Puri Jagannath Temple Ratna Bhandar: एक बार फिर खोला जाएगा रत्न भंडार, कमेटी की बैठक में तारीख की जाएगी फिक्स
Jagannath Temple Ratna Bhandar Reopen Date पुरी जगन्नाथ मंदिर में रत्न भंडार जांच कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस विश्वनाथ रथ ने कहा कि मंदिर के अंदरूनी रत्न भंडार को पुन आने वाले 7 से 8 दिनों में खोला जाएगा। इसको लेकर रत्न भंडार जांच कमेटी एक बैठक करेगी और बैठक में अंदरुनी रत्न भंडार को पुनः कब खोला जाएगा इस पर भी फैसला किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। Jagannath Temple Ratna Bhandar Reopen: पुरी जगन्नाथ मंदिर के अंदरूनी रत्न भंडार को पुन: खोलने के लिए अगले 7 से 8 दिन में रत्न भंडार जांच कमेटी की बैठक की जाएगी। बैठक में अंदरुनी रत्न भंडार को पुनः कब खोला जाए निर्णय लिया जाएगा। उक्त बातें रत्न भंडार जांच कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस विश्वनाथ रथ ने कही है।
जस्टिस रथ अंदरुनी रत्न भंडार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रत्न भंडार गृह का आकार लगभग 15 फीट लंबा तथा 10 फुट चौड़ा है।अंदरूनी रत्न भंडार में 4 संदूक, 5 आलमारी प्राथमिक दृष्टिया देखने को मिली है, यह संख्या और भी हो सकती है। सभी अलमारी लकड़ी और स्टील से बनी हैं। संदूक सभी लकड़ी के हैं।
कमेटी के सभी सदस्य हैं स्वस्थ
रत्न भंडार खोलने गई कमेटी के सभी सदस्य पूरी तरह से सुरक्षित वह स्वस्थ हैं। किसी को कुछ नहीं हुआ है। अंदरूनी रत्न भंडार में तीन ताला लगाया गया था। इसमें से एक ताला को जउमूद देकर सील किया गया था। अन्य दो ताले सील नहीं किए गए थे।जिला कोषागार से जो चाबी गई थी, उससे ताला नहीं खुला तो तीनों तालों को कटारी से काट दिया गया और फिर हम अंदर प्रवेश किए। रत्न भंडार जांच कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस रथ ने कहा है कि बाहरी रत्न भंडार से अलंकारों को स्थानांतरण प्रक्रिया काफी कष्टकर थी।
तीनों तालों को खोलकर अंदर किया गया प्रवेश
इसके लिए हमें लगभग तीन घंटे का समय लगा था। उन्होंने कहा कि बाहरी रत्न भंडार में लगे तीन ताले को खोलकर हमने अंदर प्रवेश किए थे। इसके बाद उसके अंदर रहने वाले सोना, चांदी, हीरा, नीला, मोती, माणिक आदि को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू थी।स्थानांतरण करने के लिए बनायी गई टीम ने रत्न एवं आभूषण को अस्थाई रत्न भंडार गृह में स्थानांतरित किया। सभी प्रक्रिया की बारीकी से विडियो रिकार्डिंग की गई है। किस जगह से कौन सा अलंकार लाया गया है, उसकी मार्किंग की गई है।
उसी स्थान पर पुन: उन्हें रखा जाएगा। रत्न भंडार में प्रवेश करने के संदर्भ में जानकारी देते हुए जस्टिस रथ ने कहा है कि हम जय जगन्नाथ एवं हरिबोल जयकारा करने के बाद रत्न भंडार में प्रवेश किए थे।ये भी पढ़ें-अब तक कितनी बार खोला गया जगन्नाथ मंदिर में रत्न भंडार, 1978 में मिले थे इतनी तरह के आभूषण; यहां पढ़ें पूरी जानकारी
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