ओडिशा हाईकोर्ट के तीन नए न्यायाधीश ने ली शपथ, कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सीमित संख्या में हुआ समारोह
Odisha High Court हाईकोर्ट के नए सम्मेलन कक्ष में आयोजित शपथ विधि कार्यक्रम में ओडिशा हाईकोर्ट के नए न्यायाधीश के तौर पर वकील वी. नरसिंह (V. Narasimha) विरजा प्रसन्न शतपथी ( Virja Prasanna Shatpathy) और एम.एस रमण (M.S. Raman) ने शपथ ग्रहण की।
By Babita KashyapEdited By: Updated: Mon, 14 Feb 2022 03:23 PM (IST)
कटक, जागरण संवाददाता। ओडिशा हाईकोर्ट के नए न्यायाधीश के तौर पर हाईकोर्ट के वकील वी. नरसिंह, विरजा प्रसन्न शतपथी और एम.एस रमण ने सोमवार को शपथ ली। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डा.एस.मुरलीधर ने तीन नए न्यायाधीशों को विधि अनुसार पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। हाईकोर्ट के नए सम्मेलन कक्ष में आयोजित शपथ विधि कार्यक्रम में सबसे पहले गृह मंत्रालय की और उनके नियुक्ति संबंधित पत्र को पढ़े जाने के बाद उन्हें मुख्य न्यायाधीश ने शपथ दिलाई। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सीमित संख्या में गण मान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में यह शपथ विधि उत्सव चला। तीनों को न्यायाधीश के तौर पर राष्ट्रपति नियुक्ति देने के बाद इसके बारे में केंद्र कानून मंत्रालय की ओर से विज्ञप्ति प्रकाशित की गई है।
29 जनवरी 2022 को सुप्रीमकोर्ट की कलेजियम ने ओडिशा हाईकोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर इन तीनों वकीलों के नाम के अलावा संजय कुमार मिश्र के नाम की भी सिफारिश की थी। इन चारों की नियुक्ति संबंधित प्रस्ताव को सुप्रीमकोर्ट कालेजियम बैठक में स्वीकार करने के साथ-साथ सिफारिश किया था। लेकिन इनमें से तीन की नियुक्ति संबंधित विज्ञप्ति केंद्र कानून मंत्रालय की ओर से प्रकाशित की गई थी। इन तीन नए न्यायाधीश की नियुक्ति के बाद हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 21 में पहुंची है। हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश स्वर्गीय जस्टिस वी. गोपाल स्वामी और अवसर प्राप्त अतिरिक्त स्कूल इंस्पेक्टर वी.धर्माम्बा के बेटे वी.नरसिंह वर्ष 1967 जनवरी 19 तारीख को पैदा हुए थे।
भुवनेश्वर से स्कूल एवं कालेज की पढ़ाई खत्म करने के बाद कटक के एम.एस ला कालेज से कानून की पढ़ाई खत्म कर एलएलएम की पढ़ाई खत्म की थी। वर्ष 1989 में वकालत में जिंदगी शुरू की थी। वह केंद्र और राज्य सरकार की ओर से मामला संचालन के लिए स्टैंडिंग काउंसिल के तौर पर नियुक्त हुए थे।
ओडिशा हाईकोर्ट में सीबीआई की ओर से मामला संचालन करने की जिम्मेदारी उन्हें दी गई थी। वह कोर्ट मित्र के तौर पर कई अहम मामला संचालन किए हैं। जस्टिस ए.एस नायडू जांच कमीशन के समय राज्य सरकार की ओर से उन्हें स्वतंत्र वकील के तौर पर नियुक्त की गई थी। वह कई सरकारी अनुष्ठान के साथ-साथ साधारण बीमा कंपनी, एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया, एन एच ए आई की ओर से मामला संचालन कर रहे थे। वह एक काबिल वकील के तौर पर जाने जाते हैं। वकील बिरजा सतपथी स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय भगवान सतपथी और प्रभावती सतपथी के बेटे हैं।
वह वर्ष 1981 में जगतसिंहपुर के तिर्तोल हाईस्कूल से मैट्रिक की पढ़ाई खत्म किए थे। बाद में रेवेंशा से एम. काम की पढ़ाई खत्म की बाद में एम.एस ला कालेज एल.एलबी डिग्री हासिल करने के बाद वर्ष 1993 में वकील के तौर पर हाईकोर्ट में कार्य शुरू किया था । वरिष्ठ वकील डॉ अशोक कुमार महापात्र की चेंबर में प्रारंभिक स्तर पर वकालत जिंदगी शुरू करने के बाद वर्ष 1997 स्वतंत्र तौर पर वकालत कार्य करते आ रहे थे। कई गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को कानूनी मदद भी पहुंचा रहे थे। वह एक काबिल वकील के तौर पर जाने जाते है। वकील एम.एस रामण है एम.आर.वी राव और अनुसूया देवी के बेटे 8 जून 1970 को पैदा हुए थे।
1997 में वकील के तौर पर वकालत की जिंदगी शुरू की थी। वह वाणिज्य कर विभाग के अतिरिक्त स्टैंडिंग काउंसिल के तौर पर वर्ष 2009 तक नियुक्त होकर कार्य कर रहे थे। वाणिज्य कर कानून संबंधित पुस्तक रचना क्षेत्र में अपने पिता एम.आर.वी राव को मदद किए थे। संविधान और टैक्स संबंधित कई मामला संचालन कर वह अपना स्वतंत्र पहचान बनाए हैं। गौरतलब है कि, ओडिशा हाईकोर्ट में मंजूरी प्राप्त न्यायाधीश पदवी 27 है। लेकिन इस से पहले हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश को मिलाकर न्यायाधीशों की संख्या 18 थी इन तीन नए न्यायाधीशों शपथ लेने के पश्चात ओडिशा हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 21 हो गई है।
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