'साढ़े 4 साल से कहां थी, चुनाव आया तो...' भुवनेश्वर में BJP सांसद का जोरदार विरोध, आमने-सामने आए बीजद-भाजपा कार्यकर्ता
राजधानी भुवनेश्वर में चुनावी सरगर्मी का एक ज्वलंत उदाहरण सोमवार देर शाम देखने को मिला है। इसके कारण एक घंटे तक राष्ट्रीय राजमार्ग जाम रहा। लोग हलकान हुए और नारेबाजी से पूरा क्षेत्र प्रकंपित हो गया। आक्रोशित लोगों को हटाने पहुंची पुलिस को परेशान होना पड़ा। भुवनेश्वर सांसद तथा भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता सोमवार को कटक-पुरी रोड स्थित बुद्धेश्वर कॉलोनी में मिलने गई थी।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में चुनावी सरगर्मी का एक ज्वलंत उदाहरण सोमवार देर शाम रात 8 बजे देखने को मिला है। लगभग एक घंटे तक राष्ट्रीय राजमार्ग जाम रहा, यातायात कर रहे लोग हलकान हुए और नारेबाजी से पूरा क्षेत्र प्रकंपित रहा। अवरोध हटाने पहुंची पुलिस को परेशान होना पड़ा।
जानकारी के मुताबिक, भुवनेश्वर सांसद तथा भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सोमवार शाम को कटक-पुरी रोड स्थित बुद्धेश्वर कॉलोनी में कुछ लोगों से मिलने गई थी। हालांकि, स्थानीय लोगों को जानकारी मिलते ही सांसद का विरोध करना शुरू कर दिया और कहा कि पिछले साढ़े चार साल सांसद लापता थी और अब चुनाव नजदीक आ गया है तो वह घर-घर घुमना शुरू कर दिया है।
अब तक वह कहां थी। उन्होंने हमारे इलाके में कोई काम नहीं किया है। ऐसे में हम उनका विरोध करते हैं, हम किसी पार्टी के नहीं, बल्कि आम लोग हैं। इतना ही नहीं, कुछ सदस्यों ने कहा कि भाजपा युवा नेता ने विरोध प्रदर्शन कर रही महिला के साथ दुर्व्यवहार किया है। सांसद ने हमें जो आश्वासन दिया था, उसे पूरा नहीं किया है।
भाजपा कार्यकर्ता का आरोप- ये सभी बीजद के गुंडे
वहीं, इस विरोध के बाद सांसद के समर्थक भी वहां पहुंच गए और बीजद सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि सांसद का विरोध करने वाले कोई आम लोग नहीं, बल्कि ये सभी बीजद के गुंडे हैं। इस तरह से एक जनप्रतिनिधि का विरोध करना ठीक नहीं है।
हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। वहीं, सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझा-बुझाकर हटाने के बाद आवागमन सामान्य हुआ है।
कुल मिलाकर आम तौर शांतिप्रिय ओडिशा में 2024 आम चुनाव से पहले शुरू हुई विरोध की यह राजनीति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आगामी दिनों में यह और जोरदार होगी।
हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा है कि यदि स्थानीय लोग सांसद का विरोध कर रहे थे तो ठीक है, मगर यदि बीजद कार्यकर्ता विरोध कर रहे थे। यह ओडिशा की राजनीति के लिए आगामी दिनों में शुभ संकेत बिल्कुल नहीं है।
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