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पुरी स्वर्गद्वार में अंतिम संस्कार का अब होगा सीधा प्रसारण

पुरी स्वर्गद्वार लोगों के धार्मिक भावना के साथ जुड़ा हुआ है। यहां पर शव का अंतिम संस्कार करने पर व्यक्ति को स्वर्ग प्राप्ति होने का विश्वास है

By BabitaEdited By: Updated: Tue, 08 May 2018 12:36 PM (IST)
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पुरी स्वर्गद्वार में अंतिम संस्कार का अब होगा सीधा प्रसारण

भुवनेश्वर, जेएनएन। श्रीक्षेत्र धाम, पुरी स्थित स्वर्गद्वार में परिजन का अंतिम संस्कार करने वाले के लिए राहत

भरी खबर है। अब स्वर्गद्वार में अंतिम संस्कार की क्रिया का सीधा प्रसारण किया जाएगा, जिसे मृतक के परिजन व हित-रिश्तेदार अपने घर में बैठकर भी देख सकेंगे। इसे लेकर विस्तृत प्रोजेक्ट योजना (डीपीआर) पुरी पौर संस्था ने तैयार किया है।

प्रथम चरण में शवदाह (अंतिम संस्कार) का सीधा प्रसारण योजना पर ढाई करोड़ रुपये खर्च लागत रखी गई है।

सीसीटीवी, अन्य आनुषंगिक व्यवस्था पर भी इस डीपीआर में विशेष ध्यान दिया गया है। पुरी पौर संस्था के कार्यकारी अधिकारी श्रीकांत तराई के मुताबिक, स्वर्गद्वार को दैनिक शवदाह के लिए राज्य के विभिन्न जगहों से आ रहे हजारों लोगों की सुविधा एवं शवदाह प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न कराने के उद्देश्य से इस योजना को तैयार किया गया है। 

तराई ने बताया कि पुरी स्वर्गद्वार लोगों के धार्मिक भावना के साथ जुड़ा हुआ है। यहां पर शव का अंतिम संस्कार करने पर व्यक्ति को स्वर्ग प्राप्ति होने का विश्वास है। मगर शवदाह के लिए आने वाले लोगों को स्वर्गद्वार में न सिर्फ शोषण का शिकार होना पड़ता है बल्कि नाना प्रकार की असुविधा होती है। लोगों को इससे निजात दिलाने के लिए पुरी पौर संस्था ने अंतिम संस्कार क्रिया का सीधा प्रसारण करने का निर्णय लिया है।

उन्होंने बताया कि जिलाधीश अरविंद अग्रवाल एवं अन्य अधिकारियों के साथ इस संदर्भ में चर्चा के बाद डीपीआर (डिटेल प्र्लांनग रिपोर्ट) तैयार की गई है। इसमें स्वर्गद्वार को चाहरदीवारी में घेरा जाएगा। पडी संख्या बढ़ाकर 42 की जाएगी। पूरे स्वर्गद्वार को सीसीटीवी कैमरे के नजर में रखा जाएगा। इसके लिए स्वर्गद्वार के अंदर एवं बाहर 14 से अधिक उच्च क्षमता वाले सीसीटीवी लगाने की व्यवस्था की गई है। इसी सीसीटीवी के जरिए मृतक के अंतिम संस्कार का सीधा प्रसारण किया जाएगा। इससे सैकड़ों लोगों को राहत मिलेगी। 

रथखला में खड़े किए गये रथों के पहिए

महाप्रभु श्री जगन्नाथ की रथयात्रा के लिए पुरी बड़दांड में बने रथ खला (अस्थाई रथ निर्माण स्थल) में इन दिनों काम तेजी से चल रहा है। रथ संहिता के अनुसार सोमवार को भंउरी तिथि में रथों में पहिए लगाने का काम (चक डेरा) संपन्न हुआ। श्री मंदिर से महाप्रभु श्री जगन्नाथ का आज्ञामाल ( अनुमति सूचक फूललमाला) आने के बाद तीनों रथों के लिए पहिए खड़े कर दिए गये। पाणिआ सेवकों द्वारा रथ खला में जल छिड़क कर स्थान पवित्र किए जाने के पश्चात महारणा सेवकों ने नंदीघोष. तालध्वज और देवदलन रथ के लिए नवर्नििमत 6 पहिए खड़े कर दिए गये। इस कार्य में कमार सेवकों ने सहायता की और पहियों में लोहे की पंदारी लगाई जो अंग्रेजी अक्षर वाई की आकृति का होता है।

परंपरा के अनुसार चंदनयात्रा के अंतिम दिन चक डेरा नीति संपन्न हो जाती है। आज से पुरी के नरेंद्र तालाब में चलने वाली चंदन यात्रा समाप्त हो जाएगी। इसे बाहरी चंदन यात्रा कहते हैं। आज के बाद भीतरी चंदनयात्रा का आयोजन होगा जो मंदिर परिसर में होती है। 

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