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ओडिशा के जंगलों में सक्रिय हैं लकड़ी माफिया, वन विभाग ने छापेमारी कर जब्त किए 20 कीमती पेड़ों की लकड़ी

ओडिशा के जंगलों में लकड़ी माफिया बेहद सक्रिय हैं। नयागढ़ वन मंडल ओडगां वन क्षेत्र में रोहिबा के कदमझार बीट के पास गयालसिंह जंगल में लकड़ी के अवैध कारोबार की खुफिया सूचना मिलते ही नयागढ़ एनफोर्समेंट की संयुक्त टीम ने जंगल में छापा मारकर 20 से अधिक कटे हुए कीमती पेड़ की लकड़ी को जब्त किया है। इनकी अनुमानित कीमत लगभग 40000 रुपये आंकी गई है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Mon, 13 Nov 2023 12:31 PM (IST)
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लकड़ी माफिया जंगलों में चला रहे हैं अवैध कारोबार।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा के जंगलों में लकड़ी माफिया किस कदर सक्रिय हैं, इसका अनुमान वन विभाग की तरफ से जब्त की गई लकड़ी से ही लगाया जा सकता है। वन विभाग ने जब जंगल में अचानक छापेमारी की, तो उसे जंगल से कटे हुए ढेर कीमती पेड़ मिले।

जंगल में धड़ल्‍ले से चल रहा कीमती लकड़ी का कारोबार

टीम ने जंगल से 20 कीमती पेड़ों की लकड़ी को जब्त करने के साथ ही किसने इतनी संख्या में पेड़ों को काटकर रखा था, उसके बारे में छानबीन शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक, नयागढ़ वन मंडल ओडगां वन क्षेत्र में रोहिबा के कदमझार बीट के पास गयालसिंह जंगल में लंबे समय से लकड़ी का कारोबार चल रहा था।

जंगल के अंदर साल, सागौन, कटहल, आम के पेड़ को काटकर एक जगह एकत्र किया गया था। इस संदर्भ में गुप्त सूचना मिलने के बाद ओड़गां वन क्षेत्र, पंछीरीड़ा वन क्षेत्र के कर्मियों साथ नयागढ़ एनफोर्समेंट की संयुक्त टीम ने जंगल में छापा मारकर 20 से अधिक कटे हुए कीमती पेड़ की लकड़ी को जब्त किया है।

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हजारों रुपये हैं इनकी अनुमानित कीमत

हालांकि, यहां सवाल यह है कि जब जंगल के अंदर इतने लंबे समय से लकड़ी काटने का काम चल रहा था, तो वन विभाग को इसकी जानकारी कैसे नहीं मिली। किसके निर्देश पर पर यहां लकड़ी काटकर चीरी जा रही रही थी।

वन अधिकारी निखिलेश मलिक ने कहा है कि जंगल से विशाल शॉल के पांच टुकड़े, सागौन के चार टुकड़े, कटहल के पांच टुकड़े और आम के लकड़ी के दो टुकड़े जब्त किए गए हैं। जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 40,000 रुपये आंकी गई है।

जांच में जुटी वन विभाग की टीम

हालांकि, अब भी वन को यह पता नहीं चला है कि लकड़ी किसकी है और वहां लकड़ी कौन काट रहा था। लकड़ी जब्त होने के बाद लोगों ने मांग की है कि इस मामले की जांच के साथ-साथ ऐसे जंगलों के अंदर चल अवैध कारोबार के बारे में पता लगाया जाए। छापेमारी में फॉरेस्टर सरिता बराल, गार्ड दिलीप कुमार प्रधान, उद्धव प्रधान, बनश्री नायक, मुरलीधर राउत और पंछीरिड़ा वन कर्मचारी शामिल थे।

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