Bengal News: बंगाल में रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान पुलिस ने हिंसा को बढ़ावा दिया : पूर्व न्यायाधीश
उन्होंने इस घटना की एनआइए से जांच की मांग की। फैक्ट चेक टीम को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में जाने से लगातार दूसरे दिन रोके जाने से भड़के पूर्व न्यायाधीश रेड्डी ने पुलिस के इस कदम की कड़ी आलोचना की।
By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Mon, 10 Apr 2023 04:02 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में रामनवमी पर निकाली गई शोभायात्रा को केंद्र कर हुई हिंसा के कारणों का पता लगाने पटना हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेड्डी के नेतृत्व में दिल्ली से पहुंचे एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की छह सदस्यीय फैक्ट चेक टीम ने रविवार को आरोप लगाया कि पुलिस ने हिंसा को बढ़ावा दिया। पत्रकारों को संबोधित करते हुए पूर्व न्यायाधीश रेड्डी ने बंगाल पुलिस पर मूकदर्शक बने रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि हुगली जिले के रिसड़ा में शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा की पुलिस ने अनुमति दी थी। उन्होंने कहा कि पुलिस व सरकार के समर्थन के बिना इस प्रकार की घटना नहीं हो सकती।
उन्होंने इस घटना की एनआइए से जांच की मांग की। फैक्ट चेक टीम को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में जाने से लगातार दूसरे दिन रोके जाने से भड़के पूर्व न्यायाधीश रेड्डी ने पुलिस के इस कदम की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि हमें हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में जाने की अनुमति नहीं है। यहां तक कि जिन क्षेत्रों में उन्होंने धारा 144 लागू नहीं की है, वहां भी हमें जाने की अनुमति नहीं है। मुझे लगता है कि पुलिस विभाग को पता है कि दौरा करने के बाद उन जगहों से हमें पता चलेगा कि वास्तव में वहां क्या हुआ था। हमें पीडि़तों से मिलने की अनुमति नहीं है। पुलिस का कोई भी व्यक्ति हमारी काल का जवाब नहीं दे रहा है। हमें लगता है कि पुलिस ने हाल की हिंसा को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की और ऐसा होने दिया।
उन्होंने आगे कहा कि बंगाल में पुलिस इस घटना में तानाशाहों की तरह काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में तेलंगाना में एक सांसद को गिरफ्तार किया गया था। बाद में, कई लोगों ने मुझे बताया कि तेलंगाना पुलिस बंगाल पुलिस की तरह काम कर रही थी। पुलिस ने आज जिस तरह से हमारे साथ व्यवहार किया है, उससे पता चलता है कि तुलना सही थी। जिस तरह पुलिस यहां काम कर रही है, उससे लगता है कि देश में कहीं भी इस तरह की तानाशाही नहीं है। पुलिस एक पार्टी के एजेंडे को बढ़ावा देने में लगी है। फैक्ट चेक टीम के एक अन्य सदस्य चारुवाली खन्ना ने कहा कि टीम पीडि़तों से मिलने के लिए फिर से रणनीति बनाएगी।
उल्लेखनीय है कि रविवार को टीम के सदस्यों को पुलिस ने हावड़ा जिले के हिंसा प्रभावित शिवपुर जाने से भी रोक दिया। इसको लेकर पुलिस के साथ टीम के सदस्यों की कहासुनी भी हुई। इससे पहले शनिवार को टीम को हुगली जिले के हिंसा प्रभावित रिसड़ा में भी जाने से पुलिस ने रोक दिया था। पुलिस ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में अब भी निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू होने का हवाला देते हुए वहां जाने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया। बता दें कि इस फैक्ट चेक टीम में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति नरसिम्हा रेड्डी के अलावा सेवानिवृत्त आइपीएस राजपाल सिंह, वकील चारुवाली खन्ना, वकील व पूर्व संयुक्त रजिस्ट्रार ओमप्रकाश व्यास, पत्रकार संजीव नाइक व वकील भावना बजाज शामिल हैं।
ये सभी गैर सरकारी संगठन लायर्स फार जस्टिस के सदस्य हैं। गौरतलब है कि रामनवमी पर निकाली गई शोभायात्रा पर हमले के बाद हावड़ा के शिवपुर में दो समूहों के बीच हिंसा हुई थी, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे। इसके बाद हुगली में भी भाजपा की ओर से निकाली गई यात्रा पर भी हमले के बाद दो समुदायों के बीच हिंसा हुई थी।
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