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Cyclone Dana: क्यों कमजोर पड़ा चक्रवात दाना? बड़ी वजह आई सामने; 4 राज्यों के लोगों को राहत

चक्रवात दाना अब धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगा है। इसके कमजोर होने से 4 राज्यों के लोगों को राहत मिली है। जिस प्रकार से चक्रवात आगे बढ़ रहा था उससे लग रहा था कि इस बार की दीवाली लोगों की खराब होने वाली है। लेकिन अब यह चक्रवात कमजोर हो गया है। गनीमत यह रही कि कहीं भी किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।

By Sheshnath Rai Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Fri, 25 Oct 2024 01:39 PM (IST)
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चक्रवात दाना के कमजोर पड़ने की वजह आई सामने (जागरण)
शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। Cyclone Dana: चक्रवात दाना अचानक क्यों कमजोर हो गया? लैंडफाल प्रक्रिया में क्यों देरी हुई? लैंडफाल के बाद भीषण चक्रवात दाना केवल चक्रवात की स्थिति में कैसे आ गया, इसे लेकर अब प्रदेश के लोगों में खूब चर्चा हो रही है।

जानकारी के मुताबिक, चक्रवात की लैंडफाल प्रक्रिया में सामान्य तौर पर 5 से 6 घंटे का समय लगता है। हालांकि चक्रवात दाना की लैंडफाल प्रक्रिया में करीबन 8 घंटे का समय लगा। रात 12 बजे से भीतरकनिका हवालीखटी नेचरकैंपस के समीप लैंडफाल प्रक्रिया शुरू हुई जो कि सुबह साढ़े 8 बजे तक चली।

क्यों पड़ा चक्रवात कमजोर? वजह आई सामने

क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केन्द्र की निदेशिका मनोरमा महांति से मिली जानकारी के मुताबिक दो एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन के लिए दाना के लैंडफाल प्रक्रिया में देरी हुई है। चक्रवात जब तट की तरफ आगे बढ़ा तो दो एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन गया था।इसका मतलब है चक्रवात के दोनों तरफ पूर्व एवं पश्चिम दिशा में दो दबाव का क्षेत्र बन गए थे। ये दोनों तरफ से चक्रवात दाना को दबा दिया। इसके अलावा, गर्त से निकलने वाली शुष्क हवा चक्रवात दाना में प्रवेश कर गई।उन्होंने बताया कि इसके कारण चक्रवात दाना कमजोर पड़ गया और इसकी गति थोड़ी धीमी हो गई।

4 राज्यों के लोगों को राहत

इस चक्रवात के कमजोर होने से बिहार, बंगाल, झारखंड के लोगों को राहत मिली है। साथ ही दीवाली जैसा पर्व पर भी बारिश होने का खतरा टल गया है। हालांकि ओडिशा के बालेश्वर में इसका असर देखने को मिला, जहां कि कई जगहों पर विशाल वृक्ष टूटकर गिर गए।

मौसम वैज्ञान उमाशंकर दास ने पूर्वानुमान को बताया सही

मौसम वैज्ञानिक उमाशंकर दास का कहना है कि हमारा पूर्वानुमान ज्यादातर सही साबित हुआ है। चक्रवात कहां से टकराएगा, उस समय हवा की गति को लेकर हमारा अनुमान सही रहा।

हालांकि, दो दबावों के बीच दब जाने के कारण यह उतना मजबूत नहीं हो सका जितना हम अनुमान लगाए थे।नतीजतन, इसके लैंडफॉल की प्रक्रिया लंबे समय तक चली। इसके साथ ही, लैंडफॉल क्षेत्रों के अलावा अन्य क्षेत्रों में वर्षा की मात्रा कम रही।

चक्रवात मजबूत कब होता है?

उन्होंने कहा कि चक्रवात मजबूत तब होता है कि उसकी आंखें दिखाई देती हैं।हालांकि, दाना कमजोर होने के कारण उसकी आंखें बाहर नहीं आईं।उमाशंकर दास ने कहा कि कमजोर चक्रवात की भविष्यवाणी करना अधिक कठिन होता है।

ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भद्रक, बालेश्वर और केंद्रापड़ा में 150 मिमी से अधिक बारिश हुई है, जबकि अन्य स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हुई है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार चक्रवात के मुख्य रूप से कमजोर पड़ने के कारण इसके उपरीकेंद्र के आसपास के क्षेत्र के अलावा किसी अन्य स्थान पर बारिश नहीं हुई है।

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