Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Odisha: HC ने ओडिशा प्रशासनिक सेवा परीक्षा परिणाम के प्रकाशन पर लगी रोक हटाई, दिव्यांगों के लिए पद आरक्षित

Odisha News न्यायमूर्ति आदित्य कुमार महापात्र की एकल पीठ ने उक्त मामले की सुनवाई करते हुए दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए एक पद आरक्षित रखकर परिणाम के प्रकाशन की अनुमति दी है। दिव्यांग उम्मीदवार सतीश कुमार पाणिग्रही को ओडिशा लोक सेवा आयोग के व्यक्तित्व परीक्षण (पर्सनाल्टी टेस्ट) में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई थी जिसके बाद उन्होंने HC का दरवाजा खटखटाया था।

By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Sat, 29 Jul 2023 05:30 AM (IST)
Hero Image
ओडिशा उच्च न्यायालय ने ओडिशा प्रशासनिक सेवा परीक्षा परिणाम के प्रकाशन पर लगी रोक हटाई।

संवाद सहयोगी, कटक: ओडिशा उच्च न्यायालय ने ओडिशा लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित ओडिशा प्रशासनिक सेवा (ओएएस) 2021 परीक्षा के परिणामों के प्रकाशन पर अंतरिम प्रतिबंध हटा दिया है। हालांकि, अदालत ने निर्देश दिया कि परिणाम के प्रकाशन के समय एक पद आरक्षित किया जाए।

एकल पीठ ने की सुनवाई

न्यायमूर्ति आदित्य कुमार महापात्र की एकल पीठ ने उक्त मामले की सुनवाई करते हुए दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए एक पद आरक्षित रखकर परिणाम के प्रकाशन की अनुमति दी है। दिव्यांग उम्मीदवार सतीश कुमार पाणिग्रही को ओडिशा लोक सेवा आयोग के 'व्यक्तित्व परीक्षण' (पर्सनाल्टी टेस्ट) में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई थी जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और अदालत ने परिणाम के प्रकाशन पर रोक लगा दी थी।

मछली पकड़ने गए थे, उठा लाए 5 फीट का मगरमच्छ, उसके बाद जो हुआ; देखकर रह जाएंगे दंग

हालांकि, अन्य मेधावी उम्मीदवारों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए, ओडिशा लोक सेवा आयोग ने फैसले की समीक्षा की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था। आयोग की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति महापात्र की पीठ ने पहले के आदेश में संशोधन किया।

हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि एक पोस्ट को छोड़कर सभी पदों के लिए परिणाम प्रकाशित किए जा सकते हैं मगर कोर्ट ने साफ किया कि इस एक पद पर हाईकोर्ट की अनुमति के बिना नियुक्ति नहीं की जाएंगी।

दिन में चराते थे सुअर रात में करते थे कांड, खुर्दा पुलिस ने चोरों के अनोखे गिरोह का किया पर्दाफाश

गौरतलब है कि आवेदनकारी पाणीग्राही ने ओडिशा प्रशासनिक सेवा परीक्षा 2021 के लिए दिव्यांग वर्ग में आवेदन किया था। उन्होंने अपने आपको 40 प्रतिशत दिव्यांग दर्शाया था। हालांकि ओडिशा लोकसेवा आयोग ने अपनी नियुक्ति प्रक्रिया (पर्सनाल्टी टेस्ट) में उन्हें शामिल नहीं किया था। आयोग के इस निर्णय के खिलाफ वह हाईकोर्ट में रीट पिटीशन दाखिल किया था।