Move to Jagran APP

Rath Yatra 2023: मंदिर से बाहर निकलकर भक्‍तों के बीच आए प्रभु जगन्‍नाथ, भ्रमण पर निकलेंगे भाई-बहनों के साथ

Rath Yatra 2023 पुरी में भगवान जगन्नाथ की 146वीं रथयात्रा निकाले जाने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। शहर में उत्‍सव का माहौल है। देश और दुनिया के कोने-कोने से लोग आकर मंदिर परिसर में जुट रहे हैं। जगन्नाथ मंदिर से लेकर गुंडिचा मंदिर तक श्रद्धा और उत्साह चरम पर है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Tue, 20 Jun 2023 12:00 PM (IST)
Hero Image
ओडिशा के पुरी में रथयात्रा को लेकर सुबह से ही उत्‍सव माहौल।
जागरण संवाददाता, पुरी। Rath Yatra 2023: विश्व प्रसिद्ध पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा को लेकर शहर में सुबह से ही उत्सव का माहौल है। ट्रेन एवं बसों के जरिए भक्तों का समागम जगन्नाथ धाम पहुंच रहा है। भक्तों की सुरक्षा के लिए शहर के अंदर एवं बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

शहर में हुआ लाखों भक्‍तों का समागम

जानकारी के मुताबिक,  देश-विदेश एवं प्रदेश के अलग-अलग कोनों से लाखों श्रद्धालुओं का पुरी आना जारी है। हर कोई अपनी आंखों से रथ पर विराजमान प्रभु का दर्शन करना चाहता है। भक्ति के साथ जय जगन्नाथ की ध्वनि से पूरा जगन्नाथ धाम गुंजायमान है।

मंदिर से निकलकर भाई-बहनों के साथ बाहर आए प्रभु जगन्‍नाथ

प्रसिद्ध पुरी रथ यात्रा के लिए राज्य सरकार, पुरी जिला प्रशासन और मंदिर प्रशासन की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गयी है। श्रीजीउ की पहंडी बिजे अनुष्‍ठान शुरू हो चुका है। इसमें भक्‍त और पंडा सब मिलकर भगवान जगन्नाथ, भगवान सुदर्शन, बड़े भाई बलभद्र और देवी सुभद्रा को बड़े ही प्रेम के साथ एक-एक करके मंदिर से बाहर निकालकर उन्हें उनके लिए निर्धारित रथ के मंच पर विराजित करते हैं।

पहंडी कार्यक्रम को दोपहर 12.30 बजे तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद रथ पर अन्य नीति संपन्न की जाएगी। अपराह्न चार बजे रथ खींचने की प्रक्रिया शुरू होगी। इससे पहले आज सुबह भगवान की मंगल आरती, मइलम, तड़पलागी, रोषहोम और अवकाश नीति के बाद सूर्य पूजा, द्वारपाल पूजा और वेष किया गया है।

मंदिर के अंदर तमाम रीति नीति संपन्न होने के बाद पहंडी में लाकर प्रभु को रथ पर विराजमान किया जा रहा है। दोपहर 12.30 बजे से दोपहर 1 बजे तक श्री श्री मदनमोहन, श्री श्रीराम और श्री श्रीकृष्ण बीजे, दोपहर 1:30 बजे से 2:30 बजे तक चितालागी नीति एवं वेश सम्पन्न होगा। दोपहर 2.30 बजे से 3.30 बजे तक छेरापहरा होगा, अपराह्न 3 से 4 बजे तक रथ में चारमार लगाने, घोड़ा और सारथी स्थापित किया जाएगा। इसके बाद रथ खींचने की प्रक्रिया शुरू होगी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।