ओडिशा में 9 नवंबर से मतदाता सूची संशोधन अभियान की शुरुआत, 18 साल के युवाओं को अब नहीं करना होगा इंतजार
9 नवंबर से ओडिशा में चुनाव आयोग की ओर से मतदाता सूची संशोधन अभियान की शुरुआत हो रही है। 18 साल से ऊपर के युवाओं को मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने के लिए एक साल का लंबा इंतजार करना पड़ता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
भुवनेश्वर, एएनआइ। ओडिशा में 9 नवंबर से भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की ओर से मतदाता सूची संशोधन के लिए विशेष अभियान शुरु होगा। इस अभियान के संचालन की तैयारियों को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुशील कुमार लोहानी ने शुक्रवार को राज्य के जिला कलेक्टरों और उप कलेक्टरों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान बताया।
लोहानी ने अधिकारियों को समझाते हुए बताया कि आयोग ने संभावित मतदाताओं (17+ वर्ष) से अग्रिम आवेदन जमा करने के प्रावधान की शुरुआत की है।
चार क्वालिफाइंग तारीख निर्धारित
पहले 1 जनवरी को प्रति वर्ष क्वालीफाइंग तारीख होती थी जिसके लिए 18 साल से ऊपर के युवाओं को मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने के लिए एक साल का लंबा इंतजार करना पड़ता था। लेकिन इस वर्ष हर वर्ष की तिमाही यानी कि 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई व 1 अक्टूबर से प्रारंभ होने वाली चार क्वालिफाइंग तारीख निर्धारित की गयी है।
"मतदाता हेल्पलाइन" ऐप
इस अभियान की अवधि के दौरान ऐसे आवेदन को जो अक्टूबर 2023 तक अर्हता प्राप्त करने जा रहे हैं, वे अग्रिम आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि ओडिशा ने स्वतंत्र रूप से नागरिक द्वारा "मतदाता हेल्पलाइन" ऐप और बूथ स्तर के अधिकारियों द्वारा गरुड़ ऐप के साथ मतदाताओं के आनलाइन नामांकन में अच्छी प्रगति की है, नागरिक मतदाता हेल्पलाइन ऐप का प्रयोग भी कर सकते हैं या आनलाइन के लिए nvsp.in पर जा सकते हैं।
फार्म में कुछ जोड़ने, सुधार करने या हटाने के लिए भी आवेदन
लोहानी ने आगे बताया कि नागरिक इस फार्म में कुछ जोड़ने, सुधार करने या हटाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। वे जोड़ने के लिए फॉर्म -6 में, किसी भी प्रविष्टि को हटाने या आपत्ति के लिए फॉर्म -7 और मामलों को स्थानांतरित करने के लिए फॉर्म -8 और तस्वीरों समेत प्रविष्टियों में सुधार के लिए भी आवेदन किया जा सकता है।
उन्होंने आगे बताया कि "अब, अन्य दस्तावेजों के साथ, आधार कार्ड का उपयोग पहचान और निवास दोनों के प्रमाण के लिए किया जा सकता है। आवेदक पहचान और निवास के प्रमाण के रूप में आधार को स्कैन और अपलोड कर सकते हैं।"
आयोग अब आधार संख्या को ईपीआईसी (वोटर कार्ड नंबर) के साथ स्वैच्छिक रूप से जोड़ने को भी प्रोत्साहित कर रहा है, जो डुप्लीकेट की जांच करने और मतदाता सूची को त्रुटि मुक्त बनाने की सुविधा देगा।
ईपीआईसी को आधार से जोड़ने के लक्ष्य में ओडिशा शीर्ष राज्यों में
बता दें कि ओडिशा ईपीआईसी को आधार से जोड़ने के लक्ष्य को प्राप्त करने में देश के शीर्ष राज्यों में से एक है। यहां के 77 प्रतिशत मतदाता अधिक पहले ही आधार से जुड़ चुके हैं। बचे हुए मतदाता संशोधन अवधि के दौरान ऐसा कर सकते हैं।
इस पुनरीक्षण अवधि में चार दिन 12 से 13 नवंबर और 26 से 27 नवंबर तक एक खास अभियान चलाया जाएगा जब मतदाताओं की सुविधा के लिए संबंधित मतदान केंद्रों पर बीएलओ उपलब्ध रहेंगे।
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