छठ आते ही राउरकेला में बन जाता है 'मिनी बिहार', 16 साल से मुंगेर जिले से यहां आ रहीं छठव्रती
Chhath Puja 2023 ओडिशा का राउरकेला छठ आते ही मिनी बिहार बन जाता है। बिहार के मुंगेर जिले का एक ऐसा परिवार भी है जो राउरकेला की रेलवे कॉलोनी में छठ पूजा करने के लिए आता है। बता दें कि रेलवे कॉलोनी में बिहारियों की आबादी डेढ़ हजार से अधिक है जिसकी वजह से छठ पूजा पर यहां की रौनक एक अलग ही होती है।
राउरकेला में छठ पूजा क्यों?
सुनीता देवी ने बताया कि पूरा परिवार रेलवे कॉलोनी में होने के कारण बिहार के बजाय राउरकेला आकर पूरे परिवार के साथ एकजुट होकर छठ पर्व मनाती हूं। विगत 16 साल से राउरकेला आकर देवर भीषण और देवरानी रितु साहु के घर में एकत्रित होकर छठ पर्व मना रही हूं।छठ पूजा आस्था का महापर्व
छठ पूजा हम लोगों के लिए आस्था का महापर्व है। इसी पर्व में भगवान सूर्य की साक्षात दर्शन होने के साथ ही छठी मईयां सभी की मनोकामना पूरी करती हैं, जिसके कारण घाटो और तालाबों में अस्तगामी और उदयगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए परिवार के साथ जाते हैं। यह पर्व मनाने में बहुत आनंद आता है।- रतन पंड़ा, (महाराज), रेलवे कॉलोनी वासी।
छठ मईया के आर्शिवाद से मनोकामना पूर्ण हुई है। इस आस्था के महापर्व में कॉलोनी में रहने वाले छठ व्रतियों की सहायता और सहयोग करने में एक अलग ही आनंद आता है। पुरी कॉलोनी छठ पूजा में रमा हुआ है। मईयां का आर्शिवाद सब पर बना रहे। - मंजू देवी, रेलवे कॉलोनी वासी।