Puri Jagannath Temple: 46 साल बाद फिर से खुलेगा रत्न भंडार, कल दोपहर इतने बजे का है शुभ मुहूर्त
46 साल के बाद एक बार फिर से पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर का पवित्र रत्न भंडार खुलने जा रहा है। रविवार को दोपहर 01 से 0130 बजे के बीच रत्न भंडार को पुन खुलेगा। इसको लेकर सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। वहीं इसके अलावा सुरक्षा के सभी इंतेजाम कि गए हैं और मंदिर में हेल्पलाइन और मेडिकल टीमें भी तैनात की गई हैं।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। Puri Jagannath Temple Ratna Bhandar Opening पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर का पवित्र रत्न भंडार 46 वर्ष बाद रविवार पुन: खुलने जा रहा है। रत्न भंडार में रखे रत्नों का मरम्मत किए जाने के साथ उसकी गिनती की जाएगी।
महाप्रभु के रत्न भंडार में मौजूद आभूषणों की संख्या, गुणवत्ता, वजन, फोटो चित्र संबंधित डिजिटल कैटलाग भी तैयार किया जाएगा, जिसे भविष्य में एक रेफरेंस डाक्युमेंट के तौर पर उपयोग किया जाएगा।
राज्य के कानून मंत्री ने दी ये जानकारी
इन तमाम प्रक्रियाओं में धार्मिक भावना, स्वच्छता एवं पारदर्शिता को महत्व दिया जाएगा। इस संदर्भ में प्रस्तुत एसओपी मंदिर प्रशासन को दी गई है एवं श्री मंदिर मुख्य प्रशासक को जरूरत के हिसाब से कार्य करने को कहा गया है। राज्य कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचन्दन ने उक्त जानकारी दी है।गौरतलब है कि रत्न भंडार आखिरी बार 1978 में खोला गया था। आज शाम मीडिया को जवाब देते हुए मंत्री हरिचंदन ने कहा कि रविवार को, भगवान के रत्न भंडार को निश्चित रूप से खोला जाएगा।
हालांकि, मंदिर के मुख्य प्रशासक को निर्देश दिया गया है कि मंदिर के सेवादारों के साथ परामर्श करके समय सारिणी तय करें कि रत्न भंडार कितना बजे खोलना है। रत्नभंडार की मरम्मत और गिनती से संबंधित कार्य में अत्यधिक पारदर्शिता और सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया गया है।
रत्न भंडार खोलने के लिए हुई बैठक
सरकार ने यह भी तय कर लिया है कि कौन किस समिति में होगा। प्रत्येक कार्य विधि के अनुसार अनुसार किया जाएगा। रत्न भंडार खोलने को लेकर एसओपी को अंतिम रूप देने के लिए बैठक हुई और सरकार ने विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
इन सभी प्रक्रियाओं के सुचारू संचालन के लिए मुख्य प्रशासक को निर्देश दिए गए हैं। एसओपी में सब कुछ स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है। यह भी उल्लेख किया गया है कि कौन सी समिति क्या काम करेगी। रत्नों की गणना के दौरान रिजर्व बैंक के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे।इसी तरह यह भी तय कर लिया गया है कि भीतरी रत्न में कौन जाएगा। विभिन्न समितियों में मंदिर प्रबंधन के सदस्य, सेवादार, एएसआई प्रतिनिधि और आरबीआई के प्रतिनिधि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर के मुख्य प्रशासक इन समितियों के संचालन करेंगे।
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