Jagannath Rath Yatra के लिए रेलवे की विशेष तैयारी! चलाई जाएंगी 315 स्पेशल ट्रेनें, आने-जाने में होगी सहूलियत
आने वाली 7 जुलाई को ओडिशा में विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा का आयोजन होगा और इसको लेकर सभी तैयारियां जारी हैं। इस आयोजन को लेकर आयोजन को रेलवे ने भी तैयारी की है। रथयात्रा के कारण रेलवे ने 315 विशेष ट्रेन चलाने का फैसला लिया है और यह जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है। इसके अलावा पहली बार देश की राष्ट्रपति के भी रथयात्रा में शामिल हो सकते हैं।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। Special Train For Jagannath Rath Yatra 2024 विश्व प्रसिद्ध पुरी रथयात्रा के दौरान 315 विशेष ट्रेन चलायी जाएगी। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार अधिक ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है।
यह जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है। दिल्ली दौरे पर रहने वाले मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी (CM Mohan Charan Majhi) ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) से मुलाकात की है। मुख्यमंत्री के साथ दो उप-मुख्यमंत्री भी चर्चा में शामिल थे।
मुख्यमंत्री के साथ चर्चा के बाद रेल मंत्री ने रथयात्रा के दौरान विशेष ट्रेन चलाने के संदर्भ में जानकारी दी है। इसके साथ ही इस बार की रथयात्रा में भक्तों के लिए अधिक व्यवस्था की जाएगी।
7 जुलाई को होगी रथ यात्रा
15 हजार यात्रियों को पुरी रेलवे स्टेशन पर रहने की व्यवस्था की जाने की बात रेलमंत्री ने कही है। जानकारी के मुताबिक इस वर्ष 7 जुलाई को विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा की शुरूआत है। पहली बार राष्ट्रपति के रथयात्रा में शामिल होने का कार्यक्रम है।
ऐसे में रथ को शांतिपूर्ण एवं व्यवस्थित ढंग से संपन्न करने के लिए लगातार पुरी जिला एवं राज्य प्रशासन बैठकें कर रहा है। खुद कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन सुरक्षा व्यवस्था एवं अन्य व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं।
इन रथों का हो रहा है निर्माण
वहीं दूसरी तरफ पुरी जगन्नाथ मंदिर के सामने रथखला में तीनों रथ प्रभु जगन्नाथ जी के नंदघोष, प्रभु बलभद्र जी के तालध्वज रथ एवं देवी सुभद्रा जी के दर्प दलन रथ का निर्माण कार्य चल रहा है। महाराणा सेवक तीनों रथों का निर्माण कर रहे हैं।
गौरतलब है कि उत्कल प्रांत का पुरी क्षेत्र जिसे पुरुषोत्तम पुरी, शंख क्षेत्र, श्रीक्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है, भगवान श्री जगन्नाथ जी की मुख्य लीला-भूमि है।उत्कल प्रदेश के प्रधान देवता श्री जगन्नाथ जी ही माने जाते हैं। वैष्णव धर्म की मान्यता है कि राधा और श्रीकृष्ण की युगल मूर्ति के प्रतीक स्वयं श्री जगन्नाथ जी हैं।
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।लाखों भक्तों का लगता है जमावड़ा
इसी प्रतीक के रूप श्री जगन्नाथ से सम्पूर्ण जगत का उद्भव हुआ है। भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को जगन्नाथपुरी में आरम्भ होती है। मंदिर से बाहर आकर जगत का कल्याण करते हैं भगवान जगन्नाथ श्री पुरुषोत्तम क्षेत्र (जगन्नाथ पुरी ओडिशा) में होने वाली रथयात्रा और भगवान जगन्नाथ जी की महिमा अवर्णनीय है। इसका उल्लेख विशेष रूप से स्कंद पुराण वैष्णव खंड के अंतर्गत पुरुषोत्तम क्षेत्र माहात्म्य में मिलता है। रथयात्रा का वर्णन ब्रह्मपुराणादि अन्य पुराणों में भी है। ऐसे में रथ पर सवार जगत के नाथ जगन्नाथ जी को देखने के लिए हर वर्ष लाखों भक्तों का समागम जगन्नाथ धाम में होता है, जिसकी तैयारी अब युद्ध स्तर पर चल रही है।ये भी पढ़ें-Odisha में माझी सरकार आने के बाद इस अस्पताल का होगा कायाकल्प! पिछले कई सालों से अटका हुआ है काम
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