Sujeet Kumar: बीजद को लगा तगड़ा झटका, ओडिशा के दूसरे राज्यसभा सांसद ने भी बीजद छोड़ थामा भाजपा का दामन
Odisha News ओडिशा में पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल को करारा झटका लगा है। पार्टी के राज्यसभा सांसद और नेता सुजीत कुमार ने बीजद और अपनी संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन भी थाम लिया। पार्टी छोड़ने के बाद सुजीत ने बीजद पर जमकर हमला भी बोला।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। Odisha Politics: ओडिशा में सत्ता परिवर्तन के बाद बीजू जनता दल को एक के बाद एक तगड़े झटके लगते ही जा रहे हैं। लोकसभा में पहले ही कोई सदस्य नहीं है, अब राज्यसभा में भी उसके एक बाद एक साथी साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं।
पहले आदिवासी चेहरा रहीं राज्यसभा सदस्य ममता महंत ने बीजद से नाता तोड़ा। अब शुक्रवार को अन्य एक राज्यसभा सदस्य का बीजद से मोह भंग हो गया है। बीजद से राज्यसभा सदस्य रहे सुजीत कुमार पार्टी से इस्तीफा देने के साथ ही भाजपा में शामिल हो गए हैं।
वह दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, सांसद भर्तृहरि महताब, भाजपा प्रभारी विजय पाल सिंह तोमर, भाजपा महासचिव तथा पूर्व ओडिशा प्रभारी अरुण सिंह की उपस्थिति में वह भाजपा में शामिल हुए।
सुजीत कुमार को बीजद से निकाले जाने की चर्चा
उधर, सुजीत कुमार के राज्यसभा सदस्य पद से इस्तीफा देने की बात सामने आते ही बीजद प्रमुख नवीन पटनायक ने उन्हें पार्टी से निकाले जाने की घोषणा की। इसके कुछ ही समय बाद सुजीत कुमार नई दिल्ली स्थित भाजपा कार्यालय पहुंचे और भाजपा में शामिल हो गए।
2026 में सुजीत का कार्यकाल खत्म हो रहा था। कार्यकाल खत्म होने के दो वर्ष पहले ही सुजीत ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है। ममता एवं सुजीत के इस्तीफा देने के बाद राज्यसभा में बीजद सदस्यों की संख्या अब मात्र 7 रह गई है। वही, लोकसभा में बीजद के एक भी सदस्य नहीं हैं।
भाजपा में जाते ही सुजीत कुमार का बीजद पर तीखा हमला
भाजपा में शामिल होने के बाद सुजीत कुमार ने बीजद पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि आम चुनाव से पहले मुझे धमकी दी गई थी कि आपको राज्यसभा से हटा दिया जाएगा। आपका राजनीतिक कैरियर खत्म कर दिया जाएगा।
कालाहांडी में जाकर एक राज्य स्तरीय नेता ने यह बात कही थी। यह बात उन्होंने सीधे मुझसे तो नहीं कही थी, मगर पार्टी के अन्य नेताओं से कही थी। मेरे सामने कहने का उनके पास साहस नहीं था।चुनाव के बाद मैंने यह जानकारी पार्टी सुप्रीमो को दी थी। कुमार ने कहा कि पिछले डेढ़ वर्ष से पार्टी में मेरी अनदेखी की जा रही थी। पार्टी के एक-दो नेताओं की गुलामी करने को मजबूर किया जा रहा था।
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