Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Jagannath Temple: खुल गया रत्न भंडार, रहस्य अब भी बरकरार! ओडिशा सरकार कराएगी डुप्लीकेट चाबी से ताला नहीं खुलने की जांच

रविवार को 46 साल बाद जगन्नाथ मंदिर में रत्न भंडार को खोला गया और रत्न भंडार का आंतरिक कक्ष का ताला डुप्लीकेट चाबियों से नहीं खुल पाया। इसको लेकर ओडिशा सरकार ने कहा जांच करने के आदेश दिए हैं। इसको लेकर जगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाढ़ी ने कहा कि दरवाजों पर लगे ताले डुप्लीकेट चाबी से नहीं खुल पाए और अब इसकी जांच होगी।

By Sheshnath Rai Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Tue, 16 Jul 2024 11:37 PM (IST)
Hero Image
ओडिशा सरकार कराएगी डुप्लीकेट चाबी की जांच

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। पुरी के जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार दशकों बाद खोला गया, लेकिन इसकी चाबियों को लेकर रहस्य और विवाद अब भी बरकरार है। ओडिशा सरकार की एसओपी का पालन करने के बावजूद, मूल चाबियों के गायब होने और डुप्लिकेट चाबी के बारे में रहने वाले सवाल अब भी जस के तस हैं।

भगवान जगन्नाथ जी का रत्न भंडार, भले ही दशकों बाद खोल दिया गया है, लेकिन इससे जुड़ा विवाद और रहस्य खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार मूल चाबी कहां गई, डुप्लिकेट चाबी कहां से आयी, किसने और क्यों बनवायी।

एसओपी के अनुसार खोला गया रत्न भंडार

मूल चाबी थी तो फिर चाबी गायब होने की बात क्यों गई, ऐसे कई सवाल हैं जो भक्तों के मन को उद्वेलित कर रहे हैं। पुरी जगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने ने कहा है कि रत्न भंडार ओडिशा सरकार के एसओपी के अनुसार खोला गया है। हर चीज की वीडियोग्राफी की गई है और कानून के मुताबिक है।

आंतरिक कक्ष में तीन ताले थे, एक को लाख से सील किया गया था और दो अन्य को सील नहीं किया गया था। हालांकि, तीनों पर ताले लगे हुए थे। राजकोष से आई दो चाबियों से ताले नहीं खुले, इसलिए एसओपी के अनुसार तीनों ताले तोड़ दिए गए। इस बीच कई सवाल खड़े हो गए हैं।

ये सवाल हुए खड़े

रत्न भंडार के अंदरूनी कक्ष के ताले डुप्लीकेट चाबियों से क्यों नहीं खुले? बिना लाख-सील के दो ताले क्यों मिले? क्या किसी ने ताले खोलने की कोशिश की थी? क्या चाबी कोषागार से लाई गई थी, क्या मूल ताले बदल दिये गये थे?

यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि तत्कालीन बीजद सरकार को 2018 में रत्न भंडार की चाबियां गायब होने पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था। इसके बाद रहस्यमय परिस्थितियों में पुरी जिला कोषागार कार्यालय से एक डुप्लीकेट चाबी निकली। यदि वह ताले की डुप्लीकेट चाबी थी तो एक भी ताला क्यों नहीं खुला?

क्या बोले ओडिशा के कानून मंत्री

ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने सोमवार को कहा कि इस बात की जांच की जाएगी कि डुप्लीकेट चाबी को लेकर पिछली सरकार के कार्यकाल में झूठ क्यों फैलाया गया। कानून मंत्री ने कहा कि चाबी के बारे में किसने कहा, क्यों कहा और किसके निर्देश पर ऐसा किया गया और हर चीज की जांच की जाएगी।

कानून मंत्री ने आगे कहा कि सरकार की प्राथमिकता रत्न भंडार खोलना था और यह रविवार को किया गया।रत्न भंडार खोलने की पूरी प्रक्रिया बिना किसी परेशानी के संपन्न हुई। न केवल ओडिशा, बल्कि दुनिया भर के लोगों ने रत्न भंडार के खोलने का स्वागत किया है।

उन्होंने कहा कि रत्न भंडार की जो भी मरम्मत की आवश्यकता होगी, वह आवश्यकतानुसार की जाएगी। कानून मंत्री हरिचंदन ने कहा कि है कि भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद के अनुसार, बहुमूल्य वस्तुओं का भंडारण किया जाएगा।एक स्थायी कैटलॉग के साथ एक डेटाबेस तैयार किया जाएगा।

इन्वेंटरीजेशन के लिए सभी आवश्यक कार्य और प्रक्रियाएं एसओपी के अनुसार की जाएंगी। हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी हो जाएगी। दो तालों पर लाह-सील न होने के सवाल पर कानून मंत्री ने कहा कि माना जा रहा है कि कोई छेड़छाड़ नहीं हुई होगी।

कांग्रेस प्रवक्ता ने ये कहा

हालांकि, इन्वेंटरी प्रक्रिया पूरी होने के बाद चीजें स्पष्ट हो जाएंगी। कांग्रेस प्रवक्ता विश्वरंजन मोहंती ने कहा कि ताले क्यों तोड़े गए और कहां गए इसकी जांच होनी चाहिए। सरकार को जनता के सामने स्पष्ट तस्वीर पेश करनी चाहिए।

बीजद नेता अमर शतपथी ने कहा है कि एक आयोग का गठन किया गया था और रिपोर्ट अब सरकार के पास है।राज्य सरकार को इसे सार्वजनिक करना चाहिए और कार्रवाई रिपोर्ट के साथ विधानसभा के समक्ष रखना चाहिए।फिर से एक समिति गठित करने और समय बर्बाद करने से बचना चाहिए था।

पीएम मोदी भी उठा चुके हैं मामला

यहां उल्लेखनीय है कि मई महीने में फुलवाणी में एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रत्न भंडार की डुप्लीकेट चाबी पर चिंता जताई थी। तब उन्होंने कहा था कि चाबी का गायब होना गम्भीर मामला है और डुप्लीकेट चाबी बनाना उससे भी ज्यादा गंभीर है।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी सवाल किया था कि यह डुप्लीकेट चाबी किसने बनाई थी और क्या कोई रात के वक्त रत्न भंडार से कीमती सामान उड़ा ले गया था। प्रधानमंत्री के अलावा भाजपा के तमाम केन्द्रीय नेता पिछले चुनाव प्रचार के दौरान पुरी जगन्नात मंदिर के रत्न भंडार एवं चाबी गायब होने के मुद्दे को प्रमुखता से उठाए थे।

ऐसे में अब प्रदेश में भाजपा की सरकार बन गई है, रत्न भंडार भी खोल दिए गए हैं, परन्तु चाबी का मुद्दा अभी भी यहां खत्म नहीं हो रहा है।लोग भी जानने चाहते हैं कि आखिर पुरानी चाबी का क्या हुआ।

ये भी पढ़ें-

Puri Jagannath Rath Yatra: दो दिन रथ पर ही रहेंगे भगवान जगन्नाथ, आज होगा सोनावेश, श्रद्धालुओं का लगा जमावड़ा

Jagannath Puri Ratna Bhandar: 18 जुलाई को खुलेगा मंदिर का आंतिरक रत्न भंडार, शुभ मुहूर्त को लेकर आया अपडेट

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर