Odisha News: पुरी जगन्नाथ मंदिर में सुरक्षा चूक से फिर उठे सवाल, देर रात में मंदिर के शीर्ष पर चढ़ा बुजुर्ग
Odisha News पुरी जगन्नाथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर फिर सवाल उठे हैं। बुधवार रात एक व्यक्ति मंदिर के शीर्ष पर चढ़ गया और कुछ देर तक वहीं रहा। सुरक्षा गार्डों को चकमा देकर पश्चिमी द्वार से मंदिर के अंदर उसने प्रवेश किया और मंदिर के शीर्ष पर चढ़ गया। शख्स पर नजर पड़ने के बाद उसे नीचे उतारा गया। बताया गया कि वह काफी घबराया हुआ था।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। पुरी जगन्नाथ मंदिर की सुरक्षा को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। कभी कोई व्यक्ति मोबाइल लेकर मंदिर प्रवेश कर जाता है और आंतरिक हिस्से का फोटो लेकर इंटरनेट मीडिया पर डाल देता है तो कभी मंदिर के ऊपर से ड्रोन उड़ने का मामला सामने आता है।
अब ऐसा ही एक और मामला सामने आया है। यहां एक व्यक्ति सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए बुधवार रात को दधिनौती के ऊपर चढ़ गया और कुछ देर तक ऊपर ही रहा। इससे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।
गंजाम जिला छत्रपुर इलाके का बलराम महारणा ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा गार्डों को चकमा देकर पश्चिमी द्वार से मंदिर के अंदर प्रवेश किया और मंदिर के शीर्ष पर चढ़ गया।
रात 10 बजे की घटना
जानकारी के मुताबिक बुधवार रात 10 बजे, बलराम महारणा पुरी जगन्नाथ मंदिर के शीर्ष पर चढ़ गया। इसके बाद वहां रहने वाले मंदिर के सेवक, सुरक्षा गार्डों द्वारा उसे नीचे आने के लिए कहने के बावजूद वह नीचे नहीं आया।
जब अग्निशमन विभाग के कर्मचारी और चुनरा सेवक जब उसे बचाने के लिए ऊपर गए तब वह नीचे आया।इसके बाद पकड़कर सिंहद्वारा थाना लेजाकर पूछताछ की गई है।
गंजाम का रहने वाला बुजुर्ग है आरोपी
पुरी एसपी पिनाक मिश्र ने कहा है कि वह एक बुजुर्ग व्यक्ति है। गंजाम जिला छत्रपुर इलाके का रहने वाला है। उसका नाम बलराम महारणा है।काफी मशक्कत के बाद उसे नीचे उतारा गया।
नीचे उतरने के बाद वह थोड़ा घबराया हुआ था। वहीं, उक्त व्यक्ति ने कहा है कि वह इससे पहले भी पुरी जगन्नाथ मंदिर पर के शिखर पर चढ़ चुका है। आज मैंने देखा कि महाप्रभु का पतितपावन बाना (शिखर पर लगा पताका) खिसक गया है तो मैं मंदिर पर चढ़ गया।
हालांकि, उक्त शख्स की हरकत और जवाब में बताई गई वजह को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि शख्स ने मंदिर के ऊपर चढ़ने के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था को कैसे तोड़ दिया। वहां तैनात मंदिर पुलिस एवं सेवक की नजर आखिर उस कैसे नहीं पड़ी।