Puri Jagannath Mandir: रत्न भंडार खोलने की तारीख तय! मंदिर प्रबंधन समिति के इस कदम के बाद हलचल तेज
Puri Jagannath Mandir ओडिशा के पुरी जगन्नाथ मंदिर रत्नभंडार खोलने की कवायद तेज हो गई है। पुरी जगन्नाथ मंदिर समिति की ओर से 14 जुलाई को रत्नभंडार खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इसके बाद अब सरकार से कमेटी ने रत्नभंडार खोलने की अनुमति की सिफारिश की है। इसे लेकर कमेटी की ओर से राज्य सरकार को एक चिट्ठी भी लिखी गई है।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। Puri Jagannath Mandir पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति ने 14 जुलाई को श्रीमंदिर रत्नभंडार खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। साथ ही सर्वसम्मति से सरकार से 14 तारीख को रत्नभंडार खोलने की अनुमति मांगी है। कमेटी ने इस संबंध में राज्य सरकार को पत्र लिखा है।
वहीं, रत्नभंडार खोलने की प्रक्रिया और आभूषणों की गिनती और निष्पादन के लिए अलग-अलग तरीके से दो प्रस्तावित एसओपी मंदिर प्रबंधन समिति को सौंपी गई हैं। समिति ने इसमें आवश्यक संशोधन के साथ इसे राज्य सरकार की मंजूरी के लिए भेजा है।
मंजूरी मिलने के बाद एसओपी के बारे में स्पष्ट जानकारी दी जाएगी। मंदिर के मुख्य प्रशासक वीरविक्रम यादव ने कहा कि गोपनीयता कारणों से एसओपी के बारे में पहले से जानकारी देना संभव नहीं है।
निर्धारित तिथि में खुलेगा रत्न भंडार- कानून मंत्री
इधर, पुरी जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार खोलने को लेकर एक और बड़ी खबर सामने आयी है। 14 जुलाई को रत्न भंडार खुलने को लेकर कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन स्पष्ट कर दिया है।
मीडिया को अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कानून मंत्री ने कहा कि जांच कमेटी ने जो सिफारिश की थी, मंदिर प्रबंधन कमेटी ने उस पर मुहर लगा दी है। प्रबंधन कमेटी बैठक में की गई सिफारिश सरकार के पास पहुंचने के बाद इसकी जांच की जाएगी।
प्रबंधन कमेटी की जो एसओपी सिफारिश आएगी, उसे लेकर विभिन्न विभाग में छानबीन के बाद रत्न भंडार खोलने को लेकर निर्णय लिया जाएगा।
नीति नियम को ध्यान में रखते हुए हर क्षेत्र की सुविधा को ध्यान में रखकर निर्णय लिया जाएगा। जांच कमेटी जो तिथि निर्धारित की है, उसी तिथि में रत्न भंडार खुलना एक तरह से स्पष्ट होने की बात कानून मंत्री ने कही है।
कानून मंत्री ने भी इस पर अपनी एक तरह से सहमति दे दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि 14 जुलाई को रत्न भंडार खुलेगा।
इन बातों पर हुई विस्तार से चर्चा
न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ की अध्यक्षता में नवगठित रत्नभंडार निरीक्षण समिति की सिफारिश पर गजपति महाराजा दिव्यसिंह देव की देखरेख में मंदिर प्रबंधन समिति की आपात बैठक बुलाई गई। इसमें रत्नभंडार निरीक्षण समिति द्वारा दिए गए विवरण और रत्नाभंडार खोलने की प्रक्रिया पर चर्चा की गई।
वहीं, सुझाव लिए गए कि रत्नभंडार कैसे खोला जाएं, रत्न भंडार खुलने के बाद आभूषणों को कहां स्थानांतरित किया जाएगा और किस प्रक्रिया में गहनों की गणना और मरम्मत किया जाएगा।
कमेटी ने की प्रदेश सरकार से अनुमति देने की सिफारिश
बैठक के बाद मंदिर के मुख्य प्रशासक यादव ने बताया कि रत्नभंडार खोलने के बारे में हाई लेवल रत्नभण्डार निरीक्षण समिति की बैठक में मंदिर की प्रबंधन समिति के सामने कुछ प्रस्ताव रखे गए थे। निरीक्षण समिति ने 14 जुलाई को रत्न भंडार खोलने का प्रस्ताव रखा है। प्रबंध समिति ने भी इस पर सहमति जताई है और इसे प्रदेश सरकार से अनुमति देने की सिफारिश की।
प्रबंध समिति द्वारा रत्नभंडार निरीक्षण समिति की प्रस्तावित एसओपी में कुछ अतिरिक्त तथ्य (बिंदु) जोड़े जाने के बाद इसे आज मंजूरी के लिए राज्य सरकार के पास भेजा गया।
बैठक में ये लोग रहे उपस्थित
उल्लेखनीय है कि रत्नभण्डार निरीक्षण समिति की बैठकें न्यायमूर्ति रथ की देखरेख में दो बार हो चुकी हैं। समिति ने 14 जुलाई को रत्नभंडार खोलने का फैसला किया। यह भी फैसला किया गया है कि रत्न भंडार का ताला यदि नहीं खुलता है तो फिर उसे तोड़ा जाएगा।
आज की बैठक में जिला कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वांई, एसपी पिनाक मिश्रा, मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य, विकास प्रशासक अजय कुमार जेना, नीति प्रशासक जितेंद्र कुमार साहू और ओएसडी सुभ्रांग्शु पाढ़ी उपस्थित थे।
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