Odisha News: सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल एमआरएसएएम का लगातार दो बार सफल परीक्षण
सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल एमआरएसएएम का लगातार दो बार सफल परीक्षण लगातार दोनों बार मिसाइल ने अपने लक्ष्य को ध्वस्त करने में रही कामयाब परीक्षण को देखते हुए 10 हजार लोगों को लाया गया था स्थाई शिविर में
By Priti JhaEdited By: Updated: Wed, 30 Mar 2022 01:13 PM (IST)
बालेश्वर, जागरण संवाददाता। भारतीय रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन यानी डीआरडीओ ने अपने पिटारे में नए नए किस्म के तथा पुराने मिसाइलों का आधुनिकीकरण कर आए दिन परीक्षण करने का सिलसिला जारी रखा है। इसी के तहत भारतीय वैज्ञानिक एवं रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन ने बुधवार को लगातार दो बार जमीन से हवा में प्रहार करने वाली मिसाइल एमआरएसएएम यानी की मीडियम रेंज सर्फेस टु एयर मिसाइल का चांदीपुर के आईटीआर के लांचिंग काम्पलेक्स तीन से 10 बजकर 14 मिटन एवं 11 बजकर 3 मिनट पर सफलता पूर्वक परीक्षण किया है। इस मिसाइल को आज विभिन्न एंगल से जमीन से हवा में छोड़ा गया। इस परीक्षण में मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य को भेंदने में सफल रही।
मिसाइल परीक्षण को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से परीक्षण स्थल के दो किलोमीटर तक के दायरे में आने वाले गांव के करीब 800 परिवार के 10 हजार लोगों को स्थाई शिविर में लाकर सुबह से ही रखा गया था। इसके लिए इन लोगों को भोजन के साथ-साथ मुआवजे की भी व्यवस्था की गई थी। जिला प्रशासन की ओर से ग्रीन सिगनल मिलने के बाद रक्षा विभाग ने एमआरएसएएम मिसाइल का लगातार दो बार सफलता पूर्वक परीक्षण किया।
यहां उल्लेखनीय है कि इससे पहले पिछले रविवार 27 मार्च को इसी मिसाइल का लगातार दो पर सफलता पूर्वक परीक्षण किया गया था। सूत्रों की माने तो सतह से हवा में प्रहार करने वाली इस मिसाइल को रक्षा विभाग की ओर से विभिन्न कोण यानी कि विभिन्न एंगल से छोड़ा जा रहा है। इससे मिसाइल की मारक क्षमता के साथ-साथ मिसाइल के ताकत का भी अनुमान लगाया जा रहा है।
इजरायल के संयुक्त प्रयास से बनायी गई है यह मिसाइल
इस मिसाइल सिस्टम को इजरायल के सहयोग से डीआरडीएल हैदराबाद और डीआरडीओ ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। इस अत्याधुनिक मिसाल सिस्टम में ऐडवांस रडार, मोबाइल लांचर के साथ कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सहित इंटर सेप्टर भी मौजूद है।
इस मिसाइल की खासियत एमआरएसएएम मिसाइल की खासियत है कि यह जमीन से आसमान में लम्बी दूरी तक किसी भी तक दुश्मन के हमले को नाकाम कर सकती है। यह एक बार में ही अपने लक्ष्य को नष्ट कर सकती है। इसमें कैमबैट मैनेजमेंट सिस्टम, रडार सिस्टम, मोबाइल लांचर सिस्टम, ऐडवांस लांग रेंज रडार, रिलोडर व्हीकल और फिल्ड व्हीकल आदि शामिल है, जो कि दुश्मनों के बारे में सटिक जानकारी प्रदान करते हैं। यह मिसाइल वायुमंडल के 16 किमी. ऊपर ध्वनि की गति से दो गुना अधिक गति से गति कर करने में सक्षम है। इसमें 60 किलोग्राम तक परमाणु हथियार का प्रयाग किया जा सकता है। एनआरएसएम मिसाइल का वजन 275 किलोग्राम है। लम्बाई 4.5 मीटर तथा मोटाई 0.225 मीटर है। यह मिसाइल 70 किमी. तक लक्ष्य भेदन करने में सक्षम है।
आज इसके परीक्षण के मौके पर रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन यानी की डीआरडीओ और आईटीआर से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी व वैज्ञानिकों का दल मौके पर मौजूद था। भारत के इस परीक्षण को देखते हुए रक्षा विभाग की ओर से एक ओर जहां बंगाल खाड़ी में नोटम जारी किया गया था तथा बालेश्वर जिला प्रशासन और चांदीपुर रक्षा विभाग की एक संयुक्त बैठक भी सम्पन्न हुई थी। मिसाइल का परीक्षण होने के बाद दो किमी. दायरे से हटाए गए लोगों को जिला प्रशासन की ओर से उन्हें वापस उनके घर भेज दिया गया है।
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