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यहां का पानी पीकर भरी जवानी में बूढ़े हो रहे लोग, कई जान से हाथ गंंवा बैठे; गांव छोड़कर भागने को हुए मजबूर

Odisha News कटक लोकसभा एवं खंडपड़ा विधानसभा क्षेत्र के गांव में लोग फ्लोराइड युक्‍त पानी पीकर बीमार पड़ रहे हैं। खंडपड़ा प्रखंड अंतर्गत सिद्धमुला पंचायत के घोड़ामारी गांव में 75 से अधिक परिवार का वास है इनमें से अधिकतर लोग किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं। गांव में किडनी की बीमारी से कई लोगों की मौत हो चुकी है।

By Sheshnath Rai Edited By: Arijita Sen Updated: Mon, 08 Apr 2024 03:36 PM (IST)
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फ्लोराइड युक्त पानी पीने से लोग हो रहे बीमार।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा की एक ग्राम पंचायत ऐसी है, जहां फ्लोराइड युक्त पानी पीने से पिछले एक साल में लगभग 50 लोगों की मौत हो गई है। एक दर्जन से अधिक लोग आज भी किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं। कई परिवार गांव छोड़ने को मजबूर हैं।

पानी से हो रही तरह-तरह की बीमारी

लोगों का कहना है कि यहां नलकूपों से निकलने वाला पानी फ्लोराइड युक्त है। इस पानी को पीने से लोग किडनी की बीमारी से मर रहे हैं, भरी जवानी में बूढ़े हो जा रहे हैं। यह समस्या और कहीं की नहीं, बल्कि ओडिशा की प्राचीन राजधानी तथा सांस्कृतिक नगरी के रूप में परिचित कटक लोकसभा एवं खंडपड़ा विधानसभा क्षेत्र की है।

जानकारी के मुताबिक नयागढ़ जिले के खंडपड़ा विधानसभा क्षेत्र के खंडपड़ा प्रखंड अंतर्गत रहने वाली सिद्धमुला पंचायत के घोड़ामारी गांव में आज 75 से अधिक परिवार रहता है, इसमें से अधिकतर परिवार किडनी की बीमारी से जूझ रहा है।

किडनी बीमारी के कारण इन लोगों को हो चुकी है मौत

बसंत कुमार दास, विद्याधर दास, गोविंद चंद्र दास, प्रमोद दास, बिशिका नायक, सत्यानंद नायक, नवकिशोर नायक, गौरी नायक, भगवान प्रधान, हालू नायक, शशि नायक, गौरांग नायक, साबित प्रधान, अगाधु प्रधान, खली दास,रूमा दास और लोचन दास की किडनी की बीमारी के कारण मौत हो चुकी है।

गांव में मौजूद है तीन सरकारी ट्यूबेल

गांव के लोगों को पेयजल का साधन तीन सरकारी ट्यूबेल है।इसमें से एक वर्तमान समय में खराब है जबकि अन्य दो काम कर रहे हैं।हालांकि इस ट्यूबेल से जो पानी निकलता है वह पीने योग्य नहीं है।यह आयरन युक्त फ्लोराइड पानी है।गांव के अमीर लोग तो पीने का पानी शहर से खरीद रहे हैं और इसे पी रहे हैं।लेकिन गांव के गरीब लोग गंभीर गरीबी के कारण इसी पानी को पीने के लिए मजबूर हैं।

गांव के इन लोगों को हो चुकी है किडनी की समस्या

मुताबिक फ्लोराइड युक्त पानी पीने से गांव के महेश्वर किडनी की समस्या से जूझ रहे हैं।उनके 8 वर्षीय पोते ज्ञान रंजन को किडनी की बीमारी हो गई है।खेलने-कुदने की उम्र में ज्ञान रंजन शापित जीवन जीने को मजबूर हैं। इसके अलावा गांव के प्रमोद प्रधान, क्षेत्रवासी दास, योगीनाथ दास, रणचूबाला दास, कुनी नायक, बलभद्र स्वांई, फूल स्वांई, शरतचंद्र स्वांई, चितरंजन नायक, मधुसूदन स्वांई किडनी से पीड़ित हैं और उनका इलाज चल रहा है।यही वजह है कि कई परिवार गांव छोड़ दिए हैं।

दूसरे गांव वाले अब अपनी बेटी की शादी इस गांव में नहीं करना चाहते

स्थिति यह हो गई है कि इस गांव में लोग अपनी बेटी देने से डरते हैं।दोस्त रिश्तेदार आते हैं तो डर के मारे गांव का पानी नहीं पीते हैं।किडनी की बीमारी से अपने पति को खोने वाली गांव की शांतिलता दास का कहना है कि नल का पानी हमारे लिए खतरा बन गया है। उस पानी को पीने के बाद लोग किडनी की बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं।मेरे पति की किडनी खराब हो गई थी।पांच साल पहले उनकी मौत हो गई।मैं नहीं चाहती कि मेरा भविष्य हर किसी की तरह अंधकारमय हो।

गांव के लोगों की प्रतिक्रियाएं

मेरे पति और पोते की किडनी पानी पीने के बाद खराब हो गई है। हमारा इलाज अस्पताल में चल रहा है।पैसे के बिना,अपने पति और पोते के इलाज करने में हमने अपना खेत बेच दिया। अब घर में कुछ भी नहीं है।पीने के लिए अच्छा पानी नहीं है।हम उस पानी को पीकर बीमार होने के लिए मजबूर हैं।अगर ट्यूबवेल के बजाय महानदी के पानी की आपूर्ति की जाती है तो हमें जीवित रहना चाहिए- ग्रामीण कुनी नायक

बोरवेल का पानी पीने से किडनी को नुकसान पहुंच रहा है। इसलिए हम बाजार से पानी खरीदते हैं और पीते हैं।दोस्त हमारे घर नहीं आते। यदि कोई आता भी है तो हमारे घर का पानी नहीं पीता।सुकांति ने बताया कि लोग गांव में अपनी लड़की देने से मना कर रहे हैं- सुकांति स्वांई

फ्लोराइड वाॅटर किडनी की बीमारी से गांव में एक वर्ष में करीब 50 से 60 लोगों की मौत हो चुकी है। अब बहुत सारे लोग संक्रमित हो गए हैं। सुदर्शन ने बताया कि अब युवकों को किडनी की बीमारी हो गई है। ग्रामीणों ने बार-बार राजनेताओं और सिविल सेवकों से इस बारे में शिकायत की है।नेता हमारी शिकायत तो सुनते हैं, मगर वह कोई व्यवस्था नहीं करते हैं। नतीजतन ग्रामीण जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं और अपनी जान दे रहे हैं। पेयजल की समस्या को लेकर खंडपड़ा बीडीओ से संपर्क किया गया। हालांकि, उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया- सुदर्शन दास

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