Laddu Controversy: तिरुपति के बाद अब जगन्नाथ मंदिर में मिलावटी घी को लेकर उठे सवाल, पुरी DM सख्त
Odisha News देश में तिरुपति बालाजी मंदिर में चढ़ाए जाने वाली प्रसाद में मिलावट की खबरों ने लोगों को सचेत कर दिया है। इसी क्रम में देश के विभिन्न मंदिरों में से एक ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर में प्रसाद को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। हालांकि पुरी जिले के डीएम और प्रदेश के कानून मंत्री ने स्थिति स्पष्ट कर दी है।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में चढ़ाए जाने वाले लड्डू को मिलावटी घी में तैयार किए जाने का विवाद सामने आने के बाद अब पुरी जगन्नाथ मंदिर में प्रयोग होने वाले घी को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।
महाप्रसाद में डालडा का प्रयोग किया जा रहा है। दीप में ओमफेड के बदले बेनामी नकली घी का प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे आरोप भक्तों ने लगाए हैं। पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रशासन से इसकी जांच करने के लिए दिए गए आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है।
जिलाधीश ने दिया जांच का भरोसा
तिरुपति लड्डू विवाद को लेकर पूरे देश में हो हल्ला मचा हुआ है, ऐसे में पुरी जगन्नाथ मंदिर में प्रयोग होने वाले घी को लेकर लगे आरोप भी अब चर्चा में हैं। वहीं, जिलाधीश तथा पुरी जगन्नाथ मंदिर के उप-प्रशासक सिद्धार्थ शंकर स्वांई ने घी की गुणवत्ता का परीक्षण करने का आश्वासन दिया है।पुरी जिलाधीश ने कहा है कि हम नियमित रूप से पुरी जगन्नाथ मंदिर में प्रयोग होने वाले घी की जांच करते हैं। अब इस जांच के दौरान घी के गुणवत्ता का परीक्षण किया जाएगा। हालांकि, हमारे पास अभी तक यह आरोप नहीं आया है कि पुरी जगन्नाथ मंदिर में नकली घी का प्रयोग किया जा रहा है।
हालांकि, तिरुपति मंदिर में लड्डू में प्रयोग होने वाले घी की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठे हैं, ऐसे में रुटीन जांच के साथ हम जगन्नाथ मंदिर के महाप्रसाद एवं दीप दुकान में मिलने वाले घी की गुणवत्ता की जांच करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने दीप में ओमफेड (ओडिशा राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ) का घी प्रयोग करने का आदेश दिया है।
बाहर से नहीं मंगाते घी : सेवक
पुरी जगन्नाथ मंदिर के एक सेवक ने कहा कि श्रीमंदिर सत्वलिपि के अनुसार कोठ भोग के लिए जो सामग्री आती है, उसे श्रीमंदिर प्रशासन मुहैया कराता है। महाप्रभु की तमाम विधि में पहले गाय के घी का प्रयोग होता था। अब ओमफेड के घी से कोठ भोग तैयार किया जाता है।
महाप्रभु की दीप में भी ओमफेड (ओडिशा राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ) का प्रयोग किया जा रहा है। हर दिन तैयार होने वाले प्रसाद जैसे दाल, खाजा व अन्य सामग्री में भी ओमफेड का ही घी प्रयोग किया जाता है। हम कोई बाहर का घी नहीं मगांते हैं। सेवक ने कहा कि जगन्नाथ मंदिर में जिस घी का प्रयोग किया जा रहा है, वह अच्छी गुणवत्ता वाला है।
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वहीं, तिरुपति बाला जी मंदिर में चढ़ाए जाने वाले लड्डू में पशु चर्बी युक्त घी इस्तेमाल होने की खबर सामने आने के बाद ओडिशा के तमाम मंदिरों में उपयोग होने वाले घी लेकर भक्तों में आशंका का माहौल बन गया है। इस पर राज्य कानून मंत्री पृथ्वी राज हरिचन्द ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि किसी मंदिर से इस संबंध में शिकायत आती है तो इस पर विचार किया जाएगा। भगवान को अर्पित की जाने वाली सामग्री शुद्ध हो इस पर सरकार ध्यान दे रही है। इस दिशा में आगे क्या कदम उठाया जाए, उस पर चिंतन किया जाएगा।यह भी पढ़ेंसुप्रीम कोर्ट पहुंचा तिरुपति लड्डू विवाद, मामले की जांच के लिए खास समिति बनाने की मांगतिरुपति के भक्तों पर नहीं दिखा प्रसाद विवाद का असर, चार दिनों में बिके 14 लाख लड्डू