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Odisha News: नंदनकानन में फिर शुरू हुई रोप-वे की सुविधा, 1 घंटे में 500 पर्यटक ले पाएंगे मजा; जानें टिकट की कीमत

भुवनेश्वर में मौजूद नंदनकानन उद्यान में रोप-वे सुविधा फिर से शुरू की गई। ऐसे में यहां आने वाले पर्यटक चिड़ियाघर का आनंद लेने के साथ रोप-वे की सुविधा का भी लाभ ले पाएंगे। बताया जा रहा है कि इस आधुनिक रोप-वे में पर्यटकों की सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा गया है। रोप-वे से एक घंटे में 500 से अधिक पर्यटकों को सेवा मुहैया किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

By Sheshnath RaiEdited By: Shashank ShekharUpdated: Sat, 18 Nov 2023 10:28 PM (IST)
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नंदनकानन में फिर शुरू हुई रोप-वे की सुविधा, 1 घंटे में 500 पर्यटक ले पाएंगे मजा
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में मौजूद नंदनकानन प्राणी उद्यान में 13वर्ष बाद एक बार फिर रोपवे सुविधा शनिवार से शुरू हुई है। नंदनकानन आने वाले पर्यटक अब चिड़ियाघर का आनंद लेने के साथ ही रोप-वे सुविधा का लाभ ले सकते हैं।

जानकारी के मुताबिक, इस अत्याधुनिक रोप-वे व्यवस्था में पर्यटकों की सुरक्षा को विशेष ध्यान दिया गया है। इसमें 1 घंटे में 500 से अधिक पर्यटकों को सेवा मुहैया किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। यह जानकारी रोप-वे निर्माण के दायित्व में रहने वाले महेश महतो ने दी है। टिकट कीमत 120 रुपये, 140 रुपये एवं 170 रुपये रखा गया है।

कोलकाता की दामोदर रोप-वे कंपनी को मिली जिम्मेदारी

कोलकाता की दामोदर रोप-वे इनफो लिमिटेड ठेका संस्था को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। दो टावर के साथ 626 मीटर से अधिक लंबी मोनो केबुल पल्स्ड के साथ इस रोप-वे का निर्माण किया गया है। एक केबिन में 6 लोग सवारी कर सकते हैं और रोप-वे में एक साथ 12 केबिन का संचालन किया जा सकता है। इस तरह से 72 पर्यटक एक साथ यात्रा कर सकेंगे।

जंगल एवं पर्यावरण मंत्री प्रदीप कुमार अमात ने इस रोप-वे व्यवस्था का शुभारंभ किया है। इस अवसर पर विधायक सुशांत कुमार राउत, जटनी विधायक सुरेश कुमार राउतराय, जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सत्यव्रत साहू, प्रधान मुख्य वन संरक्षक देवीदत्त विश्वाल, सुशांत नंद, नंदनकानन निदेशक मनोज वी.नायर, उप निदेशक सनत कुमार नारायण प्रमुख उपस्थित थे।

2011 फरवरी में रोप-वे व्यवस्था बंद कर दिया गया 

गौरतलब है कि 1988 में नंदनकानन प्राणी उद्यान एवं राज्य उद्विध उद्यान को जोड़ने के लिए रोप-वे व्यवस्था शुरू करने के लिए कोलकाता की सक्षा ब्रेक कंपनी एवं सरकार के बीच करारनामा हस्ताक्षरित किया गया था। 10 अक्टूबर 1994 को तत्कालीन मुख्यमंत्री बीजू पटनायक के द्वारा रोप-वे व्यवस्था का लोकार्पण किया गया था।

दो बार दुर्घटना के बाद 2011 फरवरी में रोप-वे व्यवस्था को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। इस व्यवस्था को दोबारा चालू करने के लिए 5 अगस्त 2016 को रोप-वे इनफो लिमिटेड को जिम्मेदारी दी गई थी।

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