अज्ञातवास पर हैं ओडिशा कैडर की आईपीएस अधिकारी एन.बी.भारती: 6 वर्ष से नहीं है कोई अता-पता, अब जारी नोटिस
ओडिशा की महिला आईपीएस अधिकारी एन. बी. भारती का पिछले छह सालों से कोई अता-पता नहीं है। उन्हें पत्र भी भेजे जा चुके हैं लेकिन कोई जवाब नहीं आया है और मोबाइल फोन भी बंद है। उनके नाम से नोटिस जारी किया गया है।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Fri, 17 Mar 2023 11:33 AM (IST)
जासं, भुवनेश्वर। राज्य की एक महिला आईपीएस अधिकारी एन. बी. भारती का अभी तक पता नहीं चल पाया है। वह 2017 से अज्ञातवास पर हैं। राज्य सरकार के गृह विभाग ने उनके बारे में जानने के लिए तीन पतों पर तीन पत्र भेजे हैं। हालांकि, वे न तो पत्र का जवाब दे रही हैं और न ही उनके बारे में कोई सूचना मिल रही है। इस बीच दो पत्र वापस आ गए हैं। ना पत्र का कोई जवाब मिला है और ना ही अधिकारी से संपर्क हो पा रहा है क्योंकि उनका मोबाइल फोन बंद हैं। इसके बाद राज्य पुलिस मुख्यालय ने आज अखबारों में उनके नाम से नोटिस जारी करते हुए कहा है कि उनके खिलाफ एकतरफा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
2017 से नहीं है अधिकारी का कोई अता-पता
आखिरी नोटिस फरवरी 2022 में जारी की गई थी, जिसमें 15 दिनों के भीतर लिखित जवाब मांगा गया था। लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। ओडिशा कैडर के 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी और कर्नाटक की रहने वाले भारती ओडिशा राज्य मानवाधिकार संरक्षण प्रकोष्ठ (एचआरपीसी) के आईजी के रूप में कार्यरत थी। 22 नवंबर, 2017 को वार्षिक परिदर्शन के लिए वह गजपति जिला गई थी। उसके बाद से वह वापस नहीं लौटी है। न तो उन्होंने अपनी अनुपस्थिति के बारे में किसी को सूचित किया और न ही छुट्टी के लिए आवेदन किया।
बिना बताए छुट्टी लेने की है आदत
मिल रही जानकारी के मुताबिक, अनुशासनहीनता उनके लिए यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी वह अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किए बिना छुट्टी पर चली जाती थीं। गृह विभाग ने उनके अनियंत्रित व्यवहार, सरकारी मानदंडों के उल्लंघन और बिना छुट्टी के आवेदन के सेवा से अनुपस्थित रहने के लिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की थी। इसके लिए 2020 में एडिशनल डीजी (स्टेट क्राइम रिकॉर्ड्स एजेंसी) को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जांच की तारीखें अलग-अलग समय पर तय की गई थीं, लेकिन उन्होंने सहयोग नहीं किया।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।