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कोणार्क के पास अशांत हुआ समुद्र, दहशत में लोग; मरीन ड्राइवर तक बढ़ा खतरा

ओडिशा में कोणार्क के पास अशांत समुद्र में तट दिन-ब-दिन डूब रहा है। विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन के कारण मरीन ड्राइव को खतरा पैदा हो गया है। समुद्र तट पर अभयारण्यों पर खतरे की स्थिति बन गई है। स्थानीय लोगों ने समस्या के तत्काल समाधान की मांग की।

By Babita KashyapEdited By: Updated: Mon, 12 Sep 2022 02:14 PM (IST)
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कोणार्क में समुद्र का अशांत रूप देखने को मिला है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के प्रभाव से कोणार्क में समुद्र का अशांत रूप देखने को मिला है। कोणार्क-पुरी मरीन ड्राइव के पास पत्थर का तटबंध समुद्र में लगातार उठ रही ऊंची-ऊंची एवं तेज ज्वार में टूट गया है।

विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन के कारण मरीन ड्राइव को खतरा पैदा हो गया है। समुद्री ज्वार की माड़ में बिजली के दो खंभे गिर गए हैं। सूचना मिलते ही मरम्मत का काम विभाग द्वारा किया जा रहा है।

अभयारण्यों पर खतरे की स्थिति

अशांत समुद्र में तट दिन-ब-दिन डूब रहा है। समुद्र तट पर अभयारण्यों पर खतरे की स्थिति बन गई है। समुद्र की भयावह स्थिति को देखकर अब तटीय लोग दहशत में हैं। प्रशासन ने बालू के थैले और बैग फेंक कर स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास शुरू कर दिए। स्थानीय लोगों ने समस्या के तत्काल समाधान की मांग की।

बारिश जारी रहेगी

क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने भविष्यवाणी की है कि 16 से 22 सितम्बर के बीच बंगाल की खाड़ी में एक और चक्रवात बनेगा। इसके प्रभाव से एक बार फिर प्रदेश के विभिन्न जिलों में वर्षा होगी।

वहीं दूसरी तरफ सोमवार आज भी प्रदेश के कई जिलों में वर्षा हुई है। एक दिन पहले रविवार को दर्ज की गई बारिश में सबसे अधिक 90 मिमी वर्षा जाजपुर जिले में हुई है। सक्रिय मॉनसून हवा के कारण 13 सितम्बर तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में होगी।

मछुआरोंं को समुद्र से दूर रहने की हिदायत    

हालांकि इस दौरान वर्षा की मात्रा कम होगी। बंगाल की खाड़ी में बना गहरे दबाव का प्रभाव अब छत्तीसगढ़ ए​वं आस-पास क्षेत्र में सक्रिय है। 12 घंटे में कमजोर हो जाएगा। हालांकि हवाएं जारी रहेंगी। समुद्र अशांत रहेगा। ऐसे में तटीय जिलों में 30 किमी. की रफ्तार से हवा चलने की उम्मीद है।

मछुआरों को और दो दिन तक समुद्र में ना जाने की हिदायत दी गई है। ऐसे में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा और एक चक्रवात बनने की सम्भावना ने प्रदेश के लोगों की चिंता बढ़ा दी है।

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