Odisha: भद्रक में जमीन की खोदाई में मिला शिवलिंग
Shivling In Odisha बलदियापदा मैदान में पार्क निर्माण के लिए जमीन की खोदाई व मिट्टी समतलीकरण का काम चल रहा था। इसी बीच किसी वस्तु से टकरा कर ट्रैक्टर के आगे का हिस्सा टूट गया। ट्रैक्टर चालक व मालिक ने जब नीचे उतर कर देखा तो सामने शिवलिंग दिखाई दिया।
By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Sun, 15 Nov 2020 05:46 PM (IST)
जासं, भुवनेश्वर। Shivling In Odisha: ओडिशा में भद्रक जिले में शनिवार की रात जमीन की खोदाई में शिवलिंग मिला है। इसके बाद इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है। बताया गया कि भद्रक प्रखंड के गोरागांव स्थित बलदियापदा मैदान में पार्क निर्माण के लिए जमीन की खोदाई व मिट्टी समतलीकरण का काम चल रहा था। इसी बीच, किसी ठोस वस्तु से टकरा कर ट्रैक्टर के आगे का कुछ हिस्सा टूट गया। ट्रैक्टर चालक व मालिक ने जब नीचे उतर कर देखा तो सामने शिवलिंग दिखाई दिया। उन्होंने सरपंच व गांव के लोगों को इसकी सूचना दी। इसके बाद शिवलिंग को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। देखते ही देखते भोले बाबा की पूजा-अर्चना शुरू हो गई। यह शिवलिंग कितना पुराना है, अभी इसकी जांच नहीं हुई है। लेकिन देखने से यह काफी प्राचीन लग रहा है।
इधर, पश्चिम ओडिशा की आराध्य देवी मां समलेश्वरी को समर्पित संबलपुर स्थित मां समलेश्वरी मंदिर के विकास और सुंदरकीरण के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की घोषणा अब साकार होने जा रही है। राज्य सरकार ने इसके लिए पर्यटन विभाग को दो करोड़ रुपये दिए हैं। इससे मंदिर के यात्री निवास समेत भोग मंडप का संप्रसारण किया जाएगा। गौरतलब है कि इसी वर्ष 21 जनवरी को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अपने दौरे के दौरान मां समलेश्वरी का दर्शन करने समेत मंदिर के विकास और सुंदरीकरण की घोषणा की थी। उन्होंने बताया था कि ओडिशा के प्रसिद्ध मंदिरों और पर्यटन स्थलों में मां समलेश्वरी का मंदिर भी एक है। ओडिशा समेत पडोसी छत्तीसगढ़ और झारखंड से भी मां के भक्त दर्शन के लिए आते हैं। ऐसे में भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर का संप्रसारण किया जाएगा।
इसी के तहत मंदिर के यात्री निवास में दो शयन कक्ष समेत 50 कक्ष और 500 भक्तों के लिए भोजन की व्यवस्था की जाएगी। पर्यटन विभाग के अनुसार, सोलहवीं शताब्दी के इस मंदिर को देखने और मां समलेश्वरी का दर्शन करने वर्ष 2019 में चार लाख 63 हजार 557 पर्यटक संबलपुर आए थे। इनमें से 981 विदेशी पर्यटक भी थे। यह संख्या होटलों में रहने वाले पर्यटकों की है, जबकि यह संख्या इससे अधिक है। महानदी तट पर स्थित मंदिर किनारे की रिंग रोड का भी संप्रसारण किया गया है और महानदी का नजारा देखने के लिए व्यू प्वाइंट बनाया गया है। मंदिर में नुंआखाई, महालय और दशहरा के दौरान विशेष पूजा-अर्चना होती है। इस वर्ष कोरोना काल में मंदिर के कपाट अब तक भक्तों के लिए बंद हैं।
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