजार कर रहे थे।
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