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Odisha News: क्‍या जिंदा व्‍यक्ति को निगल गया अजगर, पुलिस व वन विभाग भी मानने को तैयार नहीं

जिंदा व्यक्ति को अजगर के निगलने की घटना को लेकर पूरे प्रदेश में चर्चा हो रही है। हालांकि वन विभाग और पुलिस का कहना है कि अजगर ने नंदकिशोर को नहीं निगला। अजगर का पेट 3 फीट की अधिकतम चौड़ाई तक सूज गया था।

By Babita KashyapEdited By: Updated: Wed, 07 Sep 2022 02:16 PM (IST)
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ओडिशा में एक जिंदा व्यक्ति को अजगर के निगल जाने की घटना
कटक, जागरण संवाददाता। ओडिशा में एक जिंदा व्यक्ति को अजगर के निगल जाने की घटना पूरे प्रदेश में चर्चा का केन्द्र बन गई है। व्यक्ति के परिवार वाले अजगर का स्कैन कर सच्चाई सामने लाने और संदेह को दूर

करने की मांग कर रहे हैं, तो वहीं वन विभाग उनकी मांग को यह कहकर ठुकरा दे रहा है कि जिस जगह पर अजगर लेटा हुआ है, वह संरक्षित क्षेत्र और वहां किसी भी व्यक्ति के जाने पर प्रतिबंध है।

5 फुट के आदमी को नहीं निगल सकता अजगर 

इस क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति का प्रवेश गैरकानूनी है। ऐसे में हम अजगर का स्कैन नहीं कर सकते हैं। पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों का साफ तौर पर कहना है कि अजगर ने नंदकिशोर को नहीं निगला है।

अजगर की लंबाई करीब 10 फीट है। उसका पेट 3 फीट की अधिकतम चौड़ाई तक सूज गया था। इसलिए उनका तर्क है कि 5 फुट के आदमी को अजगर निगल नहीं सकता है।

28 अगस्‍त से लापता है नंदकिशोर

जानकारी के मुताबिक कटक जिले के मुंडली पंचायत के थोरियापटना साही के निवासी फेरी व्यवसायी 77 वर्षीय नंदकिशोर बेहेरा को अजगर के निगल जाने का आरोप उसके परिवार वालों ने लगाया है। नंदकिशोर के परिवार वालों का कहना है कि 28 अगस्त नंदकिशोर अपने कारोबार के सिलसिले में घर से निकले थे मगर वह फिर घर नहीं लौटे।

नंदकिशोर का जहां से चप्पल व कपड़ा मिला है, वहीं पर 10 दिनों से एक विशालकाय अजगर सो रहा है। अजगर का पेट पूरी तरह से फुला हुआ था जो अब धीरे-धीरे कम हो रहा है। ऐसे में हमें संदेह है कि नंदकिशोर को अजगर ने निगल लिया है। अजगर का स्कैन कर जांच की जाए ताकि संदेह दूर हो और सच्चाई सामने आ जाए।

क्‍या कहना है वन विभाग का

इस घटना में नंदकिशोर के परिजन कुछ कह रहे हैं तो वन विभाग और पुलिस कुछ और कह रही है। परिवार के मुताबिक न तो पुलिस और न ही वन विभाग अजगर के पेट की जांच कर रहे है और न ही लापता नंदकिशोर का पता लगाने के लिए कोई कदम उठा रहे है।

वन विभाग का कहना है कि प्रतिबंधित इलाकों में मौजूद अजगर के पेट की जांच नहीं हो सकती है। इस पर परिवार ने सवाल किया है कि क्या यह कानून मानव जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण है। यदि अजगर वहां से कहीं और चला जाएगा तो फिर कैसे पता चलेगा कि नंदकिशोर को अजगर ने निगला है या नहीं।

हरकत में आयी पुलिस

इस घटना के सामने आने के बाद बीजद के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व विधायक प्रभात रंजन त्रिपाठी ने मामले की जांच क्राइमब्रांच से कराने की मांग की है। पूर्व त्रिपाठी के इस मांग के बाद स्थानीय पुलिस और वन विभाग की भूमिका पर सवालिया निशान लग गया है।

हालांकि पूर्व विधायक की मांग के बाद से पुलिस हरकत में आयी है और वन विभाग के अधिकारियों की मदद से आज नंदकिशोर के परिवार को साथ लेकर तलाशी अभियान शुरू किया है।

वहीं पुलिस व वन विभाग के निष्क्रिय रहने के 10 दिन बाद उनके परिवार ने स्थानीय ओझा की मदद मांगी, जो इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। ओझा ने कहा है कि नंद किशोर ने सफेद कपड़े पहने हैं और उनका चेहरा ढका हुआ है। इसकी भी जानकारी नंदकिशोर के परिवार ने पुलिस को दी है।

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