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रूचिका महांति आत्महत्या मामले को लेकर ओडिशा विधानसभा में हंगामा, सीबीआइ जांच की मांग

Ruchika Mahanti suicide case बीजेबी कालेज छात्रा रूचिका महांति आत्महत्या मामले को लेकर विधानसभा में शोर शराबे की वजह से सदन की कार्यवाही मुलतवी घोषित करनी पड़ी। भाजपा एवं कांग्रेस विधायकों ने सदन में की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है।

By Babita KashyapEdited By: Updated: Mon, 04 Jul 2022 02:59 PM (IST)
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बीजेबी कालेज छात्रा रूचिका महांति आत्महत्या प्रसंग को लेकर ओडिशा विधानसभा में शोर-शराबा
भुवनेश्वर, जागरण संवादाता। Ruchika Mahanti suicide case: भुवनेश्वर बीजेबी कालेज छात्रा रूचिका महांति आत्महत्या प्रसंग को लेकर ओडिशा विधानसभा में आज भी शोर-शराबा देखने को मिला है। कांग्रेस एवं भाजपा विधायकों ने आज भी सदन में इस प्रसंग को लेकर हो हल्ला किया। सदन में हंगामा जारी रहने से विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही भी मुलतवी घोषित करनी पड़ी है।

बाद में विधानसभा अध्यक्ष विक्रम केशरी आरूख ने इस प्रसंग पर गृह राज्य मंत्री को विवृति रखने के लिए निर्देश दिया है। वहीं भाजपा एवं कांग्रेस के विधायकों ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग किया है। विरोधी दल के मुख्य सचेतक मोहन माझी ने कहा है कि बीजेबी कालेज में रेगिंग का मामला कोई नया नहीं है बल्कि प्रदेश में पिछले पांच साल में रेगिंग के कारण 3100 छात्र-छात्राओं को जान गंवानी पड़ी है।

जानकारी के मुताबिक विधानसभा शुन्यकाल में आज एक बार फिर बीजेबी कालेज छात्रा की रेगिंग एवं आत्महत्या का मामला छाया रहा है। आत्महत्या मामले को लेकर भाजपा विधायक ने सीबीआइ से कराने की मांग की है। इस प्रसंग को लेकर सदन में विरोधी दल के मुख्य सचेतक मोहन माझी ने कहा है कि यह एक गम्भीर मामला है। सरकार की कानून व्यवस्था एवं उच्च शिक्षा विभाग के अनुशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस घटना ने सरकार की विफलता को प्रमाणित किया है। राज्य में उच्च शिक्षा की स्थिति बदतर हो गई है।

भाजपा विधायक ने कहा कि यह केवल बीजेबी कालेज की बात नहीं है, राज्य के कई कालेजों में भी रेंगिग हो रही है। सुपरिटेंडेट झुमिकी रथ को इस घटना के बारे में कैसे जानकारी तक नहीं मिल पायी। किन तीन सीनियर छात्राओं ने शिक्षक के यहां ट्यूशन पढ़ने के लिए दबाव बनाया था। उनके ऊपर कार्रवाई की जाए। 2021-22 आर्थिक साल में ओडिशा में 40 मामला यूजीसी के पास दाखिल हुआ है।

वह रिपोर्ट आने के बाद भी सरकार चुप्पी साधे हुए हैं। रैगिंग को रोकने के लिए क्या राज्य सरकार नया सख्त कानून बनाएगी, सवाल किया। रैगिंग के लिए राज्य में आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। पांच साल में 3100 छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या किया है। भाजपा के बाद कांग्रेस के विधायकों ने इस प्रसंग पर सरकार को घेरा और मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की है।

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