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मरीज की रीढ़ की हड्डी में लगा टाइटेनियम जाला: एससीबी मेडिकल के इतिहास में जुड़ा नया अध्याय

कटक एससीबी मेडिकल (SCB Medical) के न्यूरो सर्जरी विभाग (Neuro surgery) के मुख्य डाक्टर प्रोफेसर सुधांशु शेखर मिश्र ने 20 साल की युवती की रीढ़ की हड्डी में टाइटेनियम जाला (Titanium Jala) लगाया है। युवती की पीठ में 3 महीने पहले काफी दर्द महसूस हो रहा था।

By Babita KashyapEdited By: Updated: Tue, 26 Oct 2021 07:59 AM (IST)
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मरीज की रीढ़ की हड्डी में टाइटेनियम जाला लगाया गया
कटक, जागरण संवाददाता। कटक एससीबी मेडिकल के न्यूरो सर्जरी विभाग की तरफ से एक कठिन आपरेशन किया गया है, जिसके चलते एससीबी मेडिकल के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। जानकारी के मुताबिक जाजपुर जिला की एक 20 साल की युवती की पीठ में 3 महीने पहले काफी दर्द महसूस हो रहा था। देखते ही देखते उसका पैर कमजोर होना शुरू हुआ और ठीक से वह चल फिर नहीं पा रही थी। इसके बाद मेडिकल जांच से पता चला कि, उसकी रीढ़ की हड्डी में एक हड्डी यक्ष्मा (ट्यूबरक्लोसिस) बीमारी के चलते खराब हो गई है। इससे वह हड्डी झुकी हुई रहती थी।

न्यूरो सर्जरी विभाग के मुख्य डाक्टर प्रोफेसर सुधांशु शेखर मिश्र ने उसे ठीक करने के लिए तैयारी करते हुए रीढ़ की हड्डी में टाइटेनियम जाला लगाया। प्रोफेसर मिश्र के साथ इस ऑपरेशन में निश्चेतक यानी अनाएस्थेशिया विभाग के डॉक्टर प्रोफेसर निवेदिता पाणी और उन्हें मदद करने के लिए डाक्टर देबाशिष स्वाइं साथ एक टीम तैयार की गई। सी टी वी एस विभाग के मुख्य डाक्टर प्रोफेसर मनोज पटनायक के प्रयास से मरीज के शरीर में मौजूद दो पंजारा हड्डी के बीच मौजूद रीढ़ की हड्डी में एक अस्त्र प्रचार यानी ऑपरेशन किया गया।

वहां पर खराब हो जाने वाली हड्डी को निकाल कर एक टाइटेनियम जाला को लगाया गया और प्लेट एवं स्क्रू के द्वारा उसे अच्छी तरह से स्थापित किया गया है। अस्त्र प्रचार के बाद अभी तक मरीज स्वस्थ है। इस सफल अस्त्र प्रचार यानी ऑपरेशन में डाक्टर दीपक दास, डाक्टर प्रतोष, सिस्टर मंजुला, ज्योत्स्ना, श्यामली ने प्रमुख तौर पर सहयोग किया था।

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