Odisha Train Crash: ट्रेन हादसे में घायल नेपाली युवक की दर्दभरी कहानी, TV पर इंटरव्यू ने परिवार से ऐसे मिलाया
बता दें कि 15 वर्षीय रामानंद पासवान का ओडिशा के अस्पताल के आइसीयू में इलाज चल रहा था जहां उसने टीवी पर एक चैनल पर अपने माता-पिता को देखा। अपने माता-पिता को टीवी पर देखने के बाद उसने प्रशासन को यह सूचना दी। Photo- AP
By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Thu, 08 Jun 2023 11:05 AM (IST)
कटक, पीटीआई। कहते हैं 'जाको राखे साईंया मार सके ना कोय' यानी कि ईश्वर के चाहे बिना किसी का बुरा नहीं हो सकता है। ऐसा ही उदाहरण ओडिशा ट्रेन हादसे से सामने आया है। ओडिशा के एक अस्पताल से दिखाए गये एक नेपाली दंपति के साक्षात्कार ने उन्हें अपने नाबालिग बेटे से मिलने में मदद की, जो दो जून को बालेश्वर ट्रेन हादसे में घायल हो गया था और किसी अन्य अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था।
टीवी पर मां-बाप को देख जगी उम्मीद
जानकारी के अनुसार, 15 वर्षीय रामानंद पासवान का ओडिशा के अस्पताल के आइसीयू में इलाज चल रहा था, जहां उसने टीवी पर एक चैनल पर अपने माता-पिता को देखा। अपने माता-पिता को टीवी पर देखने के बाद उसने प्रशासन को यह सूचना दी।
अस्पताल ने परिवार से मिलाया
इसके बाद, उस अस्पताल ने लड़के को उसके माता-पिता से मिलवाया। लड़के के माता-पिता हादसे की खबर सुनने के बाद उसकी तलाश में नेपाल से ओडिशा आए थे। रामांनद ट्रेन हादसे में घायल हो गया था। इस हादसे में 275 लोगों की मौत हो गई थी।चमत्कारिक रूप से हादसे में बचा युवक
रामानंद के पिता हरि पासवान ने कहा, ''अपने बेटे से मिलकर मैं बहुत खुश हूं। वह हमारे तीन रिश्तेदारों के साथ यात्रा कर रहा था। सभी इस हादसे में अपनी जान गंवा बैठे, लेकिन वह चमत्कारिक रूप से बच गया। केवल उसे चोट आई।''
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि भुवनेश्वर पहुंचने के बाद हरि और उनकी पत्नी अपने बेटे की तलाश में अस्पतालों का चक्कर काट रहे थे। जब वे एम्स भुवनेश्वर पहुंचे, तब उनकी मुलाकात एक स्थानीय टीवी चैनल के पत्रकार से हुई, जिसने उनके दुख को सभी के सामने रखी।इधर, रामानंद ने अस्पताल में लगे टीवी पर अपने माता-पिता को देखा। ये देखने के बाद, उसने उसके बारे में अस्पताल के अधिकारियों को बताया। इसके बाद उसे उसके माता-पिता से मिलवाया गया।अस्पताल प्रशासन ने कहा कि यह हमारे लिए भावुक पल था कि नेपाल का 15 वर्षीय किशोर रामानंद चमत्कारिक रूप से अपने माता-पिता से मिल पाया, जो बालेश्वर ट्रेन हादसे का शिकार हो गया था।
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