Puri Jagannath Mandir: रत्नभंडार खोलने की ये है टाइमिंग, ठाकुर का घर बना स्ट्रांगरूम; सारी तैयारियां पूरी
Puri Jagannath Mandir ओडिशा में 46 साल बाद पुरी जगन्नाथ मंदिर का रत्नभंडार रविवार को खुलने जा रहा है। इसके लिए सरकार की ओर से एसओपी जारी कर दिया गया है। राज्य सरकार ने शनिवार शाम ही पत्र जारी कर मंदिर प्रशासन को जानकारी दे दी। शनिवार देर रात मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ा ने मंदिर का निरीक्षण किया था।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। Puri Jagannath Mandir 46 साल के अंतराल के बाद रत्नभंडार रविवार (14 जुलाई) को खुलने जा रहा है। राज्य सरकार ने इसके लिए अंतिम एसओपी जारी कर दी है। इस संबंध में राज्य सरकार ने शनिवार शाम एक पत्र के माध्यम से मंदिर प्रशासन को सूचित किया। इस एसओपी के आधार पर शुभ मुहूर्त देखने के बाद रविवार को रत्नभंडार का ताला खोल दिया जाएगा।
रत्नभंडार को दोपहर 1-1.30 बजे के बीच खोलने की योजना है। मुख्य सचिव मनोज आहूजा और मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने रत्नभंडार निरीक्षण समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ और समिति के अन्य सदस्यों के साथ शनिवार देर रात मंदिर का दौरा किया था।
विशेषज्ञों की टीम भी रहेगी मौजूद
रत्नभंडार खोलने के लिए निरीक्षण समिति के साथ विशेषज्ञों की एक विशेष टीम भी जाएगी। कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि रत्न भंडार को खोलने के लिए सभी व्यवस्थाएं मंदिर के मुख्य प्रशासक की देखरेख में होंगे। 24 साल पुरानी सरकार रत्नभंडार नहीं खोल सकी। नई सरकार के सत्ता में आने के एक महीने बाद उसने रत्नभंडार खोलने जैसा बड़ा फैसला लिया है।
उन्होंने कहा कि यही कारण है कि हम खुद को भगवान के प्रति समर्पित कर रहे हैं। हरिचंदन ने कहा, "भगवान निश्चित रूप से हमारी मदद करेंगे। इसके लिए शनिवार को निलाद्री भक्तनिवास में मुख्य सचिव मनोज आहूजा, रत्नभंडार निरीक्षण समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ, मंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी, गृह सचिव, जिला कलेक्टर, मंदिर की प्रबंधक समिति के सेवादार प्रतिनिधियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई थी।
रत्न भंडार खोलने को लेकर क्या कहा मंदिर प्रबंधन समिति
जस्टिस रथ ने कहा कि रत्नभंडार खोलने से पहले महाप्रभु, महालक्ष्मी, बाबा लोकनाथ और मां विमला का आशीर्वाद लिया जाएगा। मंदिर की प्रबंधन समिति के सदस्य माधव महापात्र ने कहा कि रत्न भंडार खोले जाने के दौरान भंडार मेकाप, देउलकरन, तड़ौकरन, प्रतिहारी मौजूद रहेंगे। ठाकुर के घर को स्ट्रांगरूम बना दिया गया है। पता चला है कि यहां रत्नाभंडार के आभूषणों को गिनने और मरम्मत तक रखा जाएगा।
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