केन्द्रीय मंत्री की पत्नी की डेंगू से हुई मौत, होश में आई ओडिशा सरकार और भुवनेश्वर नगर निगम; ले लिया एक्शन
भुवनेश्वर में केन्द्री मंत्री जुएल ओराम की पत्नी की डेंगू से मौत होने के बाद राज्य सरकार और भुवनेश्वर नगर निगम की नींद खुली है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग का कहना है कि राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग स्थिति नियंत्रण करने के लिए सभी प्रकार के जरूरी प्रयास और व्यवस्था कर रहे हैं। इस संबध में विभागीय सचिव को भी निर्देश दे दिए गए हैं।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में केन्द्रीय मंत्री जुएल ओराम की पत्नी की डेंगू से हुई मौत के बाद गहरी निद्रा में सो रही सरकार एवं भुवनेश्वर नगर निगम दोनों की नींद खुल गई है।
सोमवार सुबह के समय सफाई कर्मचारियों के साथ बीएमसी के कर्मचारी घर-घर घूमकर लोगों से कूड़ा सड़क पर ना फेंकने, घर के आस-पास साफ-सफाई बनाए रखने की अपील करते देखा गया, जिसका असर भी आज देखने को मिला।
हालांकि इस दौरान लोगों ने शिकायत भी की कि कुड़ा उठाने वाली गाड़ी सभी घरों से कुड़ा नहीं लेती है। स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग ने कहा है कि स्थिति नियंत्रण करने के लिए राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सभी प्रकार की व्यवस्था की जा रही है।
स्वास्थय विभाग डेंगू से निपटने के लिए उठा रहे कदम
भुवनेश्वर के ऊपर अधिक ध्यान देने के लिए विभागीय सचिव को निर्देश दिया गया है। वह नियमित रूप से बीएमसी अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं। नगर विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग संयुक्त रूप से डेंगू से मुकाबला करने के लिए कदम उठा रहे हैं।
अस्पताल में अधिक संख्या में आइसोलेशन वॉर्ड खोलने पर प्राथमिकता दी जा रही है। डेंगू मरीजों को किस प्रकार से पर्याप्त परिमाण में प्लेटलेट मिलेंगी, उस दिशा में महत्व दिया जा रहा है। केन्द्रीय मंत्री की पत्नी के इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई है।
वहीं बीएमसी की मेयर सुलोचना दास ने कहा है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष डेंगू की स्थिति नियंत्रित है। हम कभी भी डेंगू को हल्के में नहीं लिए हैं। मच्छर तेल का छिड़काव किया जा रहा है। सफाई हमारी फोकस में है।
भुवनेश्वर नगर निगम को ठहराया जिम्मेदार
ड्राइ डे ठीक रूप से पालन करने के साथ ही अधिक दिन तक पानी जमा न रहे इसके लिए लोगों से अनुरोध किया जा रहा है। वहीं, भुवनेश्वर के विधायक बाबू सिंह ने राजधानी में बढ़ते डेंगू के प्रकोप के लिए भुवनेश्वर नगर निगम को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने कहा है कि बीएमसी को जो कदम उठाना चाहिए, वह नहीं उठा रही है। शहर में के लोगों को सेवा मुहैया करने में बीएमसी उपेक्षा कर रही है। भुवनेश्वर में डेंगू क्यों फैल रहा है, इसका जवाब बीएमसी को देना चाहिए।
इस साल डेंगू का बड़ा आंकड़ा
गौरतलब है कि ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में डेंगू के खौफ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि समूचे ओडिशा में जहां पिछले वर्ष 15 अगस्त तक डेंगू मरीजों की संख्या 2058 थी, तो वहीं इस वर्ष लगभग 2072 मरीज की पहचान हुई है।
इसमें खुर्दा जिले में 537 डेंगू मरीज पाए गए हैं, जबकि इसमें अकेले भुवनेश्वर से 406 डेंगू मरीजों की पहचान हुई है। इसके साथ ही भुवनेश्वर कैपिटल अस्पताल में हर दिन 200 डेंगू मरीजों का परीक्षण किया जा रहा है। वर्तमान समय में 14 डेंगू मरीज कैपिटल अस्पताल में भर्ती हैं जिनका इलाज चल रहा है।
कैपिटल अस्पताल में दो विशेष वार्ड खोले गए हैं। एक वॉर्ड में मरीज हैं, जबकि एक वार्ड अभी स्टैंडबाय पर रखा गया है। खुर्दा जिले के अलावा सुन्दरगढ़, राउरकेला, कटक एवं बलांगीर शहर में भी डेंगू मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं।
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