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Odisha Politics: '10 साल केंद्रीय मंत्री रहते...', VK पांडियन ने धर्मेंद्र प्रधान पर बोला हमला; दागे कई सवाल

Odisha Politics वीके पांडियन ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान कहा कि जब-जब चुनाव आते हैं इन लोगों को ओडिशा और ओडिया भाषा से प्यार हो जाता है। वहीं चुनाव के बाद सबकुछ भूल जाते हैं। भाजपा नेता को यह साफ करना चाहिए कि उन्होंने ओडिया भाषा के लिए किया क्या? नवीन पटनायक की सरकार ओडिया भाषा के लिए बहुत कुछ कर रही है।

By Sheshnath Rai Edited By: Shashank Shekhar Updated: Wed, 08 May 2024 03:58 PM (IST)
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Odisha Politics: '10 साल केंद्रीय मंत्री रहते...', VK पांडियन का धर्मेंद्र प्रधान पर हमला (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। फाइव टी तथा नवीन ओडिशा अध्यक्ष वी कार्तिक पांडियन ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। भाजपा पर निशाना साधते हुए पांडियन ने कहा कि जब चुनाव आते हैं, उन्हें ओडिशा और ओडिया भाषा से प्यार हो जाता है, लेकिन चुनाव के बाद वे भूल जाते हैं। ओडिया अस्मिता की बात करने वाले भाजपा नेता को बताना चाहिए कि उन्होंने ओडिया भाषा के लिए क्या किया है।

वीके पांडियन ने आग यह भी कहा कि ओडिशा सरकार ओडिया भाषा के लिए बहुत कुछ कर रही है। ओडिया भाषा सम्मेलन आयोजित करके ओडिया भाषा को बढ़ावा दे रही है। ओडिया भाषा के लिए बच्चों को छात्रवृत्ति दी जा रही है। ओडिया विश्वविद्यालय बनाया गया है। लेकिन केंद्र में सत्ता में आने के बाद भाजपा ने ओडिया भाषा के लिए एक पैसा भी नहीं दिया।

धमेंद्र प्रधान ने ओडिशा के लिए क्या किया?- पांडियन

पांडियन ने सवाल किया कि धमेंद्र प्रधान ने ओडिशा के लिए क्या किया? जब वह 10 साल तक केंद्र में मंत्री रहे। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में मैंने ओडिशा के हित के बारे में केंद्रीय मंत्री से जो कुछ भी पूछा है, केंद्रीय मंत्री ने मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया है। उन्होंने अपने गृह क्षेत्र ढेंकानाल के लिए क्या किया है, जहां से वह 10 साल से टिकट पाने के लिए प्रयास कर रहे थे। ओडिशा की तो बात ही छोड़ दीजिए? पांडियन ने यह भी सवाल किया कि उन्होंने अपने गांव के लिए क्या किया है।

उन्होंने कहा कि भाजपा को सत्ता में आए 10 साल हो गए हैं, लेकिन उन्होंने एक पैसा भी नहीं दिया। उन्होंने ओडिया भाषा की उपेक्षा की। उन्होंने संस्कृत को 1,000 करोड़ रुपये, तमिल को 80 करोड़ रुपये दिए, लेकिन ओडिशा और ओडिया भाषा को नजरअंदाज कर दिया।

पांडियन ने यह भी कहा कि राज्य की जनता ने भाजपा के आठ सांसदों को जिताया, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। केंद्र सरकार द्वारा अन्य शास्त्रीय भाषाओं को अनुदान दिए जाने के बावजूद भाजपा सांसद ने ओडिया भाषा के लिए अपना मुंह नहीं खोला। उन्होंने देखा कि अन्य राज्यों को पैसा मिला। और अब वह ओडिया अस्मिता के बारे में बात कर रहे हैं।

केंद्र, बीजू पटनायक को भी नजरअंदाज कर रहा- पांडियन

कार्तिक पांडियन ने आगे कहा कि उधर, मुख्यमंत्री बार-बार ओडिसी नृत्य को शास्त्रीय दर्जा देने की मांग करते रहे हैं, लेकिन केंद्र में भाजपा सांसद अपना मुंह नहीं खोल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने भी दो बार पत्र लिखा है, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे खारिज कर दिया है। भाजपा के आठ सांसद और ओडिया के दो केंद्रीय मंत्री भी मुंह नहीं खोल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ओडिशा के बेटे बीजू पटनायक को भी नजरअंदाज कर रहा है। बीजू बाबू ने ओडिशा ही नहीं, बल्कि भारत के लिए बहुत योगदान दिया है। वह स्वतंत्रता सेनानी भी थे, लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें भारत रत्न नहीं दिया। केंद्र सरकार की ओर से बीजू बाबू की बार-बार अनदेखी की जा रही है।

उन्होंने आगे यह भी कहा कि इसके अलावा 10 साल तक केंद्रीय मंत्री रहते हुए उन्होंने राज्य के लिए क्या-क्या किया है। कटक-संबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग का कार्य अभी पूरा किया जाना है। चुनाव के दौरान एनएच 55 के काम में तेजी लाई गई। पांडियन ने कटाक्ष करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री मुख्यमंत्री की कुर्सी चाहते हैं।

वी कार्तिक पांडियन ने बरहमपुर में रोड शो किया

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