ओडिशा के सुंदरगढ़ में स्क्रब टाइफस का कहर: दो दिन में 14 नए मरीज मिलने से मचा हड़कंप, एक की मौत
ओडिशा के सुंदरगढ़ में स्क्रब टाइफस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां संक्रमितों की संख्या 183 तक पहुंच गई है। अब तक एक की मौत भी हो चुकी है इसलिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। लोगों से इसके लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी जा रही है। इससे बचने के लिए समय पर इसका इलाज होना बहुत जरूरी है।
जासं, राउरकेला। ओडिशा के सुंदरगढ़ में स्क्रब टाइफस का कहर थम नहीं रहा है। 11 का रविवार को पता चला था, जबकि 3 और का सोमवार को पता चला है। इसके साथ ही संख्या 183 पहुंच गई है। 14 तारीख को जिले में राज्य की सबसे ज्यादा 30 की संख्या पाई गई थी। जनवरी में केवल चार की पहचान की गई थी। तब से यह बढ़कर 183 हो गया है।
बीमारी की चपेट में आकर एक की मौत
सीडीएमओ डॉ कान्हू चरण नायक ने बताया कि स्क्रब टाइफस से जहां जिले में अब तक एक व्यक्ति की मौत हो गई, वहीं समय पर उचित इलाज मिलने से अन्य लोग ठीक हो गए।
दूसरी ओर, अस्पताल सूत्रों के अनुसार आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से लोगों को सतर्क किया जा रहा है और बीमारी का पता लगाने के लिए परीक्षण किए जा रहे हैं। जिस किसी में बीमारी के लक्षण दिखते हैं, उन्हें डाक्टर से सलाह लेने को कहा जा रहा है।
इस कीट के काटने से लोग पड़ रहे बीमार
यह एक संक्रामक बीमारी है, जो आमतौर पर स्क्रब यानी कि झाड़ियों में पाए जाने वाले माइट या पिस्सू (घुन जैसे छोटे कीट) के काटने से फैलता है।
इनमें ओरेंशिया सुसुगेमोसी नामक बैक्टीरिया होता है, जो इसके काटने के साथ खून में प्रवेश कर जाता है। जिस स्थान पर यह कीट काटती है, वह जगह लाल पड़ जाता है और बाद में काली पपड़ीनुमा निशान सा बन जाता है।
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लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से करें कंसल्ट
इस कीट के काटने के दस दिनों के भीतर शरीर में बाकी के लक्षण दिखने लग जाते हैं जैसे कि बुखार आना, ठंड लगना, बदन दर्द, सिर दर्द इत्यादि। ऐसे में इस तरह काेई भी लक्षण दिखने पर डॉक्टर से तुरंत जांच करानी चाहिए।
इस कीट के संपर्क में आने से खुद को बचाने का बेहतर उपाय साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखना और पैरों में जूते व पूरी बांह के कपड़े पहनता है। यह संक्रमण मानसून के दौरान ही पनपता है क्योंकि इसके लार्वा गर्मी या सर्दी में नहीं जिंदा रह पाते हैं।
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